Infosys फाउंडेशन ने की आरोहण सोशल इनोवेशन अवार्ड्स 2023 के विजेताओं की घोषणा
स्वास्थ्यसेवा, शिक्षा एवं महिला सशक्तीकरण के क्षेत्र में अनूठे इनोवेशन के लिए आठ सोशल इनोवेटर्स को दिए गए 2 करोड़ रुपये.
इन्फोसिस की समाजसेवा एवं सीएसआर इकाई इन्फोसिस फाउंडेशन ने अपने आरोहण सोशल इनोवेशन अवार्ड्स के तीसरे संस्करण के विजेताओं की घोषणा की. इस पुरस्कार की शुरुआत 2018 में की गई थी, जिसका लक्ष्य भारत में सामाजिक हित और वंचितों के लाभ की दिशा में अनूठे समाधान प्रदान करने वाले लोगों, टीमों और एनजीओ को चिह्नित करना एवं उन्हें पुरस्कृत करना है.
इस साल इन्फोसिस ने तीन श्रेणियों: स्वास्थ्यसेवा, शिक्षा और महिला सशक्तीकरण में विजेता घोषित किए हैं. 2,400 आवेदनों में से विजेताओं को चुना गया है. विजेताओं का चयन करने वाली ज्यूरी के सदस्यों में पद्मश्री अरविंद गुप्ता, भारतीय टॉय इन्वेंटर और विज्ञान विशेषज्ञ; डॉ. प्रतिमा मूर्ति, निमहांस के मनोचिकित्सा विभाग की प्रमुख एवं निदेशक; सायरी चहल, सीरियल आंत्रपेन्योर, एंजेल इन्वेस्टर और शीरोज एवं महिला मनी की संस्थापक; सुमित विरमानी, ट्रस्टी, इन्फोसिस फाउंडेशन; सुनील कुमार धारेश्वर, ट्रस्टी, इन्फोसिस फाउंडेशन शामिल थे.
प्रत्येक विजेता को 50 लाख रुपये की पुरस्कार राशि प्रदान की गई. आरोहण सोशल इनोवेशन अवार्ड्स 2023 की विभिन्न श्रेणियों में विजेताओं के नाम निम्नलिखित हैं:
- स्वास्थ्यसेवा- हैदराबाद के सुब्रह्मण्यम प्रसाद मुद्दम और अकिता कोलाजू, जिन्होंने 'एनलाइट360' को विकसित किया है. यह एडवांस्ड, पोर्टेबल, स्टैंडअलोन और बैटरी से चलने वाला स्मार्ट फोटोथेरेपी डिवाइस है, जो पीलिया की गंभीर स्थिति में मरीज की जरूरत के अनुरूप (कस्टमाइज्ड) इलाज देने में सक्षम है.
- शिक्षा- बेंगलुरु के सीताराम मुतंगी, जिन्होंने 'स्मार्ट विजन ग्लास' बनाया है. यह आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से लैस असिस्टिव डिवाइस है, जो दृष्टिबाधित लोगों को वस्तु एवं व्यक्तियों को पहचानने, दूरी का अंदाजा लगाने, रुपये पहचानने, और भारतीय भाषाओं में लिखी किताबें एवं पांडुलिपियां पढ़ने आदि में सक्षम बनाता है.
- महिला सशक्तीकरण- पुणे का एनजीओ शेल्टर एसोसिएट्स, जिसने 'वन होम वन टॉयलेट' बनाया है. यह शहरी वंचित महिलाओं को स्वच्छ घरेलू शौचालय उपलब्ध कराने का डाटा आधारित मॉडल है.
इन्फोसिस फाउंडेशन के चेयरमैन सलिल पारेख ने कहा, "समाज की वास्तविक एवं जटिल समस्याओं का समाधान उद्देश्यपूर्ण इनोवेशन से ही संभव है. आरोहण सोशल इनोवेशन अवार्ड्स से न केवल ऐसे इनोवेशन को सम्मानित किया जाता है, बल्कि ऐसे सामाजिक इनोवेटर्स को आगे बढ़ने एवं सशक्त होने में उनकी सहायता की जाती है, जिससे वे ज्यादा से ज्यादा लोगों पर सकारात्मक प्रभाव डालने में सक्षम हों. हम प्रतिभागियों की सराहना करते हैं और स्वास्थ्यसेवा, शिक्षा एवं महिला सशक्तीकरण के क्षेत्र में योगदान के लिए विजेताओं को बधाई देते हैं. यह थीम समानतापूर्ण भविष्य की दिशा में हम सभी को आगे बढ़ाने के इन्फोसिस फाउंडेशन के प्रयासों के केंद्र में है."
उपरोक्त श्रेणी में विजेताओं के साथ-साथ ज्यूरी ने पांच और सोशल इनोवेशन को चिह्नित किया और उनमें से प्रत्येक के इनोवेटर को 10 लाख रुपये का पुरस्कार दिया गया. ज्यूरी की तरफ से विशेष पुरस्कार पाने वाले इनोवेशंस हैं:
- श्वास: सांस से जुड़ी बीमारियों की स्क्रीनिंग एवं डायग्नोसिस के लिए यह एक आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस प्लेटफॉर्म है, जिसे हैदराबाद के नारायण राव श्रीपद, मनमोहन जैन और वेंकट येचुरी ने बनाया है.
- सिकलसेर्ट: सिकल सेल एनीमिया के लिए किफायती एवं एक्युरेट पॉइंट ऑफ केयर, जिसका प्रयोग प्रोग्नोसिस एवं ट्रीटमेंट सेटअप में भी किया जा सकता है. इसे बेंगलुरु के प्रोफेसर साई सिवा गोर्ती, अरुण बालासुब्रमण्यन, राजेश श्रीनिवासन और यतीश प्रसाद दसारी ने बनाया है.
- पोर्शिया: यह सेल्फ कंटेंड पोर्टेबल ऑक्सीजन जनरेटर है, जिससे प्री-हॉस्पिटल या प्री-एम्बुलेटरी मेडिकल इमरजेंसी की स्थिति में बिजली, बैटरी या कुशल हेल्थकेयर जानकार के बिना ही निर्बाध रूप से मेडिकल-ग्रेड ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा सकती है. इसे बेंगलुरु के जॉन जॉय और संजय के पिल्लई ने बनाया है.
- एमवोलियो: यह एक पोर्टेबल और बैटरी से संचालित रेफ्रिजरेशन डिवाइस है, जो वैक्सीन को एक से दूसरे स्थान तक ले जाने में सहायक है. इसे मणिपाल के मयूर यू शेट्टी ने बनाया है.
- मोढा पेडल ऑपरेटिंग मशीन: इसका उद्देश्य महिला हथकरघा बुनकरों को घुटनों के लगातार दर्द और कमर दर्द से निजात दिलाते हुए उनके लिए काम करते रहने को आसान बनाना है. इसे हैदराबाद के शिवकुमार मोढा ने बनाया है.
इन्फोसिस फाउंडेशन के ट्रस्टी सुमित विरमानी ने कहा, "हम सभी प्रतिभागियों और विजेताओं की सराहना करते हैं, जिन्होंने सबसे ज्यादा जरूरतमंद लोगों के बेहतर भविष्य के लिए अथक प्रयास किया. हमें उम्मीद है कि आरोहण सोशल इनोवेशन अवार्ड्स से और भी लोग सामाजिक बदलाव में योगदान के लिए प्रेरित हुए होंगे. आरोहण अवार्ड्स के तीसरे संस्करण में प्रतिस्पर्धा के लिए सामने आए सोशल इनोवेशंस की उच्च क्षमता ने ज्यूरी के सदस्यों को बहुत प्रभावित किया और इसी कारण ऐसे इनोवेटर्स को सहयोग देने और ज्यादा से ज्यादा लोगों एवं समुदाय को प्रभावित करने में सक्षम बनाने के लिए हमने 'ज्यूरी स्पेशल अवार्ड्स' की भी घोषणा की है."
Edited by रविकांत पारीक