प्रयागराज की इस लड़की ने महज 21 वर्ष की उम्र में प्रोफेशनल स्काई-डाइविंग लाइसेन्स हासिल कर बनाया रिकार्ड
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज शहर की अनामिका ने महज 21 साल की उम्र में 'ए' श्रेणी के पेशेवर यूएसपीए लाइसेंस प्राप्त करने का रिकार्ड अपने नाम किया है। इस रिकॉर्ड के साथ वह अब देश की पांचवीं महिला पेशेवर स्काई-डाइवर बन चुकी हैं।
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज शहर की अनामिका ने महज 21 साल की उम्र में 'ए' श्रेणी के पेशेवर यूएसपीए लाइसेंस प्राप्त करने का रिकार्ड अपने नाम किया है। इस रिकॉर्ड के साथ वह अब देश की पांचवीं महिला पेशेवर स्काई-डाइवर बन चुकी हैं।
अनामिका स्काई डाइविंग प्रोफेशनल होने के साथ-साथ इंजीनियर भी हैं। जब उनकी उम्र की अन्य महिलाएं अपने दोस्तों और फैमिली के साथ घूमना, फिरना पसंद करती हैं। उस आयु में इस लकड़ी ने इतना बड़ा रिकॉर्ड अपने नाम कर डाला,जो अपने आप में गर्व की बात है।
अनामिका ने प्रारम्भिक शिक्षा प्रयागराज (इलाहाबाद) में रहते हुए प्राइवेट संस्थानों से पूरी की है। इसके बाद वह बीटेक की डिग्री लेने के लिए बेंगलुरु चली गईं। जहां वह अपनी इंजीनियरिंग करते हुए ही स्काई-डाइविंग में भी हाथ आजमाने लगीं।
मां ने जताई थी नाराजगी
मीडिया से बात करते हुए अनामिका कहती हैं, “स्काई-डाइविंग के क्षेत्र में कदम रखने पर शुरुआती समय में मेरी मां ने थोड़ी नाराजगी जरूर जताई, लेकिन पिता और उनके एक खास दोस्त संतोष नागराज जी के समर्थन के बाद मुझे इस राह में आगे बढ़ने का हौसला मिला, जिसके बाद परिवार के अन्य लोगों ने भी मेरा पूरा साथ दिया। आज मुझे देश की पाँचवीं महिला पेशेवर स्काई-डाइवर होने पर बहुत गर्व महसूस हो रहा है।”
उन्होंने कहा, "अब जब हर कोई महिला सशक्तिकरण की बात करता है और हम देखते हैं कि लड़कियां हर क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रही हैं तो इस क्षेत्र में भी लड़कियों को जरूर आना चाहिए। इस सेक्टर में चुनौतियां अवश्य हैं लेकिन राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर करियर बनाने की काफी गुंजाइश है।”
कैसे हुई शुरुआत
अनामिका को सबसे पहले पिता और उनके अजीज मित्र संतोष नागराज द्वारा स्काई-डाइवर बनने के लिए प्रशिक्षित किया गया था। संतोष स्वयं स्काई-डाइवर हैं। उनके पास यूनाइटेड स्टेट्स पैराशूट एसोसिएशन से स्वीकृत डी कैटेगरी का वैध लाइसेंस हैं।
अनामिका ने एक प्रोफेशनल्स स्काई-ड्राइवर बनने के लिए पेशेवर ढंग से साल 2021 के अगस्त-सितंबर महीने में मास्को जाकर ट्रेनिंग की। इसके बाद उन्होंने दुबई जाकर अपना आगे का प्रशिक्षण पूरा किया। वह अब तक करीब 42 बार कूद चुकी हैं, जिसमें सोलो जम्प और ग्रुप जम्प दोनों ही शामिल है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जाने की है तैयारी
एक रिपोर्ट के मुताबिक, अनामिका और उनके साथ के लोग अब एक अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता की तैयारी में जुटे हैं, जो जल्द ही चार साल बाद आयोजित की जाएगी। यह प्रतियोगिता न केवल उनके लिए महत्वपूर्ण है बल्कि हमारे और आपके लिए भी बेहद खास है। इसलिए अनामिका अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए तैयारी करने में जुटी हैं। ये प्रतियोगिता इतनी महत्वपूर्ण इसलिए भी है, क्योंकि आज तक किसी भी भारतीय ने इसमें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भाग नहीं लिया है।
वह कहती हैं, "सरकार जल्द ही नेशनल एयर स्पोर्ट्स पॉलिसी लाएगी, जो खेल के इस चुनौतीपूर्ण क्षेत्र को भी आवश्यक बढ़ावा देने के लिए तैयार है और हमारे देश की बेटियों को विदेशी समकक्षों खिलाड़ियों के समकक्ष कड़ी चुनौती देने के लिए तैयार करेगा।"
गौरतलब है, कि अनामिका की मां प्रियंका कुमारी अभी भी अपनी बेटी को लगभग 14,000 फीट की ऊंचाई से छलांग लगाते हुए देखने से डरती हैं।
Edited by Ranjana Tripathi