अरबों रुपये खर्च करके फ्री में IPL दिखाने जा रही है Reliance, फिर कमाई कहां से करेगी?
अगर आप ऐसा सोच रहे हैं की 2.7 बिलियन डॉलर यानी करीब 2,23,49,88,45,000 रुपये खर्च करने के बाद अंबानी की मैच मुफ्त में ब्रॉडकास्ट करेगी और जरा सी भी कमाई नहीं करेगी तो आप गलत सोच रहे हैं. रिलायंस छोटी मोटी नहीं बल्कि मोटी तगड़ी कमाई का प्लान तैयार करके बैठी हुई है. आइए जानते हैं.....
अरबपति कारोबारी मुकेश अंबानी( Mukesh Ambani) ने वायकॉम18(Viacom18) के जरिए IPL2023 के डिजिटल मीडिया राइट्स हासिल किए हैं. कंपनी ने जियो सिनेमा(Jio Cinema) पर मुफ्त आईपीएल प्रसारण का फैसला किया है.
दर्शकों के लिहाज से तो ये खबर दिल खुश कर देने वाली है, लेकिन सवाल ये है कि एक कंपनी होने के नाते जिस राइट्स से कंपनियां करोड़ों की कमाई करती रहीं हैं उसे रिलायंस ने मुफ्त में दिखाने का फैसला क्यों किया है?
अगर आप ऐसा सोच रहे हैं की 2.7 बिलियन डॉलर यानी करीब ₹ 2,23,49,88,45,000 खर्च करने के बाद अंबानी की मैच मुफ्त में ब्रॉडकास्ट करेगी और जरा सी भी कमाई नहीं करेगी तो आप गलत सोच रहे हैं. रिलायंस छोटी मोटी नहीं बल्कि मोटी तगड़ी कमाई का प्लान तैयार करके बैठी हुई है. आइए जानते हैं.....
यहां से होगी कमाई
आईपीएल मैच डिजिटल प्लेटफॉर्म्स और केबल टीवी चैनल्स इन्हीं दो जगहों पर दिखाए जाएंगे. डिजिटल राइट्स तो रिलायंस ने खरीद लिए हैं. इसलिए डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर आने वाले सभी ऐड्स से उसकी कमाई होनी तय है.
लेकिन रिलायंस ये सुनिश्चित करने में लगी हुई है कि डिज्नी के पास अधिक ऐडवर्टाइर्जस ना जाएं. इसके लिए उसने दांव भी चल दिया है, जिसकी वजह से 1.7 करोड़ केबल टीवी यूजर्स को स्टार स्पोर्ट्स पर आईपीएल देखने के लिए ज्यादा भुगतान करना होगा.
लिंक्डइन कंटेंट क्रिएटर जयंत मुद्रा ने इस पूरे मामले पर आंकलन करते हुए अपने पोस्ट में बताया है कि IPL 2023 के दौरान रेवेन्यू बढ़ाने के लिए रिलायंस ने क्या चाल चली है.
उनके मुताबिक भारत में 14 करोड़ केबल सर्विस से टीवी देखने वाले लोग हैं, इनमें से 1.7 करोड़ लोगों को मुख्यतः 3 केबल ऑपरेटर्स सर्विस देते हैं- GTPL Hathway ltd(80लाख), Hathway cable & Datacom Ltd(47लाख), DEN Networks Ltd(40लाख).
दिलचस्प बात ये है कि रिलायंस DEN देते Hathway में रिलायंस मेजॉरिटी स्टेकहोल्डर है और GTPL Hathway में 28 फीसदी हिस्सेदारी है. इस तरह रिलायंस 1.7 करोड़ से ज्यादा टीवी स्क्रीन्स को केबल सर्विस दे रही है. सब्सक्राइबर्स को किस पैकेज के अंदर कौन से चैनल दिखाए जाएंगे इसका फैसला भी रिलायंस ही करेगी. यही इसकी कमाई का बड़ा जरिया बनने वाला है.
पिछले साल के आंकड़ों के मुताबिक आईपीएल के जरिए 4500 करोड़ का रेवेन्यू आया था. चूंकि, ऐड इंडस्ट्री खुद भी प्रेशर में है इसलिए रेवेन्यू कुछ कम भी हो सकता है.
किसके हिस्से कितना रेवेन्यू
बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक 11 बड़े स्पॉन्सर्स के अलावा 60 अन्य एडवर्टाइर्जस जिसमें कोका-कोला, पेप्सिको, टाटा ग3ुप, एशियन पेंट्स, ड्रीम11, मोबाइल डिवाइस मेकर वीवी जैसे बड़ी कंपनियों के साथ डील फाइन कर चुकी है. इस डील से डिज्नी को 2000 से 2400 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है.
लेकिन जियो डिज्नी का रेवेन्यू के मोर्चे पर कड़ी टक्कर दे रही है. रिपोर्ट के मुताबिक उसने देश भर में 700 से 750 एडवर्टाइजर्स के साथ डील साइन की है. ज्यादा से ज्यादा ऐड्स लाने के लिए उसने गूगल ऐड्स और अमेरिकी टेक स्टार्टअप मोलोको के साथ साझेदारी की है, जो छोटे और मिडियम पर फोकस करेंगी.
Disney अपने 22 स्टार स्पोर्ट्स चैनल (इंग्लिश, हिंदी, तेलुगु जैसे भाषा) के जरिए इस साल आईपीएल दिखाने की तैयारी कर रहा है. डिज्नी ने जियोसिनेमा के फ्री आईपीएल ब्रॉडकास्टिंग के बावजूद एडवर्टाइजर्स को रेकॉर्ड टीवी व्यूअरशिप का वादा किया है. जाहिर से बात है अगर एडवर्टाइजर्स को डिज्नी के वादे के मुताबिक व्यूअरशिप नहीं मिली तो वे कॉन्ट्रैक्ट में मोलभाव करेंगे.
रिलायंस ने केबल ऑपरेटर्स के साथ जो दांव खेला है उससे ये होना लगभग लगभग तय है. इन तीनों कंपनियों ने अपने बेस पैकेज से स्टार स्पोर्ट्स चैनल्स को बाहर कर दिया है. GTPL Hathway ने आधिकारिक रूप से कह दिया है कि उसके 325 रुपये वाले बेस प्लान में 1 अप्रैल से स्टार स्पोर्ट्स के चैनल नहीं होंगे.
ऐसे में अगर दर्शकों को टीवी पर IPL देखने के लिए महंगा पैकेज लेना पड़ेगा. या फिर अलग से सिर्फ स्टार स्पोर्ट्स चैनल खरीदना होगा. तीसरा रास्ता बचता है टाटा प्ले, डिश टीवी और एयरटेल डीटीएच जैसे डीटीएच प्लेयर्स पर शिफ्ट होना. यहां पर भी आईपीएल के लिए चार्जेज महंगे ही रहने वाले हैं.
इस तिगड़म के बीच दर्शकों के पास जियोसिनेमा पर आईपीएल मुफ्त में देखने का विकल्प होगा और इस तरह यहां व्यूअरशिप बढ़ेगी. लिहाजा रेवेन्यू में इजाफा होगा.
रिलायंस ने ये कदम ऐसे समय में उठाया है जब आईपीएल को शुरू होने में महज 7 दिन बचे हैं. इसलिए डिज्नी के पास इस रणनीति का काट निकालने के लिए अधिक समय नहीं होगा.
डिज्नी दो ही काम कर सकती है- पहला तीनों केबल ऑपरेटर्स के साथ बातचीत करके कोई समाधान निकाले. दूसरा तरीका है- डिज्नी एडवर्टाइजर्स को भरोसा दिलाए कि उन्हें पर्याप्त व्यूअरशिप मिलेगी और कॉन्ट्रैक्ट में मोलभाव करने की जरूरत नहीं है.
दूसरी तरफ अगर डिज्नी ने किसी तरह केबल ऑपरेटर्स को स्टार स्पोर्ट्स बेस पैकेज में शामिल करने के लिए राजी भी कर लिया तो इसके लिए उसे केबल ऑपरेटर्स के साथ अपना अग्रीमेंट बदलना होगा.
अगर डिज्नी इन तीन केबल ऑपरेटर्स के साथ अग्रीमेंट में बदलाव को तैयार हो जाती है तो बाकी ऑपरेटर भी इसकी मांग करेंगे. इस तरह रिलायंस ने डिज्नी के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं.
मीडिया प्लानर्स का अंदाजा है कि जियो कुल रेवेन्यू का कम से कम 60 फीसदी हासिल कर सकती है. अब ये तो सीजन खत्म होने के बाद ही मालूम पड़ेगा कि किसके हिस्से कितना मलाई आई.