IRDA ने बताया - इंश्योरेंस सेक्टर में पांच साल तक 50,000 करोड़ रुपये सालाना पूंजी की जरूरत
January 22, 2023, Updated on : Sun Jan 22 2023 06:08:34 GMT+0000

- +0
- +0
भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDA) के प्रमुख देवाशीष पांडा ने हाल ही में कहा कि इंश्योरेंस इंडस्ट्री को अगले पांच वर्षों में अपनी पहुंच को दोगुना करने के लिए प्रति वर्ष 50,000 करोड़ रुपये पूंजी की जरूरत होगी. उन्होंने उद्योग मंडल सीआईआई (CII) के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि कारोबारी समूहों को इंश्योरेंस सेक्टर में पूंजी लगाने के बारे में सोचना चाहिए.
उन्होंने कहा कि जीवन बीमा कंपनियों के मामले में इक्विटी पर रिटर्न 14 प्रतिशत और जनरल बीमा कंपनियों के लिए 16 प्रतिशत है. वहीं, शीर्ष पांच बीमा कंपनियों का इक्विटी पर मिलने वाला रिटर्न 20 प्रतिशत तक है.
इंश्योरेंस रेगुलेटर प्रमुख के मुताबिक, इंश्योरेंस सेक्टर बेहद प्रतिस्पर्धी उद्योग है जिसमें लगभग दो दर्जन लाइफ इंश्योरेंस कंपनियां और 30 से अधिक जनरल इंश्योरेंस कंपनियां सक्रिय हैं. वित्त वर्ष 2020-21 के अंत तक इंश्योरेंस की कुल पहुंच 4.2 प्रतिशत थी.

भारतीय बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (IRDA) के प्रमुख देवाशीष पांडा ने कहा, "अगर हमें इस पहुंच को दोगुना करना है तो हर साल 50,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त पूंजी डालने की जरूरत है."
उन्होंने कहा कि सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की मौजूदा वृद्धि दर, मुद्रास्फीति और पहुंच का विश्लेषण करने के बाद अतिरिक्त पूंजी जरूरत का अनुमान लगाया गया है. उन्होंने कहा कि मार्च के बाद वह इस बारे में बीमा कंपनियों के प्रमुखों के साथ चर्चा करेंगे. पांडा ने कहा, "मैं इस देश में मौजूद कंपनियों और अपना पैसा लगाने की मंशा रखने वाले निवेशकों तक पहुंचना चाहूंगा."
उन्होंने कहा कि लक्ष्य अगले पांच वर्षों में बीमा की पहुंच को दोगुना करना है. उन्होंने आजादी के सौ साल पूरा होने यानी वर्ष 2047 तक सभी का बीमा करने को संभव बताते हुए कहा कि इसके लिए क्रमिक विकास जारी रखना होगा. भारत इस समय बीमा कारोबार में दुनिया का दसवां सबसे बड़ा बाजार है और वर्ष 2032 तक यह छठा सबसे बड़ा बाजार हो जाएगा.
इरडा प्रमुख ने कहा, "हमें बीमा के वितरण के तरीके पर नए सिरे से विचार करना होगा." उन्होंने बीमाकर्ताओं से लोगों की बदलती जरूरतों के अनुरूप पेश करने पर ध्यान देने को भी कहा है.
Edited by रविकांत पारीक
- +0
- +0