इसरो ने लॉन्च किया पीएसएलवी C-45, सीमा पर दुश्मनों पर रखी जा सकेगी नजर
अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में भारत नित नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। अभी दो दिन पहले ही मिशन शक्ति की सफलता की घोषणा की गई थी अब इसरो ने एक और सैटलाइट अंतरिक्ष में भेजा है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान यानी इसरो ने पीएसएलवी C-45 रॉकेट को अंतरिक्ष में भेजा है। इस सैटलाइट को सोमवार 9:27 बजे प्रक्षेपित किया गया। इसे सतीश धवन स्पेस सेंटर श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया गया।
इस सफल अभियान के तहत पीएसएलवी C-45 ने EMISAT सैटलाइट को लॉन्च कर दिया है। यह इसरो और डीआरडीओ का संयुक्त मिशन है। इसके बाद अब बाकी नैनो 28 सैटलाइट्स भी लॉन्च किए जाएंगे जिनमें अमेरिका के 24 सैटलाइट्स शामिल हैं। वहीं एक सैटलाइट लिथुआनिया, एक स्पेन और एक स्विट्जरलैंड का सैटाइट शामिल है। इसरो का यह पहला ऐसा मिशन है, जिसे तीन अलग-अलग कक्षाओं में सैटलाइट्स को स्थापित करने के लिए भेजा गया।
इनमें सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है EMISAT जो कि इलेक्ट्रॉनिक इंटेलिजेंस सैटलाइट है। इसकी मदद से शत्रुओं पर नजर रखी जा सकी। आपको बता दें कि पहले इसे बीते माह 12 मार्च को लॉन्च किया जाना था, लेकिन मौसम सही न होने की वजह से इसे 1 अप्रैल तक के लिए टाल दिया गया। आमतौर पर सैटलाइट्स सिर्फ वैज्ञानिकों की देखरेख और उनके बीच ही लॉन्च किए जाते हैं, लेकिन यह पहला ऐसा मिशन है जिसे आम लोगों के बीच में लॉन्च किया गया।
यह इसरो का 47वां मिशन था। EMISAT सैटलाइट की मदद से सीमा पर शत्रुओं पर नजर रखी जा सकेगी। इस सैटलाइट का वजन 436 किलोग्राम है। यह इलेक्ट्रिक मैग्नेटिक स्पेक्ट्रम को मापता है। इस मिशन पर इसरो ने पीएसएलवी के साथ तीन प्रायोगिक पे लोड भी भेजे हैं।
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