ह्यूमनॉइड महिला रोबोट 'व्योममित्र' को अंतरिक्ष भेजेगा इसरो, गगनयान से पहले तैयारी होगी पुख्ता
इसरो अपने ह्यूमनॉइड रोबोट 'व्योममित्र' को अंतरिक्ष यात्रियों के साथ नहीं भेजेगा, बल्कि इस रोबोट को गगनयान मिशन के पहले मानवरहित लॉन्चिंग का हिस्सा बनाया जाएगा।
इसरो ने गगनयान मिशन को लेकर जारी अपनी तैयारियों के संदर्भ में एक बड़ी जानकारी साझा की है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो ने मिशन गगनयान के लिए तैयार किए गए ह्यूमनॉइड की पहली झलक जारी की है।
मिशन गगनयान के तहत अंतरिक्ष में मनुष्य को भेजने से पहले इसरो इस ह्यूमनॉइड को परीक्षण के तौर पर अंतरिक्ष में भेजेगा। ‘व्योममित्र’ नाम के इस रोबोट को इसरो, इंटरनेशनल एकेडमी ऑफ एस्ट्रोनॉटिक्स और एस्ट्रोनॉटिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित संगोष्ठी के उद्घाटन के मौके पर प्रदर्शित किया गया।
संगीष्ठी में इसरो चीफ सिवान ने बताया है कि इसरो चरणबद्ध तरीके से आगे बढ़ रहा है। इसरो दिसंबर 2020 और जून 2021 में मानव रहित अंतरिक्षयान आकाश में भेजेगा, इसके बाद दिसंबर 2021 में इसरो अपने अंतरिक्षयात्रियों के साथ अंतरिक्षयान को लॉन्च करेगा।
इस रोबोट को इसरो अंतरिक्ष यात्रियों के साथ नहीं भेजेगा, बल्कि इस रोबोट को गगनयान मिशन के पहले मानवरहित लॉन्चिंग का हिस्सा बनाया जाएगा।
गगनयान मिशन के तहत अंतरिक्षयात्रियों को भेजने से पहले इसरो इसे पूरी तरह पुख्ता कर लेना चाहता है। अंतरिक्षयात्रियों से पहले ह्यूमनॉइड को भेजकर इसरो सुरक्षा और तकनीकी मानकों पर इस मिशन को खरा बनाना चाहता है।
इसरो इसके लिए दो मानवरहित मिशन लॉन्च करेगा, जिससे मुख्य मिशन में गलती की कोई संभावना न रहे। ह्यूमनॉइड में मानव शरीर से संबन्धित कुछ मशीनों को भी लगाया गया है, इसके तहत अंतरिक्ष में मानव शरीर में होने वाले बदलावों का भी अध्ययन किया जाएगा।
गगनयान के तहत इसरो देश के अंतरिक्षयात्रियों को सात दिन अंतरिक्ष में रखेगा। ये अंतरिक्षयात्री पृथ्वी की लो ऑर्बिट में चक्कर लगाएंगे। इसरो ने इस मिशन के लिए भारतीय वायु सेना से अंतरिक्षयात्रियों का चुनाव किया है। इन जवानों की मिशन से संबन्धित जरूरी ट्रेनिंग रूस में होनी है, इस ट्रेनिंग की अवधि 11 महीने तय हुई है, इसके बाद ये अंतरिक्षयात्री भारत आकर क्रू मॉड्यूल पर भी ट्रेनिंग लेंगे।
गगनयान में अंतरिक्षयात्रियों के साथ ‘व्योममित्र’ को भेजा जाएगा या नहीं यह अभी स्पष्ट नहीं है। चूंकि गगनयान में सिर्फ तीन अंतरिक्षयात्रियों (गगननॉट्स) के लिए ही जगह मौजूद है, ऐसे में रोबोट को उनके साथ भेजना कितना मुफीद रहेगा यह अभी तय नहीं हो सका है।
इसके पहले चर्चा की थी इसरो अपने इस मिशन से पहले अंतरिक्ष में जानवर को भेजेगा, लेकिन इसरो ने इससे साफ इंकार कर दिया। इसके पहले अमेरिका और रूस ने अपने शुरुआती मिशन में इस काम के लिए जानवर का सहारा लिया था।