ISRO अब मंगल ग्रह पर भेजेगा हेलीकॉप्टर: रिपोर्ट
रिपोर्ट्स के अनुसार, ISRO मंगल ग्रह पर एक लैंडर भेजने की योजना बना रहा है. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि मंगल की सतह पर उतरने के बाद लैंडर एक रोवर के साथ-साथ एक रोटोकॉप्टर (हेलीकॉप्टर) भी उतारेगा.
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) कथित तौर पर मंगल ग्रह पर एक और महत्वाकांक्षी मिशन की योजना बना रहा है.
रिपोर्ट्स के अनुसार, इसरो मंगल ग्रह पर एक लैंडर भेजने की योजना बना रहा है. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि मंगल की सतह पर उतरने के बाद लैंडर एक रोवर के साथ-साथ एक रोटोकॉप्टर (हेलीकॉप्टर) भी उतारेगा.
ख़बर के मुताबिक, भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी मंगल ग्रह पर ड्रोन या रोटोकॉप्टर भेजने की योजना बना रही है. यह ड्रोन नासा के Ingenuity क्वाडकॉप्टर जैसा होगा. Ingenuity ने तीन वर्षों में मंगल ग्रह पर 72 उड़ानें भरीं. इसने 18 किलोमीटर की यात्रा करते हुए दो घंटे से अधिक की उड़ान का समय जमा किया. नासा के अनुसार, यह योजना से 14 गुना अधिक दूर है. इसकी ऊंचाई 24 मीटर तक थी और इसकी गति 36 किमी प्रति घंटे तक थी.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसरो का रोटरक्राफ्ट अभी भी वैचारिक चरण में है. इसमें तापमान सेंसर, आर्द्रता सेंसर, दबाव सेंसर, पवन गति सेंसर, विद्युत क्षेत्र सेंसर, ट्रेस प्रजाति और धूल सेंसर जैसे कई उपकरण होने की उम्मीद है.
मंगल ग्रह के वातावरण की रूपरेखा तैयार करने के लिए हेलीकॉप्टर के मंगल ग्रह की पतली हवा में 100 मीटर तक ऊंची उड़ान भरने की उम्मीद है.
रिपोर्ट्स के अनुसार, ड्रोन को मार्टियन बाउंड्री लेयर एक्सप्लोरर (मार्बल) नामक एक उपकरण सूट से सुसज्जित किया गया है, जिसे मंगल ग्रह के हवाई अन्वेषण के लिए डिज़ाइन किया गया है.
रिपोर्ट बताती है कि ड्रोन वायुमंडलीय कारकों की ऊर्ध्वाधर प्रोफाइलिंग करेगा और मंगल की निकट-सतह सीमा परतों के भीतर-सीटू माप करेगा.
यह अनुमान लगाया गया है कि मार्बल मिशन मंगल ग्रह के मौसम के पैटर्न और ग्रह की ऐतिहासिक जलवायु के बारे में हमारी समझ को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण डेटा प्रदान करेगा. यह जानकारी भविष्य की स्थितियों और संभावित खतरों के पूर्वानुमान के साथ-साथ आगामी अन्वेषण मिशनों की रणनीतिक योजना में सहायता के लिए आवश्यक है.
इससे पहले 2013 में, इसरो अपने मार्स ऑर्बिटर मिशन (MOM) के साथ मंगल की कक्षा में सफलतापूर्वक अंतरिक्ष यान भेजने वाली चौथी अंतरिक्ष एजेंसी बन गई थी, जो मंगल ग्रह पर भारत का पहला अंतरग्रहीय मिशन था. इसे 05 नवंबर 2013 को PSLV-C25 से लॉन्च किया गया था.