Softbank ने लॉजिस्टिक्स कंपनी Delhivery में 954 करोड़ रुपये के शेयर बेचे
जापान के सॉफ्टबैंक (Softbank) ने ने बुधवार को बल्क डील के जरिए गुड़गांव स्थित लॉजिस्टिक्स फर्म
में 954 करोड़ रुपये के 3.85% यानि कि 2.8 करोड़ शेयर बेचे हैं. इस डील में प्रति शेयर कीमत 340.80 रुपये रही. (SoftBank sells shares worth Rs 954 crore in Delhivery)पहले ख़बर आई थी कि सॉफ्टबैंक ग्रुप (Softbank Group) बुधवार को ब्लॉक डील के जरिए Delhivery में 600 करोड़ रुपये के शेयर बेचना चाहता है. ईटी ने इसकी जानकारी दी. साथ ही यह भी बताया गया कि अच्छी मांग मिलने पर सॉफ्टबैंक ग्रुप साइज बढ़ाने पर विचार कर सकता है.
सॉफ्टबैंक लॉजिस्टिक्स कंपनी में सबसे बड़ा पब्लिक स्टेकहोल्डर है, जिसकी अपनी यूनिट SVF Doorbell (Cayman) Ltd. के माध्यम से 31 दिसंबर, 2022 तक 18.42% हिस्सेदारी है. सॉफ्टबैंक ने अक्टूबर 2018 में कंपनी में 22% से अधिक हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया था.
फरवरी में, Delhivery के शेयरों में लगभग 15% की वृद्धि हुई. पिछले साल जून में लिस्टिंग के बाद से यह दूसरी बार है जब स्टॉक ने एक महीने में डबल डिजिट रिटर्न दिया है.
आपको बता दें कि Delhivery ने पिछले साल मई में 487 रुपये के इश्यू प्राइस पर अपना IPO लॉन्च किया था. बुधवार को कंपनी के शेयर 1.23% बढ़कर 348.40 रुपये पर बंद हुए.
पिछले हफ्ते अमेरिकी इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट फर्म टाइगर ग्लोबल मैनेजमेंट (Tiger Global Management) ने खुले बाजार के जरिए Delhivery में 1.7 फीसदी हिस्सेदारी 414 करोड़ रुपये में बेची. दिसंबर के अंत तक, टाइगर ग्लोबल ने अपनी वेंचर कैपिटल फर्म के माध्यम से कंपनी में 4.68% हिस्सेदारी रखी.
Delhivery भारत की सबसे बड़ी लॉजिस्टिक्स कंपनियों में से एक है, जिसके पास वैल्यू चेन में फुल-स्टैक सॉल्यूशंस हैं.
कंपनी का घाटा बढ़ता ही जा रहा है. इसने एक साल पहले की तिमाही में 127 करोड़ रुपये के शुद्ध नुकसान के मुकाबले 195.7 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा दर्ज किया. परिचालन से इसका राजस्व अक्टूबर-दिसंबर की अवधि में घटकर 1,823.8 करोड़ रुपये रह गया, जो एक साल पहले की तिमाही में 2,019 करोड़ रुपये था.
Delhivery का पिछले बारह महीने का परिचालन घाटा 340 करोड़ रुपये है और इसका बाजार पूंजीकरण 25,000 करोड़ रुपये है. इसकी तुलना में, ब्लू डार्ट का पिछले 12 महीने का ऑपरेटिंग प्रॉफिट 1,030 करोड़ रुपये है, जबकि मार्केट कैप 14,700 करोड़ रुपये है.
कंपनी ने लगातार पांचवीं तिमाही में घाटा दर्ज किया है. लेकिन कारोबार के मोर्चे पर प्रदर्शन में सुधार हो रहा है और विश्लेषकों ने कंपनी पर भरोसा जताया है. हालांकि पिछले एक महीने में कंपनी के शेयरों में 13 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है, लेकिन नए युग के तकनीकी शेयरों पर समग्र धारणा नकारात्मक बनी हुई है. लिस्टिंग के बाद से Delhivery में 36 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आ चुकी है.