Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Youtstory

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

YSTV

ADVERTISEMENT
Advertise with us

6 बार कैंसर को मात दे चुके हैं जयंत, आज दो स्टार्टअप चलाने के साथ लेखन में भी चख रहे हैं सफलता का स्वाद

6 बार कैंसर को मात दे चुके हैं जयंत, आज दो स्टार्टअप चलाने के साथ लेखन में भी चख रहे हैं सफलता का स्वाद

Wednesday September 29, 2021 , 3 min Read

हार मान लेना विकल्प नहीं है और जयंत ने इस कथन को सच साबित कर दिखाया है। अजमेर के रहने वाले जयंत कंदोई को 6 बार कैंसर हुआ है और उन्होने कैंसर को हर बार हराया है। जयंत कैंसर सर्वाइवर होने के साथ ही एक लेखक और आंत्रप्रेन्योर भी हैं।


जयंत को अपने शरीर पर पहली बार कैंसर का पता तब चला जब वे 10वीं कक्षा में थे। जयंत के गर्दन पर एक उभार सा नजर आ रहा था। जांच होने के बाद पता चला कि ये एक तरह का ब्लड कैंसर है। अपनी पढ़ाई को लेकर फोकस रहने वाले जयंत के लिए यह समय काफी कठिन रहा क्योंकि बीमारी के ट्रीटमेंट के दौरान वे अपनी पढ़ाई के साथ समझौता नहीं करना चाहते थे।

6 बार कैंसर को दी मात

क

जयंत ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर सिटी स्टार्स क्लब नाम की एक संस्था शुरू की। मीडिया से बात करते हुए जयंत ने बताया है कि जो लोग कैंसर के साथ ही डिप्रेशन जैसी बीमारी से लड़ रहे हैं और उनके पास जानकारी का अभाव है, ऐसे लोगों की मदद के लिए ही उन्होने यह एनजीओ शुरू किया है। (फोटो साभार: Instagram)

जयंत का इलाज चला और फिर 12 कीमोथेरेपी सेशन के बाद जयंत इस बीमारी से बाहर आ गए। उस दौरान जयंत की परीक्षाएँ चल रही थीं और उनके माता-पिता ये चाहते थे कि जयंत परीक्षा न देकर घर पर ही रहें और आराम करें। लेकिन इस दौरान जयंत ने जिद करते हुए ना सिर्फ अपनी परीक्षा देना चुना बल्कि स्कूल में टॉप भी किया।


इसी दौरान जयंत की गर्दन के बाएँ तरफ फिर से बीमारी के लक्षण दिखाई देने शुरू हुए और इस बार उनका इलाज कीमोथेरेपी की जगह रेडियोथेरेपी द्वारा किया जाना था। हालांकि यहाँ पर ही इसका अंत नहीं होना था, जयंत को कैंसर ने 4 और बार फिर से अपनी चपेट में लिया। जयंत को बोन मैरो ट्रांसप्लांट से भी गुज़रना पड़ा क्योंकि कई बार ऐसा भी होता है कि इलाज के बाद भी कुछ कैंसर सेल मनुष्य के शरीर में रह जाती हैं।

शुरू किया खास एनजीओ

इस सब के बीच जयंत ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर सिटी स्टार्स क्लब नाम की एक संस्था शुरू की। मीडिया से बात करते हुए जयंत ने बताया है कि जो लोग कैंसर के साथ ही डिप्रेशन जैसी बीमारी से लड़ रहे हैं और उनके पास जानकारी का अभाव है, ऐसे लोगों की मदद के लिए ही उन्होने यह एनजीओ शुरू किया है।  


जयंत के अनुसार आज उनके एनजीओ के साथ करीब 700 से अधिक वॉलंटियर जुड़े हैं जो सक्रिय रूप से संस्था को डोनेशन भी देते हैं। जयंत फिलहाल एमबीए के दूसरे साल में हैं। उनके अनुसार उन्होने एमबीए इसलिए किया क्योंकि वो ये साबित करना चाहते थे कि वे अभी रुके नहीं हैं।

जल्द प्रकाशित होगी किताब

जयंत ने अपनी चार किताबें भी पूरी कर ली हैं। इसी के साथ जयंत के एक स्टार्टअप ने प्लेस्टोर 10 लाख डाउनलोड भी पूरे कर लिए हैं। जयंत ने मीडिया को बताया है कि उनका चयन बैंक पीओ के लिए भी हो गया है। मीडिया से बात करते हुए जयंत ने बताया है कि कई बार लोग उनसे कहा करते थे कि कैंसर के चलते वे कुछ नहीं कर पाएंगे लेकिन आज वे कैंसर के चलते ही इस मुकाम तक पहुंचे हैं।


जयंत के अनुसार उनकी इस यात्रा में उनका परिवार हमेशा उनके साथ खड़ा रहा है और उनके पापा ने कभी हार न मानने की बात कहकर हौसला बढ़ाया है। अब जयंत अपनी किताब के प्रकाशित होने का इंतज़ार कर रहे हैं जो उन्होने अपने जीवन पर लिखी है।


Edited by Ranjana Tripathi