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इस राज्य ने अपनी बसों को बना दिया मोबाइल वैक्सीनेशन सेंटर, दूर दराज के लोगों तक पहुँच रही है कोरोना वैक्सीन

कर्नाटक राज्य सरकार ने राज्य के दूर-दराज के गांवों तक वैक्सीनेशन ड्राइव को ले जाने के लिए उत्तर पूर्वी कर्नाटक सड़क परिवहन निगम (NEKRTC) की बसों को ‘चलते-फिरते वैक्सीन सेंटर’ में बदल दिया है।

इस राज्य ने अपनी बसों को बना दिया मोबाइल वैक्सीनेशन सेंटर, दूर दराज के लोगों तक पहुँच रही है कोरोना वैक्सीन

Tuesday June 22, 2021 , 3 min Read

"इन बसों को वैक्सीनेशन सेंटर में बदलने के लिए करीब 24 घंटे का समय लगा है, जबकि इन बसों के अंदर वैक्सीनेशन से जुड़ी सुविधाएं किसी अस्पताल जितनी ही अच्छी हैं। अन्य सरकारी अस्पतालों की ही तरह इस बस में भी वैक्सीन लगवाने पर लोगों से किसी भी तरह का कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।"

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फोटो साभार : सोशल मीडिया

हम सभी यह बात जानते हैं कि कोरोना वायरस महामारी को खत्म करने के लिए वैक्सीनेशन ही एकमात्र कारगर उपाय है, लेकिन फिलहाल देश में वैक्सीनेशन को लेकर कुछ ऐसी बाधाएं नज़र आ रही है जिन्हें समय रहते पार करना बेहद जरूरी है। इनमें से एक बाधा है रिमोट क्षेत्रों में स्थित इलाकों या गांवों में रह रहे लोगों तक वैक्सीन पहुंचाना और उन्हें वैक्सीन के प्रति जागरूक करना।


इस समस्या को हल करने के लिए एक राज्य ने काफी अनूठा तरीका अपनाया है और इसके लिए वहाँ राज्य परिवहन निगम की बसों को वैक्सीनेशन के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।

कर्नाटक ने उठाया कदम

कर्नाटक राज्य सरकार ने राज्य के दूर-दराज के गांवों तक वैक्सीनेशन ड्राइव को ले जाने के लिए उत्तर पूर्वी कर्नाटक सड़क परिवहन निगम (NEKRTC) की बसों को ‘चलते-फिरते वैक्सीन सेंटर’ में बदल दिया है।


मीडिया से बात करते हुए NEKRTC के अध्यक्ष राजकुमार पाटिल तेलकुर ने बताया है कि ये सभी बसें अब लोगों के लिए 24 घंटे और हफ्ते के सातों दिन चलती रहेंगी। बसों को बीते 16 जून से इस काम के लिए रवाना कर दिया गया है।


बसों को सबसे पहले उन स्थानों पर भेजा जा रहा है जहां आस-पास कोई भी वैक्सीनेशन सेंटर या कोई अस्पताल नहीं है।

बड़ी खास हैं ये बसें

राजकुमार पाटिल के अनुसार इन बसों को वैक्सीनेशन सेंटर में बदलने के लिए करीब 24 घंटे का समय लगा है, जबकि इन बसों के अंदर वैक्सीनेशन से जुड़ी सुविधाएं किसी अस्पताल जितनी ही अच्छी हैं। अन्य सरकारी अस्पतालों की ही तरह इस बस में भी वैक्सीन लगवाने पर लोगों से किसी भी तरह का कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।


बसों के भीतर ही वैक्सीन लेने के लिए आने वाले लोगों के रजिस्ट्रेशन के लिए अलग जगह बनाई गई है। इसी के साथ वैक्सीनेशन के लिए अलग जगह और वैक्सीन लेने के बाद आराम करने के लिए अलग जगह बनाई गई है। बसों में दाखिल होने और वैक्सीनेशन के बाद बस से बाहर निकलने के लिए लोग अलग-अलग दरवाजे का इस्तेमाल करेंगे।

बराबर होगी मॉनिटरिंग

इन बसों को सबसे पहले चिंचोली तुलुक इलाके के लिए रवाना किया गया है, जबकि ये बसें विभिन्न जगहों पर वैक्सीनेशन के उद्देश्य से लगातार एक जगह से दूसरी जगह चलती रहेंगी। इस दौरान जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग इन बसों के ऊपर लगातार नज़र भी रखेंगे।


गौरतलब है कि इन खास बसों को सबसे पहले उन जगहों पर भेजने का काम किया जा रहा है जहां पर ज़ीरो वैक्सीनेशन रेट दिखाई पड़ रहा है, इसी के साथ इन बसों के द्वारा लोगों को वैक्सीन के प्रति जागरूक करने का भी काम किया जा रहा है।


कर्नाटक कोरोना वायरस महामारी की घातक दूसरी लहर में सबसे अधिक प्रभावित होने वाले राज्यों में एक है। रविवार तक राज्य में जहां कुल मामलों की संख्या 28 लाख के पार पहुँच चुकी है, जबकि अभी भी राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण के सक्रिय मामलों की संख्या 1 लाख 30 हज़ार के ऊपर है।


Edited by Ranjana Tripathi