केरल के विधायक ने शुरू की अनोखी पहल, स्वागत में फूल बुके की जगह लेते हैं किताबें
केरल के एक विधायक ने थोड़ी हटके पहल की है। वी. के. प्रशांत ने ऐलान किया कि वह अपने समर्थकों से किसी भी तरह के गिफ्ट, मालाएं और फूल के बुके नहीं लेंगे। साथ ही उन्होंने अपने समर्थकों से अनुरोध किया कि इन सबकी जगह उन्हें किताबें गिफ्ट करें।
हर बड़े बदलाव की शुरुआत एक छोटी सी पहल से होती है। वह पहल तब और कारगर हो जाती है जब कोई जन प्रतिनिधि उसे शुरू करता है। आमतौर पर हम देखते हैं कि जब भी कोई नेता, सांसद या विधायक कहीं भी चीफ गेस्ट के तौर पर आते हैं तो उनके स्वागत के लिए फूल के बुके दिए जाते हैं या फिर उन्हें माला पहनाई जाती है।
ये बुके बाद में किसी काम के नहीं रहते और इन पर फालतू पैसा खराब होता है। नेताओं के स्वागत में फूल का बुके देना, उन्हें माला पहनना एक आम रिवाज है जो कई दशकों से चला आ रहा है और इसमें कोई बदलाव भी नहीं हुआ है।
ऐसे रिवाज के बीच केरल के एक विधायक ने थोड़ी हटके पहल की है। वी. के. प्रशांत ने ऐलान किया कि वह अपने समर्थकों से किसी भी तरह के गिफ्ट, मालाएं और फूल के बुके नहीं लेंगे। साथ ही उन्होंने अपने समर्थकों से अनुरोध किया कि इन सबकी जगह उन्हें किताबें गिफ्ट करें।
पिछले हफ्ते एमएलए ने अपने फेसबुक पेज पर एक पोस्ट किया, इसमें उन्होंने सभी लोगों और समर्थकों से स्वागत में फूलों की जगह किताबें देने का अनुरोध किया। वी. के. प्रशांत केरल के वट्टीयूरकावु से विधायक है और इन्हें 'मेयर ब्रो' के नाम से भी जाना जाता है।
उनकी इस पहल पर लोगों ने अच्छा रिस्पॉन्स दिया। पहल पर मिले रिस्पॉन्स के बारे में प्रशांत द न्यूज मिनट को बताते हैं,
'अगली सुबह मैंने जो देखा वह जबरदस्त था। हमारे पास 3 दिन में 3000 से अधिक किताबें आ गईं। इतने कम समय में कई लोग किताबें देने के लिए आगे आए। अगर उन्हें थोड़ा पहले बताया गया होता तो हम और अधिक किताबें इकठ्ठी कर लेते।'
प्रशांत को हर आयु वर्ग के लोगों ने किताबें गिफ्ट कीं। इनमें स्कूल स्टूडेंट से लेकर वृद्ध आयु के लोग भी थे।
इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक खबर के मुताबिक, ये किताबें प्रशांत की विधानसभा क्षेत्र में स्थित सारी सरकारी स्कूलों की लाइब्रेरी में दी जाएंगी।
प्रशांत आगे कहते हैं,
'यहां की कुछ सरकारी स्कूलों के प्रिंसिपल ने मुझे लाइब्रेरी शुरू करवाने के लिए कहा। अब जितनी किताबें इकठ्ठी हुई हैं, उनसे तीन स्कूलों में लाइब्रेरी खोली जा सकती है।'
विधायक का यह मिशन नरेंद्र मोदी से प्रभावित है। साल 2017 में जब पीएम केरल के दौरे पर थे तब पीएम मोदी ने सभी लोगों और समर्थकों से फूल मालाओं और बुके के बदले एक किताब देने के लिए कहा था।
इसके बाद देश के गृह मंत्रालय ने इस बात को अनिवार्य कर दिया कि देश में पीएम मोदी कहीं भी दौरा करें, कोई भी उनके स्वागत में फूलमाला या बुके नहीं देगा।