Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Youtstory

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

YSTV

ADVERTISEMENT
Advertise with us

स्कूल एजुकेशन की केंद्र सरकार की रैंकिंग में केरल ने किया टॉप

भारतीय शिक्षा प्रणाली लगभग 14.9 लाख स्कूलों, 95 लाख शिक्षकों और विभिन्न सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि के लगभग 26.5 करोड़ छात्रों के साथ दुनिया की सबसे बड़ी शिक्षा प्रणालियों में एक है.

स्कूल एजुकेशन की केंद्र सरकार की रैंकिंग में केरल ने किया टॉप

Thursday November 03, 2022 , 3 min Read

शिक्षा मंत्रालय के तहत आने वाले स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग ने बुधवार को 2020-21 के लिए राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों का प्रदर्शन श्रेणी सूचकांक (PGI) जारी किया, जो राज्य/केंद्रशासित प्रदेशों में स्कूली शिक्षा प्रणाली के साक्ष्य आधारित व्यापक विश्लेषण का एक विशिष्ट सूचकांक है.

कुल 7 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों - केरल, पंजाब, चंडीगढ़, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान और आंध्र प्रदेश ने 2020-21 में लेवल-II (स्कोर 901-950) हासिल किया है, जबकि 2017-18 में इस स्तर में कोई भी राज्य/केंद्र शासित प्रदेश शामिल नहीं था. 2019-20 में इस स्तर में 4 राज्य/केंद्र शासित प्रदेश थे. गुजरात, राजस्थान और आंध्र प्रदेश अब तक किसी भी राज्य द्वारा प्राप्त उच्चतम स्तर को हासिल करने वाले नए राज्य हैं.

नवगठित केंद्र शासित प्रदेश, लद्दाख ने 2020-21 में पीजीआई के सन्दर्भ में स्तर 8 से स्तर 4 हासिल करके महत्वपूर्ण सुधार किया है, अर्थात 2019-20 की तुलना में 2020-21 में अपने अंकों में 299 अंकों का सुधार किया है, जो एक वर्ष में अब तक का सबसे अधिक सुधार है.

बता दें कि, भारतीय शिक्षा प्रणाली लगभग 14.9 लाख स्कूलों, 95 लाख शिक्षकों और विभिन्न सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि के लगभग 26.5 करोड़ छात्रों के साथ दुनिया की सबसे बड़ी शिक्षा प्रणालियों में एक है.

स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग ने सभी राज्यों/संघ शासित प्रदेशों में स्कूली शिक्षा की सफलता के सम्बन्ध में प्रदर्शन और उपलब्धियों पर अंतर्दृष्टि और डेटा संचालित व्यवस्था प्रदान करने हेतु सभी राज्यों/संघ शासित प्रदेशों के लिए पीजीआई तैयार किया.

पीजीआई का मुख्य उद्देश्य साक्ष्य-आधारित नीति निर्माण को बढ़ावा देना और सभी के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए पाठ्यक्रम सुधार को रेखांकित करना है. अब तक, स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग ने वर्ष 2017-18, 2018-19 और 2019-20 के लिए पीजीआई रिपोर्ट जारी की है. वर्तमान रिपोर्ट वर्ष 2020-21 के लिए है.

पीजीआई संरचना के लिए 70 संकेतकों में 1000 अंक शामिल किये गये हैं, जिन्हें 2 श्रेणियों में बांटा गया है, परिणाम और शासन प्रबंधन (जीएम). इन श्रेणियों को आगे 5 उप-श्रेणियों में विभाजित किया गया है; लर्निंग आउटकम्स (LO), एक्सेस (ए), इंफ्रास्ट्रक्टर एवं फैसिलिटीज (IAF), एक्विटी (E) और गवर्नेंस प्रॉसेस (GP).

पिछले सालों की तरह पीजीआई 2020-21 ने राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों को दस श्रेणियों में वर्गीकृत किया है, उच्चतम श्रेणी स्तर 1 है, जो कुल 1000 अंकों में से 950 से अधिक अंक प्राप्त करने वाले राज्य/केंद्र शासित प्रदेश के लिए है. निम्नतम श्रेणी स्तर 10 है, जो 551 से कम अंक के लिए है.

पीजीआई का अंतिम उद्देश्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को बहु-आयामी हस्तक्षेप करने के लिए बढ़ावा देना है, जो सभी आयामों को शामिल करते हुए वांछित शिक्षा परिणाम प्राप्त करने में सहायता करेगा. उम्मीद है कि पीजीआई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कमियों की पहचान करने में मदद करेगा, जिससे हस्तक्षेप के लिए क्षेत्रों की प्राथमिकता तय की जा सकेगी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि स्कूली शिक्षा प्रणाली हर स्तर पर मजबूत है.

2020-21 में राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा प्राप्त पीजीआई अंक और श्रेणी, पीजीआई प्रणाली के प्रभावी होने के प्रमाण प्रस्तुत करते हैं. इंडिकेटर वाइज पीजीआई अंक उन क्षेत्रों को दर्शाते हैं, जिनमें किसी राज्य को सुधार करने की आवश्यकता है. पीजीआई सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के सन्दर्भ में प्रदर्शन को एकसमान पैमाने पर दिखाएगा, जो उन्हें बेहतर प्रदर्शन करने वालों द्वारा अपनाए गए सर्वोत्तम तौर-तरीकों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करेंगे.


Edited by Vishal Jaiswal