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1 अक्टूबर से लागू हो गए ये 10 बदलाव, आपकी जेब पर डालने वाले हैं असर

इन बदलावों/नए नियमों से देश का हर नागरिक कहीं न कहीं प्रभावित होगा.

1 अक्टूबर से लागू हो गए ये 10 बदलाव, आपकी जेब पर डालने वाले हैं असर

Saturday October 01, 2022 , 7 min Read

अक्टूबर 2022 की पहली तारीख से देश में कुछ नए नियम/बदलाव (Changes from October 1) लागू हुए हैं. इन बदलावों में से ज्यादातर रुपये-पैसों के लेनदेन से जुड़े हैं. इन बदलावों/नए नियमों से देश का हर नागरिक कहीं न कहीं प्रभावित होगा. आइए जानते हैं भारत में 1 अक्टूबर 2022 से अमल में आए कुछ अहम नियम/बदलावों (New Rules from October 1) के बारे में...

कार्ड टोकनाइजेशन

1 अक्टूबर, 2022 से देश में डेबिट और क्रेडिट कार्ड के मामले में टोकनाइजेशन सिस्टम लागू होने वाला है. इसके बाद कोई भी ई-कॉमर्स वेबसाइट या फिर पेमेंट गेटवे आपके कार्ड की जानकारी स्टोर करके नहीं रख पाएगा. टोकनाइजेशन के तहत क्रेडिट और डेबिट कार्ड के विवरण को ‘टोकन’ नामक एक वैकल्पिक कोड में बदला जाता है. RBI इससे पहले कई बार इसे अपनाने की समयसीमा को बढ़ा चुका है. ​अभी ई-कॉमर्स वेबसाइट्स पर खरीदारी के लिए लेनदेन को प्रमाणित करने के लिए कार्ड के सीवीवी (कार्ड वेरिफिकेशन वैल्यू) और ओटीपी (वन-टाइम पासवर्ड) को डालने की आवश्यकता होती है क्योंकि बाकी कार्ड डिटेल्स पहले से स्टोर होती हैं. लेकिन नया नियम लागू होने के बाद ग्राहक अपने बैंकों से ऑनलाइन व्यापारी को कार्ड विवरण के स्थान पर टोकन जारी करने के लिए कह सकते हैं. यह कार्ड के विवरण के बिना बाद के भुगतानों को सक्षम करेगा.

अटल पेंशन योजना के बदले नियम

आयकरदाता (Income Taxpayers) 1 अक्टूबर से सरकार की सामाजिक सुरक्षा योजना 'अटल पेंशन स्कीम' (Atal Pension Yojana or APY) में नामांकन नहीं कर सकेंगे. योजना के सब्सक्राइबर्स को उनके योगदान के आधार पर 60 वर्ष की उम्र होने के बाद गारंटी के साथ 1000 रुपये से लेकर 5000 रुपये तक की मासिक पेंशन मिलती है. वित्त मंत्रालय ने कहा है कि 1 अक्टूबर 2022 से कोई भी नागरिक जो आयकरदाता है, या रहा है, वह APY में शामिल होने के योग्य नहीं होगा. नई अधिसूचना उन अंशधारकों पर लागू नहीं होगी, जो 1 अक्टूबर 2022 से पहले इस योजना में शामिल हुए हैं. यदि कोई सब्सक्राइबर जो 1 अक्टूबर, 2022 को या उसके बाद इस योजना में शामिल हुआ है और बाद में पाया जाता है कि वह आवेदन की तारीख को या उससे पहले आयकरदाता रहा है, तो उसका APY खाता बंद कर दिया जाएगा और अब तक की संचित पेंशन राशि उसे दे दी जाएगी.

स्मॉल सेविंग्स पर ज्यादा ब्याज

सरकार ने कुछ स्मॉल सेविंग्स स्कीम्स (Small Savings Scheme) पर अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के लिए ब्याज दरों में 0.3 प्रतिशत तक की वृद्धि की है. नौकरीपेशा लोगों के बीच लोकप्रिय बचत योजना, पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) पर ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं हुआ है. इस पर ब्याज दर को 7.1 प्रतिशत सालाना पर बरकरार रखा गया है. इसके अलावा राष्ट्रीय बचत पत्र (NSC), सुकन्या समृद्धि स्कीम (SSY) और डाकघर रिकरिंग डिपॉजिट (RD) पर भी ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं किया गया है. NSC पर ब्याज 6.8 प्रतिशत सालाना, सुकन्या समृद्धि पर 7.6 प्रतिशत सालाना और 5 साल वाली डाकघर RD पर 5.8 प्रतिशत सालाना पर ही कायम रखा गया है. वहीं पांच अन्य स्मॉल सेविंग्स स्कीम्स, जिन पर मिलने वाली आय कर योग्य होती है, पर ब्याज दरों में 0.3 प्रतिशत तक की वृद्धि की गई है. इस बारे में डिटेल में पढ़ें...

रेलवे फिर से लागू कर रही 'बिजी सीजन सरचार्ज'

भारतीय रेलवे (Indian Railways) 3 साल के अंतराल के बाद बिजी सीजन सरचार्ज (Busy Season Surcharge) को फिर से शुरू कर रही है. रेलवे बोर्ड (Railway Board) के एक आदेश में कहा गया है कि 1 अक्टूबर से सभी माल यातायात पर 15 प्रतिशत का बिजी सीजन सरचार्ज लागू होगा. यह चुनिंदा वैगन्स में मूव होने वाले कोयला व कोक, कंटेनर और ऑटोमोबाइल को छोड़कर सभी वस्तुओं के परिवहन पर लगाया जाएगा. सरचार्ज 1 अक्टूबर से भारतीय रेलवे नेटवर्क पर उर्वरक, सीमेंट और खाद्यान्न ले जाने की लागत को प्रत्यक्ष तौर पर बढ़ा सकता है. चार्ज, 1 अक्टूबर से 30 जून तक लागू है. इस शुल्क को, कुछ अपवादों के साथ 1 अक्टूबर 2019 से लौह अयस्क व पेट्रोलियम, तेल और लुब्रीकेंट्स को छोड़कर बाकी सभी सामानों के लिए वापस ले लिया गया था.

NPS नॉमिनेशन से जुड़े नियम में बदलाव

NPS में सरकारी और कॉरपोरेट क्षेत्र के ग्राहकों से जुड़े ई-नॉमिनेशन प्रोसेस में बदलाव हुआ है. अब नोडल अधिकारी को ई-नॉमिनेशन के आवेदन को एक बार स्वीकार करने या खारिज करने का अधिकार दिया गया है. अगर आवेदन किए जाने के 30 दिन तक नोडल अधिकारी ई-नॉमिनेशन पर फैसला नहीं लेता है तो रिक्वेस्ट सेंट्रल रिकॉर्डकीपिंग सिस्टम के जरिये स्वीकार कर ली जाएगी. यह नियम 1 अक्टूबर से लागू हो रहा है.

दिल्ली में वायु प्रदूषण को देखते हुए नया प्रतिबंध

दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) में वायु प्रदूषण की गंभीरता को देखते हुए गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने 1 अक्टूबर से ही ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के तहत कई पाबंदियां लागू करने का फैसला लिया है. धुआं फैलाने वाले जनरेटरों से लेकर वाहन तक आदि सभी पर इसका असर पड़ेगा. व्‍हीकल पॉल्‍युशन भी वायु प्रदूषण का एक बड़ा कारक है, इसलिए इसको रोकने के ल‍िए ट्रैफिक पुलिस भी सख्ती से कुछ पाबंदियां लागू करेगीं. 1 अक्टूबर से वाहनों को अपने साथ सभी जरूरी डॉक्युमेंट्स रखना बेहद जरूरी हो जाएगा. खासकर PUC (पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल) सर्टिफिकेट को साथ रखना अनिवार्य कर दिया गया है. यदि कोई वाहन चालक एक साल से पुराने वाहन को ड्राइव करते हुए पकड़ा जाता है और उसके पास पीयूसी सर्टिफिकेट नहीं है तो इस दशा में 10,000 रुपये का जुर्माना लग सकता है. यह प्रमाण पत्र सभी वाहनों के लिए अनिवार्य है, चाहे वह चार पहिया वाहन हो या दो पहिया वाहन.

म्यूचुअल फंड के नियमों में बदलाव

एक अक्टूबर या उसके बाद म्यूचुअल फंड में निवेश करने वाले लोगों के लिए नॉमिनेशन डिटेल देना जरूरी हो जाएगा. ऐसा नहीं करने वाले निवेशकों को एक डिक्लेरेशन भरना होगा. डिक्लेरेशन में नॉमिनेशन की सुविधा नहीं लेने की घोषणा करनी होगी. म्यूचुअल फंड कंपनियों को सरकार की ओर से दिए गए दिशा-निर्देशों में साफ कहा गया है कि कंपनियों को निवेशकों को नॉमिनेशन भरने के लिए फिजिकल और डिजिटल दोनों विकल्पों को देना होगा. फिजिकल विकल्प में निवेशकों को फॉर्म भरकर सिग्नेचर करने होंगे, जबकि डिजिटल विकल्प में निवेशकों को ई-साइन करना होगा.

फॉक्सवैगन के वाहन 2% तक महंगे

फॉक्सवैगन पैसेंजर कार्स इंडिया के सभी वाहन एक अक्टूबर, 2022 से महंगे हो जायेंगे. कंपनी ने अपने वाहनों की कीमतों में दो प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की है. कच्चे माल की कीमतों में वृद्धि को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है.

नई डिजाइन के टायर

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने सड़क हादसों को कम करने के लिए वाहनों में टायरों के नए मानक तय कर दिए हैं. अब वाहनों में टायर इन्‍हीं मानकों के अनुसार लगेंगे. नए डिजाइन और मौजूदा टायरों के लिए मानक लागू करने का समय तय है. नए टायर 1 अक्‍टूबर से नए मानकों के अनुसार होंगे. मौजूदा टायरों में पहली अप्रैल 2023 से नए मानक लागू होंगे. इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी हो चुका है.

10 करोड़ रुपये टर्नओवर वाली कंपनियों के लिए नया नियम

माल एवं सेवा कर (GST) पंजीकृत और 10 करोड़ रुपये या इससे अधिक के वार्षिक कारोबार वाली कंपनियों को 1 अक्टूबर 2022 से बिजनेस-टू-बिजनेस (बी2बी) लेनदेन के लिए ई-चालान निकालना अनिवार्य होगा. वर्तमान में 20 करोड़ रुपये या उससे अधिक के कारोबार वाली कंपनियों के लिए, सभी तरह के बी2बी लेनदेन के लिए इलेक्ट्रॉनिक इन्वॉयस बनाना अनिवार्य है. केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने एक अगस्त को जारी अधिसूचना में कहा था कि 1 अक्टूबर से ई-चालान की सीमा को घटाकर 10 करोड़ रुपये कर दिया गया है.