क्या था वो विवाद जिसके बाद Swiggy को हटाना पड़ा होली वाला विज्ञापन
घर-घर खाना पहुंचाने वाली कंपनी स्विगी (
) को अपने 'होली एग' बिलबोर्ड विज्ञापनों को लेकर आलोचनाओं (Swiggy 'Hinduphobic' Holi ad controversy) का सामना करना पड़ा है. होर्डिंग में अंडे लगे थे और लिखा था, “ऑमलेट - सनी साइड-अप - किसी के सर पर. #बुरामतखेलो. इंस्टामार्ट से होली के लिए आवश्यक सामान प्राप्त करें. (Omelette - Sunny side-up - Kisi ke sarr par. #BuraMatKhelo. Get Holi essentials on Instamart)." होली के त्योहार के दौरान अंडे को किसी के सिर पर फोड़ कर बर्बाद करने के बजाय उसकी खपत को बढ़ावा देना था.सोशल मीडिया पर हैशटैग #HinduPhobicSwiggy के चलते 'आपत्ति' के बाद, कंपनी ने दिल्ली-एनसीआर में लगे होर्डिंग को हटाने का फैसला किया. हालांकि, इस मामले पर स्विगी की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.
मिंट की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस्कॉन के उपाध्यक्ष राधारमण दास और अखिल भारतीय साधु समाज के सदस्य और कच्छ संत समाज के पूर्व अध्यक्ष जैसे आलोचकों ने स्विगी पर हिंदू त्योहारों पर एक चुनिंदा संदेश को बढ़ावा देने और होली के बारे में गलत धारणा बनाने का आरोप लगाया. वीएचपी नेता साध्वी प्राची ने भी सवाल किया कि स्विगी ईद या क्रिसमस के दौरान इसी तरह के संदेशों का प्रचार क्यों नहीं करता है.
दूसरी ओर, कुछ उपयोगकर्ताओं ने विज्ञापन का बचाव करते हुए कहा कि यह भोजन की बर्बादी को रोकने के लिए एक सकारात्मक संदेश है. उन्होंने तर्क दिया कि विज्ञापन रंगों के साथ होली के उत्सव को हतोत्साहित नहीं करता है और स्विगी अपने ऐप पर होली के लिए विशेष आवश्यक सामग्री भी प्रदान कर रहा है.
पहले भी इन कंपनियों के विज्ञापनों पर हुआ विवाद
भारत ने अतीत में धार्मिक मुद्दों पर विज्ञापनों को लेकर कई विवाद देखे हैं. ऐसी ही एक घटना 2019 में हुई जब डिटर्जेंट ब्रांड सर्फ एक्सेल ने होली के त्योहार के दौरान हिंदू-मुस्लिम दोस्ती को दर्शाने वाला एक विज्ञापन जारी किया.
साम्प्रदायिक सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए इस विज्ञापन की कई लोगों ने प्रशंसा की, लेकिन कुछ लोगों ने ब्रांड पर हिंदू भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाते हुए इसकी आलोचना भी की. कुछ लोगों ने ब्रांड के बहिष्कार का भी आह्वान किया.
तनिष्क ज्वैलरी के एक विज्ञापन में दीवाली मनाते हुए एक अंतर-धार्मिक जोड़े को दिखाया गया था, जिसकी कुछ लोगों द्वारा 'लव जिहाद' को बढ़ावा देने और हिंदू भावनाओं को आहत करने के लिए आलोचना की गई थी. विज्ञापन को तीव्र प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ा, और ज्वैलरी ब्रांड को विज्ञापन हटाने के लिए मजबूर होना पड़ा.
एक और विवाद तब हुआ जब सोशल मीडिया पर एक हिंदू पुरुष और एक मुस्लिम महिला को अपनी पहली शादी की सालगिरह मनाते हुए ज़ोमैटो के विज्ञापन पर हमला किया गया. विज्ञापन की 'लव जिहाद' को बढ़ावा देने और हिंदू भावनाओं को आहत करने के लिए आलोचना भी की गई थी. हालाँकि, Zomato ने विज्ञापन हटाने से इनकार कर दिया और इसके बजाय समावेशिता के अपने संदेश के साथ खड़ा होना चुना.