वॉऊ! चाइनाः मोमो मार्केट में असाधारण सफलता के बाद अब चाइनीज़ कुज़ीन के मार्केट में उतरी 'वॉऊ' फ़ूड चेन
कोलकाता में सेंट ज़ैवियर्स कॉलेज के दो स्टूडेंट्स ने एक गैराज से वॉऊ! मोमो की शुरुआत की थी। इस ब्रैंड को अब दस साल पूरे हो चुके हैं और वॉऊ! मोमो पिछले एक दशक से मोमोज़ की शानदार रेंज ऑफ़र कर रहा है। हाल में इस स्टार्टअप के 13 शहरों में 254 आउटलेट्स हैं और स्टार्टअप अब प्रोफ़ाइल में वॉऊ! चाइना के नाम से एक और नया अध्याय जोड़ने जा रहा है।
स्टार्टअप को इन्फ़ो एज के फ़ाउंडर संजीव बिखचंदानी, इन्फ़ोसिस के पूर्व सीईओ क्रिस गोपालकृष्णन और हीरो एंटरप्राइज़ के चेयरमैन सुनील कांत मुंजाल की
ओर से निवेश का समर्थन मिल चुका है। स्टार्टअप का दावा है कि ऑर्गनाइज़्ड मोमो बिज़नेस में उनका 90 प्रतिशत मार्केट शेयर है। अब यह क्विक सर्विस
रेस्तरां (QSR) चेन अपने नेटवर्क और भी विस्तृत करने की योजना बना रही है और उनका लक्ष्य एक आईपीओ (इनिशिएल पब्लिक ऑफ़रिंग) भी है।
कोलकाता आधारित इस कंपनी के को-फ़ाउंडर और सीईओ सागर दरयानी का कहना है, "हेल्थ और हाइजीन को साथ लेकर चलने का कॉन्सेप्ट हमेशा ही
ग्राहकों द्वारा पसंद किया जाता है। हमने सड़क किनारे बिकने वाले फ़ूड आइटम को हाइजीन के साथ लोगों के सामने पेश किया। हमने रोडसाइड मोमोज़ को एक ब्रैंड नेम के साथ बेचा।" कंपनी के सीओओ बिनोद कुमार होमागई और सीएफ़ओओ शाह मिफ़्त उर रहमान स्टार्टअप के अन्य दो को-फ़ाउंडर्स हैं।
वॉऊ! मोमो के बाद अब कंपनी अपने दूसरे ब्रैंड वाऊ! चाइना को मज़बूत करने की दिशा में काम कर रही है, जिसे इस साल की शुरुआत में ही लॉन्च किया
गया था। कंपनी के को-फ़ाउंडर्स का कहना है कि अपने इस दूसरे ब्रैंड के ज़रिए वे अपने ग्राहकों तक चाइनीज़ कुज़ीन के इंडियन वर्जन्स को ग्राहकों तक
पहुंचा रही है। कंपनी का मानना है कि उत्तर और दक्षिण भारत में चाइनीज़ कुज़ीन बेहद लोकप्रिय है।
एफ़आईसीसीआई और टेक्नोपैक की रिपोर्ट के मुताबिक़, भारत में फ़ूड सर्विस का मार्केट 2022 तक 5.52 ट्रिलियन रुपए तक पहुंचा जाएगा। रिपोर्ट्स का यह भी कहना है कि भारत में घर पर बनने वाले भोजन के बाद लोग सबसे ज़्यादा चाइनीज़ व्यंजन ही खाना पसंद करते हैं।
कंपनी के को-फ़ाउंडर सागर का कहना है कि उनकी कंपनी आने वाले चार सालों में 1 हज़ार करोड़ रुपए तक पहुंचा जाएगी और उन्हें इस बात की पूरी
उम्मीद है कि उस समय तक रेवेन्यू में एक चौथाई हिस्सा वाऊ! चाइना का होगा। वित्तीय वर्ष 2019 में कंपनी का रेवेन्यू 120 करोड़ रुपए तक पहुंच चुका था। कंपनी का लक्ष्य है कि इस वित्तीय वर्ष में कंपनी के रेवेन्यू को 200 करोड़ रुपए तक पहुंचाया जाए। वाऊ ! मोमो की तरह वाऊ! चाइना भी कियॉस्क्स, फ़ूड कोर्ट्स, टेक पार्क्स, हाई स्ट्रीट लोकेशन्स और क्लाउट किचन्स के ज़रिए ही ऑपरेट कर रहा है।
हाल में स्टार्टअप के कोलकाता, मुंबई, दिल्ली, गुरुग्राम, नोएडा, फ़रीदाबाद, ग़ाज़ियाबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, कोचीन, भुवनेश्नर, कटक, पुरी और राउरकेला में आउटलेट्स हैं। जल्द ही कंपनी गोवा, पुणे और हैदराबाद में भी आउटलेट्स शुरू करने जा रही है। स्टार्टअप का उद्देश्य है कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में 140 स्टोर्स खोले जाएं, जिसमें से 100 आउटलेट्स वाऊ! मोमो के और 40 आउटलेट्स वॉऊ! चाइना के होंगे। साथ ही, कंपनी इस साल बेंगलुरु में 6 और चेन्नई में 2 क्लाउड किचन्स खोलने के लिए भी प्रयास कर रही है। पिछले साल स्टार्टअप ने 81 वाऊ! मोमो के और 3 वाऊ! चाइना के आउटलेट्स खोले थे।
अपने प्रतिद्वंद्वियों के बारे में बात करते हुए सागर ने बताया, "वाऊ ! मोमो की प्रतियोगिता में कोई राष्ट्रीय ब्रैंड नहीं है। ग्लोबल क्यूएसआर ब्रैंड वोक टू वॉक भारत में मौजूद ज़रूर है, लेकिन सिर्फ़ एनसीआर में। कोलकाता में कंपनी का सिर्फ़ एक आउटलेट है। इसके अलावा, जुबिलैंट फ़ूडवर्क्स, जो डॉमिनोज़ पीत्ज़ा और डंकिन डोनट्स की चेन ऑपरेट करता है, उसने हाल ही में गुरुग्राम में हॉन्ग्स किचन रेस्ट्रॉन्ट लॉन्च किया है।" सागर बताते हैं कि कंपनी की योजना है कि सुपरमार्केट्स में चिल्ड मोमो बेचने के लिए भी तकनीक विकसित की जाए, ठीक वैसे ही जैसे विदेशों में 'सुपरमार्केट सुशी' बिकता है।
सागर कहते हैं, "अगर आप विदेश जाएंगे तो आप देखेंगे कि वहां पर सुपरमार्केट्स में फ़्रोज़ेन मोमो/डंपलिंग्स बिकते हैं। चूंकि वॉऊ! मोमो की यूएसपी है कि यह फ़्रेश मोमोज़ तैयार करता और बेचता है, हम एक ऐसी तकनीक विकसित करने की दिशा में प्रयास कर रहे हैं, जहां पर ऐसे मोमोज़ बनाएं जाएं, जिनकी शेल्फ़ लाइफ़ 100 दिनों तक की हो।"
कंपनी सॉसेज़ मैनुफ़ैक्चर करने और उन्हें मार्केट में उतारने की भी योजना बना रही है और इसके लिए कंपनी कोलकाता में आगामी दिसंबर-जनवरी तक अपना प्लान्ट तैयार करने के लिए भी काम कर रही है। कंपनी ग्लूटेन फ़्री मोमोज़ को भी मार्केट में लॉन्च करने की योजना बना रही है।
वॉऊ! मोमो ने ई ऐंड वाय को अपने बैंकर के तौर पर हायर किया है और कंपनी चाहती है कि सीरीज़ बी राउंड की फ़ंडिंग में 120-150 करोड़ रुपए तक की फ़ंडिंग जुटाई जाए। कंपनी इससे पहले ऐंजल राउंड की फ़ंडिंग में 10 करोड़ रुपए की फ़ंडिंग हासिल कर चुकी है। इसके बाद सीरीज़ ए फ़ंडिंग में कंपनी को आईएएम, लाइटहाउस फ़ंड्स और फ़ैबइंडिया के विलियम बिसेल से 2017 में 44 करोड़ रुपए की फ़ंडिंग मिली थी। कंपनी की कोशिश है कि आने वाले 5 से 6 सालों में उनका नाम इंडियन स्टॉक्स मार्केट में हो।