कॉर्पोरेट जॉब छोड़ चाय के व्यापार में उतरे दो दोस्त, आज लाखों रुपए महीने की कर रहे हैं कमाई
कोलकाता के दो युवाओं ने एक स्टार्टअप की शुरुआत की है,जिसके जरिए वे सब्सक्रिप्शन मॉडल पर देशभर में दार्जिलिंग की फ्रेश चाय लोगों तक पहुंचा रहे हैं।
हमारे देश में ही नहीं बल्कि दुनिया के अन्य देशों में चाय के शौकीन लोगों की कमी नहीं है। शायद यही कारण भी है कि अक्सर अच्छी चाय की तलाश में लोग मीलों दूर जाकर अच्छा खासा पैसा भी खर्च करते हैं। लेकिन, अब इन सबके लिए आपको कहीं दूर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी और ना ही फिजूल खर्ची करनी पड़ेगी। अब आपको घर बैठे दार्जिलिंग की चाय पीने का मौका मिल सकेगा।
हाल ही में कोलकाता के दो युवाओं ने एक स्टार्टअप की शुरुआत की है,जिसके जरिए वे सब्सक्रिप्शन मॉडल पर देशभर में दार्जिलिंग की फ्रेश चाय लोगों तक पहुंचा रहे हैं। दो महीने से भी कम समय में 500 से अधिक लोग उनके इस सब्सक्रिप्शन मॉडल से जुड़ चुके हैं। अपने एक छोटे से आइडिया की बदौलत इन नौजवानों ने आज लाखों रुपए का बिजनेस बना लिया है।
कैसे आया आइडिया
इस बिजनेस की शुरुआत स्पर्श अग्रवाल और ईशान ने की थी। ये दोनों बचपन के दोस्त थे। इन दोनों नौजवानों ने इस व्यपार की शुरुआत उस वक्त की थी, जब कोरोना महामारी के कारण देश के सभी सेक्टर आर्थिक मंदी से जूझ रहे थे।
एक चैनल से बातचीत करने के दौरान स्पर्श ने बताया कि बिजनेस का न तो मेरा पहले से कोई इरादा था और न ही इसमें बहुत अधिक दिलचस्पी थी। मुझे बिजनेसमैन बनाने में लॉकडाउन की काफी बड़ी भूमिका रही है। मेरा परिवार दार्जिलिंग के चाय बागान से जुड़ा हुआ है। सालों से यह हमारा फैमिली बिजनेस रहा है। लेकिन, पिछले कुछ सालों से चाय बागानों की हालत दिन-प्रतिदिन बिगड़ती जा रही थी। कारोबार घटता जा रहा था। लॉकडाउन ने तो मानो कमर ही तोड़ दी हो। उस वक्त कुछ समय के लिए सबकुछ ठप सा हो गया। परिवार के लोग इन बागानों को बेचने तक की बात करने लगे।
स्पर्श कहते हैं कि, यह सब देखकर मुझे इससे काफी तकलीफ हुई। मैं नहीं चाहता था कि हमारे बागान बिक जाएं। मैंने पापा को समझाया और ऐसा नहीं करने के लिए कहा। तो उन्होंने थोड़े सख्त लहजे में कहा कि ज्ञान मत दो, अगर तुम इसे बचाने के लिए कुछ कर सकते हो तो करो, वरना हम जो कर रहे हैं, करने दो।
इसके बाद स्पर्श ने अपने बचपन के दोस्त ईशान के साथ मिलकर चाय का सबसक्रिप्शन मॉडल तैयार किया और नौकरी छोड़ व्यापार की रास्ता अपना लिया।
मार्केट समझने के बाद B2C का बनाया प्लान
कोरोना के चलते स्पर्श वर्क फ्रॉम होम जॉब कर रहे थे। धीरे-धीरे उन्होंने अपना सेटअप जमाना शुरू कर दिया। करीब 6 महीने तक लगातार रिसर्च करने के बाद उन्होंने बिजनेस प्लान पर काम करना शुरू किया। दोनों ने तय किया कि वे मार्केट में एक्सपोर्ट करने की बजाय सीधे कस्टमर्स तक पहुचेंगे। जिससे लोगों को सही प्रोडक्ट के साथ उचित कीमत भी मिल सके।
मौसम के हिसाब से मिलेगा चाय का फ्लेवर
साल 2021 के जून महीने के अंत में Dorje Teas के नाम से स्टार्टअप की शुरुआत हुई। सोशल मीडिया पर अकाउंट्स बनाए और मार्केटिंग शुरू कर दी। धीरे-धीरे लोगों को उनके बारे में जानकारी होने लगी। लोग उनसे ऑर्डर के लिए कॉन्टैक्ट करने लगे। इस सब्सक्रिप्शन मॉडल के अंतगर्त कस्टमर्स को एक बार एक अमाउंट पे करना होगा और उन्हें सालभर फ्रेश चाय मिलेगी। इससे उन्हें हर मौसम के हिसाब से अलग-अलग फ्लेवर की चाय पीने को मिल सकेगी।
किश्तों में भी मिलता है सबस्क्रिप्शन
इस बिजनेस मॉडल के बारे में बात करते हुए स्पर्श कहते हैं कि हम लोगों ने शुरू में सालभर का सब्सक्रिप्शन प्लान चलाया, जिसमें 2 हजार रुपए भुगतान करके कोई भी यह प्लान खरीद सकता है। एक बार सब्सक्रिप्शन लेने के बाद हम चार बार उसके घर चाय भेजते हैं। एक बार में हम 250 ग्राम चाय भेजते हैं। इससे 100 कप चाय तैयार की जा सकती है। इतना ही नहीं अगर कोई इंस्टॉलमेंट यानी किश्तों में भुगतान करना चाहे तो उसकी भी व्यवस्था की गई है। वह 2 हजार रुपए को चार किश्तों में भी चुका सकता है। फिलहाल अभी हम दो तरह की चाय की मार्केटिंग कर रहे हैं। पहली ग्रीन टी और दूसरी ब्लैक टी।
किसने कहां से छोड़ी है नौकरी
23 वर्षीय स्पर्श अग्रवाल और 24 साल के ईशान दोनों काफी गहरे दोस्त हैं। स्पर्श ने सोनीपत हरियाणा से अपनी पढ़ाई पूरी की है,जबकि ईशान ने इटली से इंटरनेशनल इकोनॉमिक्स में बैचलर्स की डिग्री हासिल की है। पढ़ाई पूरी करने के बाद स्पर्श दिल्ली के एक थिंक टैंक के लिए काम कर रहे थे। वहीं, ईशान मुंबई में इन्वेस्टमेंट बैंकर के रूप में कार्यरत थे।
Edited by रविकांत पारीक