LIC ने BPCL में खरीदी हिस्सेदारी, जानिए कितने करोड़ का रहा सौदा?
एलआईसी ने मंगलवार को शेयर बाजारों को भेजी सूचना में कहा कि उसकी, बीपीसीएल में शेयरधारिता 15,25,08,269 से बढ़कर 19,61,15,164 शेयर हो गई है. कंपनी में एलआईसी की हिस्सेदारी चुकता पूंजी के 7.03 प्रतिशत से बढ़कर 9.04 प्रतिशत हो गई है.
सार्वजानिक क्षेत्र की जीवन बीमा निगम (LIC) ने पिछले साल दिसंबर से अब तक सार्वजनिक क्षेत्र की भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (BPCL)में दो प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी खरीद ली है. इस अधिग्रहण का मूल्य करीब 1,598 करोड़ रुपये है.
एलआईसी ने मंगलवार को शेयर बाजारों को भेजी सूचना में कहा कि उसकी, बीपीसीएल में शेयरधारिता 15,25,08,269 से बढ़कर 19,61,15,164 शेयर हो गई है. कंपनी में एलआईसी की हिस्सेदारी चुकता पूंजी के 7.03 प्रतिशत से बढ़कर 9.04 प्रतिशत हो गई है.
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के नियामकीय मानदंड के मुताबिक, सूचीबद्ध कंपनियों को दो प्रतिशत से ज्यादा शेयरधारिता का खुलासा करना होता है.बीपीसीएल का बाजार पूंजीकरण 67,301 करोड़ रुपये है. एलआईसी ने कहा कि 28 दिसंबर, 2021 से 26 सितंबर, 2022 की अवधि के दौरान बीपीसीएल में उसकी हिस्सेदारी दो प्रतिशत से अधिक बढ़ी है.
BPCL का फैला कारोबार
इस वक्त भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड सरकारी स्वामित्व वाली तेल व गैस एक्सप्लोरर व प्रॉड्यूसर है. BPCL को साल 2020 की फॉर्च्यून की द वर्ल्ड्स बिगेस्ट कॉरपोरेशंस लिस्ट में 309वां स्थान मिला था, वहीं 2021 की फोर्ब्स की ग्लोबल 2000 लिस्ट में 792वां स्थान मिला था.
BPCL की मुंबई, कोच्चि, बीणा, नुमालीगढ़ में रिफाइनरी हैं. कंपनी का कारोबार 7 स्ट्रैटेजिक बिजनेस यूनिट जैसे रिटेल, लुब्रिकेंट्स, एविएशन, रिफाइनरी, गैस, I&C और LPG में बंटा हुआ है. BPCL का मार्केट कैप इस वक्त 72,030.04 करोड़ रुपये है. कंपनी का टर्नओवर 6.55 करोड़ रुपये है.
ऐसे हुई थी शुरुआत
BPCL भारत के तेल व गैस सेक्टर का एक जाना माना नाम. यह वही BPCL है, जिसका भारतगैस LPG सिलेंडर देश के न जाने कितने घरों के किचन में मौजूद है. साल 1928 में BPCL (Bharat Petroleum Corporation Limited), प्राइवेट कंपनी के तौर पर शुरू हुई थी लेकिन फिर भारत सरकार ने इसे अपने स्वामित्व में ले लिया था.
साल 1976 में Act on the Nationalisation of Foreign Oil companies ESSO (1974) के तहत BPCL का राष्ट्रीयकरण हो गया. यानी यह सरकार के स्वामित्व में आ गई. 24 जनवरी 1976 को एक नए युग की शुरुआत हुई, जब पूर्ण रूप से पब्लिक सेक्टर कंपनी भारत रिफाइनरीज लिमिटेड ने बर्मा शेल के भारत में कारोबार का पूर्ण स्वामित्व प्राप्त कर लिया. बाद में 1 अगस्त 1977 को भारत रिफाइनरीज लिमिटेड का नाम भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड हो गया. 18 नवंबर 1977 को भारत पेट्रोलियम को अपना नया लोगो मिला.
2017 में इसे महारत्न कंपनी घोषित किया गया और कंपनी सरकार के स्वामित्व वाली उन कंपनियों की कैटेगरी में पहुंच गई, जिनका मार्केट कैपिटलाइजेशन सबसे ज्यादा है और जो लगातार उच्च मुनाफा दर्ज कर रही हैं.
BPCL को प्राइवेट बनाने की मंशा सरकार ने पहली बार साल 2003 में जताई थी. मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया और फैसला हुआ कि संसद की मंजूरी के बिना ऐसा नहीं हो सकता. 21 नवंबर 2019 को सरकार ने BPCL के निजीकरण को मंजूरी दे दी. सरकार ने मार्च 2020 में कंपनी में अपनी पूरी 52.98 फीसदी हिस्सेदारी बेचने के लिए बोलियां आमंत्रित कीं.
Edited by Vishal Jaiswal