सैनिटाइजर और मास्क दान करने पर शराब तस्करों को मिली जमानत
जमानत के लिये अदालत की शर्तों के मुताबिक उन्होंने एक सरकारी अस्पताल को अल्कोहल आधारित सैनिटाइजर और अच्छी गुणवत्ता के मास्क दान किये हैं।
इंदौर, कोविड-19 के मद्देनजर लागू लॉकडाउन के दौरान शराब तस्करी में गिरफ्तार दो आरोपी मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के आदेश के बाद निजी मुचलका भरकर जमानत पर रिहा हो गये हैं।
जमानत के लिये अदालत की शर्तों के मुताबिक उन्होंने एक सरकारी अस्पताल को अल्कोहल आधारित सैनिटाइजर और अच्छी गुणवत्ता के मास्क दान किये हैं।
उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ के न्यायमूर्ति विवेक रूसिया ने मामले में दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद 30 जून को सरोज राजपूत और रवि हारोड़ की जमानत याचिका कुछ शर्तों के साथ मंजूर की। दोनों आरोपियों की उम्र 25 से 30 साल के बीच है।
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि जमानत पर जेल से रिहाई के लिये दोनों आरोपियों को धार जिले की एक निचली अदालत में 40,000-40,000 रुपये का निजी मुचलका भरना होगा। इसके साथ ही, धार के जिला अस्पताल में पैरामेडिकल स्टाफ के उपयोग के लिये पांच-पांच लीटर अल्कोहल आधारित सैनिटाइजर और अच्छी गुणवत्ता के 200-200 मास्क दान करने होंगे।
दोनों आरोपियों के वकील ओमप्रकाश सोलंकी ने शुक्रवार को "पीटीआई-भाषा" को बताया कि उनके मुवक्किलों ने उच्च न्यायालय के आदेश का पालन करते हुए निचली अदालत में जमानत की औपचारिकताएं पूरी की और धार के जिला अस्पताल को कोविड-19 से बचाव के ये साधन दान कर दिये हैं।
सोलंकी ने बताया, "उच्च न्यायालय की सभी शर्तों के पालन के बाद मेरे दोनों मुवक्किलों को धार जिले के बदनावर स्थित उप जेल से बृहस्पतिवार को जमानत पर रिहा कर दिया गया है।"
बदनावर के उप जेल के सहायक अधीक्षक कमल पलासिया ने जमानत पर दोनों आरोपियों की रिहाई की पुष्टि की।
अधिकारियों ने बताया कि लॉकडाउन अवधि के दौरान धार जिले के कानवन थाना क्षेत्र में पुलिस की वाहन चेकिंग के दौरान 21 मई को राजपूत और हारोड़ के कब्जे से अंग्रेजी शराब की अवैध खेप बरामद की गयी थी।
अभियोजन के मुताबिक कार में सवार दोनों आरोपी शराब की इस खेप को सरकारी परमिट और लाइसेंस के बगैर नागदा से इंदौर ले जा रहे थे।