लॉकडाउन के दौरान बुजुर्ग महिला हटा नहीं रही थी दुकान, कलेक्टर ने सारी सब्जियाँ ही खरीद लीं
तत्कालीन कलेक्टर अंकित आनंद के इस कदम की सोशल मीडिया पर एक बार फिर जी तोड़ प्रशंसा हो रही है और लोग उनके इस कदम को अन्य अधिकारियों द्वारा भी अपनाए जाने के लिए कह रहे हैं।
कोरोना वायरस महामारी के चलते लागू हुए देशव्यापी लॉकडाउन ने गरीब मजदूरों और रहड़ी लगाकर अपनी जीविका कमाने वालों को सबसे अधिक प्रभावित किया है। इस दौरान कुछ मामले ऐसे भी देखने को मिले हैं जब कुछ रेहड़ी वाले पुलिसकर्मियों की बर्बरता का शिकार हो गए और उनकी आजीविका पर भी संकट आ पड़ा, लेकिन इससे जुड़े कुछ सकारात्मक मामले भी देखने को मिले हैं, जिनसे हम सभी को प्रेरणा लेने की जरूरत है।
सोशल मीडिया पर हाल के दिनों में वायरल हुआ वीडियो यूं तो पुराना है, लेकिन वीडियो में अधिकारी द्वारा उठाए गए कदम की लोग तारीफ करते हुए उनके कदम को आदर्श कदम बता रहे हैं।
दरअसल यह मामला कुछ महीने पहले छत्तीसगढ़ के दुर्ग शहर में घटित हुआ था, जब एक बुजुर्ग महिला सड़क किनारे सब्जी बेंच रही थी, लेकिन इसी दौरान जब तत्कालीन दुर्ग कलेक्टर वहाँ से गुजरे और मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों और अधिकारियों ने महिला से घर जाने के लिए कहा तो महिला ने मना कर दिया, क्योंकि वो उसकी जीविकार्जन का एकमात्र साधन था।
ऐसे में कलेक्टर अंकित आनंद ने फौरन महिला को पैसे देते हुए उसकी सारी सब्जियों को खरीद लिया और इसके बाद महिला अपने घर चली गई।
अंकित आनंद के इस कदम की सोशल मीडिया पर एक बार फिर जी तोड़ प्रशंसा हो रही है और लोग उनके इस कदम को अन्य अधिकारियों द्वारा भी अपनाए जाने के लिए कह रहे हैं। लोग उनके इस कदम को प्रशासन का असल धर्म बता रहे हैं।
ट्विटर पर यह वीडियो अजित वरवंदकर ने 26 जुलाई को शेयर किया है, जिसे अब तक 1 लाख 46 हज़ार से अधिक बार देखा जा चुका है। इस वीडियो पर कमेन्ट करते हुए लोग कलेक्टर अंकित आनंद की खूब तारीफ कर रहे हैं।