इस प्रेम कहानी से आपको भी हो जायेगा प्यार, लॉकडाउन के दौरान जिसको दिया खाना उसी से की शादी
'जोड़े आसमान में बनते हैं' हिंदी की ये कहावत इस कहानी के साथ बिल्कुल सटीक बैठती है। कोरोनावायरस (कोविड-19) महामारी के बीच ये एक ऐसी प्रेम कहानी है जिसे हम सब पसंद करेंगे, प्यार करेंगे और ज़माने तक याद रखेंगे।
जब हम सामाजिक रुख के मानदंडों की अवहेलना करते हैं और अपने आस-पास के लोगों के जीवन को खतरे में डालते हैं, हम अनैतिक हैं, हम उन लोगों का भी समर्थन करते हैं, जो मानदंडों का पालन करते हुए अपनी शादी के उत्सव के बारे में जाते हैं।
ऐसी ही महामारी के दौरान हुई एक शादी उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर और कस्बे में चर्चा का विषय बन गई है। किसी सेलिब्रिटी या नेता के शामिल हुए बगैर यह शादी इतनी लोकप्रिय कैसे हो रही है?
हम आपके इस सवाल का जवाब यहाँ दे रहे हैं... यह निश्चिंत ही इस प्रेमी जोड़े की अनोखी प्रेम कहानी के कारण है।
नीलम, एक बेहद गरीब महिला और अनिल, एक ड्राइवर, की प्रेम कहानी लॉकडाउन की शुरुआत से शुरु हुई, सोशल मीडिया पर अब जमकर वायरल हो रही है।
60 दिनों के लॉकडाउन के दौरान उनकी प्रेम कहानी खिल गई और रिश्तों का रंग चढ़ते हुए ज्यादा समय नहीं लगा और अंतत: दोनों सात फेरों के पवित्र बंधन में बंध गए।
ऐसे हुई पहली मुलाकात
अनिल अपने मालिक के निर्देशों पर लॉकडाउन के दौरान जरुरतमंद लोगों को भोजन वितरित करता था। यह उन दिनों में से एक था जब वह नीलम से मिला जो शहर के काकादेओ इलाके में नीर शीर क्रॉसिंग के पास एक फुटपाथ पर भीख मांग रही थी।
अपनी प्रेम कहानी के बारे में टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए, नीलम ने कहा,
“मेरे पिता का देहांत बहुत पहले हो गया था। मेरी मां को लकवा का दौरा पड़ा। भाई और भाभी मेरे साथ मारपीट करते थे और एक दिन उन्होंने मुझे और मेरी मां को घर से निकाल दिया।’’
नीलम अपनी दांस्तान बयां करते हुए अनिल से पहली मुलाकात के बारे में आगे बताती है,
“हमारे पास कुछ भी नहीं था, मैं दूसरे लोगों के साथ फुटपाथ पर भीख माँगने लगी। लॉकडाउन ने जीवन को और भी दयनीय बना दिया। लेकिन इसमें चांदी का अस्तर भी था। लॉकडाउन के दौरान, अनिल अपने मालिक के साथ हर दिन गरीबों को भोजन वितरित करने के लिए आते थे।’’
नीलम ने अपनी प्रेम कहानी के बारे में बात करते हुए बताया,
“अनिल ने मुझसे बात करना शुरू किया जब उसे मेरी परिस्थितियों के बारे में पता चला। और फिर एक दिन, उसने मुझे भीख नहीं मांगने के लिए मना लिया। हम रोज़ाना बातचीत करने लगे और दोस्ती हो गई इसके बाद उन्होंने मुझे प्रपोज किया और इस तरह ये दोस्ती प्यार में तब्दील हो गई और हमने सोशल डिस्टेंसिंग को बनाए रखते हुए एक आश्रम में शादी कर ली।’’
बतौर रियल एस्टेट कारोबारी लालता प्रसाद, अनिल के मालिक, ने टीओआई को बताया,
“अनिल मेरे साथ गरीब और जरूरतमंद लोगों के लिए भोजन वितरित करता था। उसे उस लड़की नीलम से प्यार हो गया, जो भीख मांगती थी। उसने मुझे उसके बारे में बताया। मैंने उससे कहा कि वह उसकी और उसकी माँ की देखभाल करे और उन्हें हर दिन भोजन मुहैया कराए। फिर अनिल ने खुद खाना बनाना शुरू किया और उसे लड़की और उसकी माँ को देने लगा। मैंने किसी तरह उनके पिता (अनिल के पिता) को उनकी शादी के लिए राजी कर लिया। भगवान की कृपा से अब दोनों खुश हैं।”
हाल ही में बीते दिनों भगवान बुद्ध आश्रम में विवाह को सामाजिक रूप से रीति-रिवाजों के अनुकूल संपन्न किया गया था और कई सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा इसे सराहा गया था।
तो इस तरह मैं और आप सब हमारे जमाने की इस दिल छु लेने वाली प्रेम कहानी को याद रखेंगे और मैं दावे के साथ कह सकता हूँ कि नीलम और अनिल की ये प्रेम कहानी आपको खूब पसंद आई होगी... इस कहानी को ढेर सारा प्यार दें और शेयर करें।
कहानी के अंत में आपके सामने पेश कर रहा हूँ हिंदी फिल्म संत ज्ञानेश्वर के एक मशहूर गीत की ये दो पंक्तियाँ-
ज्योत से ज्योत जगाते चलो, प्रेम की गंगा बहाते चलो
राह में आए जो दीन दुखी, सबको गले से लगाते चलो
Edited by रविकांत पारीक