अब जल्द LPG सिलेंडरों पर नज़र आएंगे QR कोड, हर सिलेंडर की होगी अपनी अलग पहचान
विश्व एलपीजी सप्ताह 2022 के दौरान केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने इस प्रोजेक्ट के बारे में बताते हुए कहा कि आने वाले तीन महीनों में सभी एलपीजी गैस सिलेंडरों पर क्यूआर कोड लग जाएगा.
पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी (Hardeep Singh Puri) ने कहा है कि घरेलू गैस सिलेंडर के वितरण को नियंत्रित करने के लिए जल्द ही एल पी जी सिलेंडरों पर क्यूआर कोड (QR Code on LPG Cylinder) की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी. उन्होंने कहा कि पुराने सिलेंडरों के साथ-साथ नये बनने वाले सिलेंडरों पर भी क्यूआर कोड लगाये जाएंगे.
पुरी ने कहा कि क्यूआर कोड लगाने के बाद सिलेंडरों की चोरी, निगरानी और बेहतर तरीके से वितरण से संबधित कई मुद्दे हल हो जाएंगे. गोदामों में इन्हें मैनेज करना भी आसान हो जाएगा.
विश्व एलपीजी सप्ताह 2022 (World LPG Week 2022) के दौरान केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने इस प्रोजेक्ट के बारे में बताते हुए कहा कि आने वाले तीन महीनों में सभी एलपीजी गैस सिलेंडरों पर क्यूआर कोड लग जाएगा. इसका मतलब यह हुआ कि फरवरी 2023 से आपके घर पर क्यूआर कोड से लैस सिलेंडर पहुंचेगा. उसके बाद अगर सिलेंडर में गैस चोरी की शिकायत आती है तो क्यू आर कोड होने से अवैध तरीके से सिलेंडर से गैस निकालने वाले की पहचान हो सकेगी.
इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड के अध्यक्ष श्रीकांत माधव वैद्य ने कहा कि यह योजना दिल्ली में प्रायोगिक तौर पर शुरू की जा रही है. उन्होंने बताया कि अगले तीन से छह महीनों के दौरान घरेलू गैस सिलेंडरों पर क्यूआर कोड लगाने का कार्य पूरा हो जाएगा.
श्रीकांत माधव ने यह भी बताया QR कोड के जरिए ग्राहक सिलेंडर के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त कर सकेंगे. जैसे इसे कहा पर रिफिलिंग किया गया है और सिलेंडर से जुड़े क्या सेफ्टी टेस्ट किये गए हैं या नहीं. जहां इस नए QR कोड को मौजूदा सिलेंडर पर लेबल के माध्यम से चिपकाया जाएगा, वहीं नए सिलेंडर पर इसे वेल्ड किया जाएगा.
वहीं यूनिट कोड बेस्ड ट्रैक के तहत पहले फेज में क्यूआर कोड के साथ एम्बेडेड 20 हजार LPG सिलेंडर जारी हुए हैं. बता दें कि यह एक प्रकार का बारकोड ही है, जिसे डिजिटल डिवाइस द्वारा रीड किया जा सकेगा. पुरी ने कहा कि अगले 3 महीनों में सभी 14.2 KG के घरेलू LPG सिलेंडर पर QR कोड लग जाएगा.
देश में लगभग 30 करोड़ एलपीजी उपभोक्ता है, जबकि गैस सिलेंडरों की संख्या करीब 70 करोड़ है. इनमें सबसे अधिक ग्राहक इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के पास हैं. देश में जैसे-जैसे गैस की कीमतों में इजाफा हो रहा है, सिलेंडरों से अवैध तरीके से गैस निकालने के मामले भी बढ़ रहे हैं. इसी पर लगाम लगाने केलिए सरकार ने सिलेंडरों को क्यूआर कोडयुक्त करने का फैसला लिया है.
ये क्यूआर कोड बिल्कुल उसी तरह से काम करेगा, जैसे एक मनुष्य के लिए आधार कार्ड काम करता है. सरकार के इस फैसले से आने वाले समय में क्यूआर कोड से लैस हर सिलेंडर की अपनी एक अलग पहचान होगी.
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