'आत्मनिर्भर भारत' के लक्ष्य को साकार करने में प्लास्टिक इंडस्ट्री की अहम भूमिका: केन्द्रीय मंत्री नारायण राणे
गोवा में आयोजित हो रहा प्लास्टिक इंडस्ट्री का दो दिवसीय ग्लोबल MSME सम्मेलन.
केन्द्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय और अखिल भारतीय प्लास्टिक निर्माता संघ ने गोवा में दो दिवसीय वैश्विक एमएसएमई सम्मेलन (Global MSME Convention) का आयोजन किया है. सम्मेलन 5 अरब अमरीकी डॉलर की अर्थव्यवस्था में भारतीय प्लास्टिक उद्योग (Indian Plastics Industry) के लिए एक अवसर है. केन्द्रीय मंत्री नारायण राणे (Union Minister Narayan Rane) और गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत (Goa Chief Minister Dr. Pramod Sawant) ने बुधवार को दो दिवसीय वैश्विक एमएसएमई सम्मेलन का उद्घाटन किया.
केन्द्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री नारायण राणे ने सम्मेलन को वर्चुअली संबोधित किया. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि देश में प्लास्टिक उद्योग अर्थव्यवस्था का एक अभिन्न अंग है. उनका मानना है कि वर्तमान में लगभग 50,000 उद्योग प्लास्टिक क्षेत्र में संचालित हैं और इनमें से अधिकांश उद्योग सूक्ष्म, लघु और मध्यम स्तर के हैं. उन्होंने कहा कि ये उद्योग देश की अर्थव्यवस्था में 3.5 लाख करोड़ रुपये का योगदान करते हैं और 50,000 से अधिक लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करते हैं. उन्होंने कहा कि लगभग 35 हजार करोड़ रुपये का प्लास्टिक भारत से निर्यात किया जाता है.
एमएसएमई मंत्री नारायण राणे ने कहा कि देश में 60 प्रतिशत प्लास्टिक का पुनर्चक्रण हो रहा है, जो विकसित देशों की तुलना में अधिक है. सरकार के 'मेक इन इंडिया' (Make In India), 'स्किल इंडिया' (Skill India), 'स्वच्छ भारत' (Swachh Bharat) और 'डिजिटल इंडिया' (Digital India) पहलों के माध्यम से प्लास्टिक उत्पादन बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि 2027 तक, प्लास्टिक उद्योग का सालाना कारोबार 10 लाख करोड़ रुपये होने की उम्मीद है, निर्यात दो लाख टन तक बढ़ जाएगा. केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि इस उद्योग के माध्यम से अगले पांच वर्षों में एक करोड़ लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे.
नारायण राणे ने प्लास्टिक उद्योग को बढ़ावा देने के लिए नवीनतम तकनीक के लिए हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए सरकार का संकल्प व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के 'आत्मनिर्भर भारत' (Aatmanirbhar Bharat) की परिकल्पना को पूरा करने में प्लास्टिक उद्योग का योगदान को पर्याप्त सफलता मिलेगी.
सम्मेलन को संबोधित करते हुए गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत ने प्लास्टिक उद्योग से मुख्य रूप से कृषि क्षेत्र पर ध्यान देने की अपील की. उन्होंने यह भी कहा कि गोवा सरकार प्लास्टिक उद्योग को हर संभव सहायता प्रदान करेगी.
दो दिवसीय सम्मेलन के दौरान, विशेषज्ञ विभिन्न विषयों पर विचार-विमर्श करेंगे, जैसे 'सरकारी ई-मार्केट प्लेस के माध्यम से प्लास्टिक उद्योग के लिए अवसर', 'प्लास्टिक उद्योग को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार की योजनाएं' और ' भारतीय टूलींग क्षेत्र में नवीनतम तकनीक'.
उद्घाटन सत्र में गोवा सरकार में उद्योग मंत्री मौविन गुडिन्हो; भारतीय प्लास्टिक निर्माता संघ के अध्यक्ष मयूर शाह; एमएसएमई मंत्रालय में संयुक्त सचिव मर्सी इपाओ, केन्द्रीय वाणिज्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव मनीष चड्ढा उपस्थित थे.
सम्मेलन में 250 से अधिक उद्योग भाग ले रहे हैं, जिसमें टेक्नोलॉजी प्रदर्शन, B2B बैठकें, बिजनेस नेटवर्किंग, केस स्टडीज, बेस्ट प्रैक्टिसेज और पैनल डिस्कशन देखने को मिलेंगे.
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