तीसरी महिला लेफ्टिनेंट जनरल बन माधुरी कानिटकर ने रचा इतिहास
लेफ्टिनेंट जनरल माधुरी कानिटकर और उनके पति राजीव जो कि लेफ्टिनेंट जनरल भी हैं, सशस्त्र बलों में यह रैंक हासिल करने वाले पहले युगल हैं।
मेजर जनरल माधुरी कानिटकर को शनिवार को भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट जनरल के पद तक का दर्जा दिया गया। इसके साथ वह इस रैंक पर पहुँचने वाली तीसरी महिला अधिकारी बन गईं। माधुरी सेना में दूसरा सबसे बड़ा पद धारण करने वाली पहली महिला बाल रोग विशेषज्ञ भी हैं।
नए पद के साथ उन्हे जनरल दिल्ली में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) मुख्यालय में एकीकृत रक्षा स्टाफ के उप प्रमुख के रूप में तैनात किया गया है।
अपने संदेश में लेफ्टिनेंट जनरल माधुरी ने मीडिया से कहा,
"महिलाओं को ऐसे संगठन में बढ़ने का अवसर मिला है जो एक महिला के लिए निष्पक्ष, पारदर्शी, सम्मानित और सुरक्षित है।"
इसके पहले वह पुणे में सशस्त्र बल मेडिकल कॉलेज के डीन के रूप में तैनात थीं। वो आगे कहती हैं,
"अगर एक संदेश है जिसे मैं साझा करना चाहूंगी, तो यह है कि हर दिन समान रूप से बच्चों के साथ उत्साह से आनंद लें और असंभव को प्राप्त करने के लिए खुद को चुनौती दें। कभी हार न मानें! वर्दी में हर महिला को मैं यह कह सकती हूँ कि आधी दुनिया तुमसे है, लेकिन तुम्हें पूरी दुनिया को सर्व करना है, हमेशा अपना बेस्ट दो।"
उल्लेखनीय यह है कि लेफ्टिनेंट जनरल माधुरी कानिटकर और उनके पति राजीव जो कि लेफ्टिनेंट जनरल भी हैं, सशस्त्र बलों में यह रैंक हासिल करने वाले पहले युगल हैं।
हालांकि यह सब इतना आसान नहीं था, 1980 के दशक तक सेना में पुरुष प्रधानता थी और बेहद कम महिलाएं ही सेना में अपनी सेवाएँ दे रही थीं। माधुरी ने सशस्त्र बल मेडिकल कॉलेज में अपने एमबीबीएस बैच में टॉप किया और सर्वश्रेष्ठ निवर्तमान छात्र के लिए राष्ट्रपति स्वर्ण पदक भी हासिल किया था।
इस पद को संभालने वाली पहली महिला सर्जन वाइस-एडमिरल और पूर्व 3-स्टार ध्वज अधिकारी पुनीता अरोड़ा हैं, जिन्होने भारतीय नौसेना और भारतीय सेना दोनों जगह अपनी सेवाएँ दी हैं। लेफ्टिनेंट जनरल पद्मावती बंदोपाध्याय यह उपलब्धि हासिल करने वाली दूसरी महिला हैं।