मध्य प्रदेश सरकार ने ट्रांसजेंडरों को सरकारी नौकरी देने के लिए बनाई अलग कैटेगरी
अब सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन पत्र में पुरुष और महिला के साथ 'ट्रांसजेंडर' का विकल्प भी उपलब्ध होगा.
मध्य प्रदेश सरकार (Madhya Pradesh government) ने ट्रांसजेंडर समुदाय (transgender community) को एक बड़ी सौगात दी है. राज्य सरकार ने ट्रांसजेंडरों को सरकारी नौकरियों (government jobs for transgenders) के लिए आवेदन करने में सक्षम बनाया है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने ट्रांसजेंडरों की भर्ती के लिए एक अलग कैटेगरी बनाई है.
अब तक, सीधी भर्ती प्रक्रिया के माध्यम से सरकारी नौकरी चाहने वाले उम्मीदवारों के लिए केवल दो श्रेणियां - पुरुष और महिला - थीं.
समाचार एजेंसी पीटीआई ने एक अधिकारी के हवाले से बताया, "राज्य सरकार ने मध्य प्रदेश ट्रांसजेंडर (अधिकारों का संरक्षण) नियम-2021 के तहत शुक्रवार को आदेश जारी कर नौकरियों में सीधी भर्ती में ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए अलग श्रेणी बनाई है."
इसके साथ ही अब सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन पत्र में पुरुष और महिला के साथ 'ट्रांसजेंडर' का विकल्प भी उपलब्ध होगा.
आपको बता दें कि इससे पहले पिछले साल पश्चिम बंगाल सरकार ने ट्रांसजेंडर समुदाय के लोगों को सामान्य श्रेणी के तहत सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन करने की अनुमति देने का फैसला किया था.
पिछले साल नवंबर में महाराष्ट्र एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (MAT) की मुंबई बेंच ने राज्य सरकार को ट्रांसजेंडरों के लिए पुलिस सब-इंस्पेक्टर (PSI) का एक पद आरक्षित रखने का निर्देश दिया था.
ट्रांसजेंडरों के लिए सरकार में आरक्षण की मांग भी की जा रही है. भारत की पहली ट्रांसजेंडर जज जोयिता मंडल (India's first transgender Judge Joyita Mondal) ने पहले पत्रकारों से कहा था कि ट्रांसजेंडर समुदाय को सरकारी नौकरियों में आरक्षण देना बहुत जरूरी है.
मंडल ने कहा कि पुलिस बल और रेलवे जैसे क्षेत्रों में ट्रांसजेंडरों के प्रवेश से उनके प्रति समाज का नजरिया बदलेगा और जीवन में उनकी उन्नति में मदद मिलेगी.
वहीं राज्य के मेडिकल और इंजीनियरिंग काॅलेजों के दाखिले में अब सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों के लिए अलग मेरिट बनाई जाएगी. सरकारी स्कूलों के छात्रों की संख्या मेडिकल और इंजीनियरिंग काॅलेजों में बढ़ाई के लिए ऐसा किया गया है. यह बातें सीएम शिवराज सिंह चौहान में 23 फरवरी को उज्जैन में विकास यात्रा के दौरान कही.
इसके अलावा बता दें कि मध्य प्रदेश में सरकारी नौकरी पाने वाली पहली ट्रांसजेंडर संजना सिंह है. संजना सिंह को सामाजिक न्याय और नि:शक्तजन कल्याण विभाग के डायरेक्टर की निजी सचिव के पद पर तैनाती मिली है.
उनका कहना है कि 15 साल की उम्र में उन्होंने परिवार को छोड़ दिया था. इसके बाद ट्रांसजेंडर कम्युनिटी ज्वाइन कर लिया था. सरकारी नौकरी मिलने के बाद उन्होंने बताया कि समाज में मुझे मेरा अधिकार मिल गया है तो अब परिवार समाज सभी एक साथ हो गए हैं. बता दें कि संजना 2008 से एनजीओ से जुड़कर जरूरत मंद लोगों की सेवा करने लगी थी.