सोना गलाना छोड़ मिट्टी को सोना बना रहे संतोष, दोस्त आकाश के साथ मिलकर हर महीने कमाते हैं 2 लाख से ज्यादा
महाराष्ट्र के सांगली में रहने वाले संतोष और आकाश ने एग्रिकल्चर का चेहरा ही बदल दिया है. वह इंडियन फार्मर यूट्यूब चैनल चलाते हैं, जिसके जरिए किसानों को नई-नई जानकारियां मुहैया कराई जाती हैं.
आप देश के किसी भी गांव में जाएंगे तो आपको डॉक्टर, इंजीनियर या आईएएस ऑफिसर बनने के सपने देखने वाले लाखों युवा मिल जाएंगे. गांव में ऐसे युवा बहुत ही कम होते हैं, जो खेती को अपना करियर बनाना चाहते हैं. अधिकतर युवा खेती सिर्फ इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें दूसरा कोई विकल्प नहीं मिला. लेकिन 28 साल के युवा संतोष जाधव ने फैमिली बिजनस को छोड़कर खेती को अपना करियर बनाया. उनका फैमिली बिजनस गोल्ड रिफाइनरी का है, लेकिन उन्होंने सोना गलाना छोड़कर मिट्टी को सोना बनाने का सपना देखा. आज वह सिर्फ एक सफल किसान ही नहीं हैं, बल्कि बहुत सारे युवाओं में खेती की उम्मीद जगाने वाले हीरो हैं.
संतोष आज जिस मुकाम पर हैं, शायद वहां कभी नहीं पहुंच पाते अगर उनके दोस्त आकाश जाधव ना होते. आपने ये तो सुना होगा कि हर इंसान की कामयाबी के पीछे एक औरत का हाथ होता है, लेकिन संतोष की कायमबी में उनके साथी बने आकाश जाधव. आकाश ने इंजीनियरिंग के बाद फिल्म मेकिंग या यूट्यूब में करियर बनाने की सोची और आखिरकार उन्होंने यूट्यूब को चुना. वह हमेशा से अपने किसी दोस्त के साथ ही कुछ नया काम करने की सोचते थे. आकाश की खोज संतोष पर आकर खत्म हुई और दोनों दोस्तों ने मिलकर 'इंडियन फार्मर' नाम का एक यूट्यूब चैनल शुरू किया. आज आकाश और संतोष लाखों युवाओं के आदर्श बन चुके हैं.
यूं हुई यूट्यूब पर सफर की शुरुआत
आकाश और संतोष ने मिलकर 2018 में यूट्यूब चैनल इंडियन फार्मर की शुरुआत की. ये वो दौर था जब बाजार में रिलायंस जियो की एंट्री की वजह से इंटरनेट बेहद सस्ता हो चुका था और लोग यूट्यूब का अधिक से अधिक इस्तेमाल कर रहे थे. इसी दौरान जब इंडियन फार्मर चैनल सामने आया तो लोगों को पहली बार कोई ऐसा चैनल मिला, जो खेती के बारे में बहुत ही शानदार जानकारी देता है. उस वक्त खेती से जुड़े यूट्यूब चैनल बहुत ही कम थे. दोनों ने पहला वीडियो मोबाइल से बनाया था जो मल्चिंग पेपर बिछाने का था. उसे लोगों ने खूब पसंद किया और उसके बाद धीरे-धीरे दोनों का सफर आगे बढ़ता रहा. आज उनके चैनल पर करीब 30 लाख सब्सक्राइबर हैं.
संतोष और आकाश, दोनों ने शुरुआत में झेला परिवार का विरोध
बात भले ही संतोष की करें या आकाश की, दोनों ने ही शुरू में परिवार का विरोध झेला. महाराष्ट्र के सांगली जिले में रहने वाले संतोष गोल्ड रिफाइनरी के अपने फैमिली बिजनस की वजह से करीब 4-5 साल तक यूपी के प्रयागराज में रहे. जब वह 2015 में वापस सांगली गए तो उन्होंने खेती को अपना करियर बनाने का फैसला किया. वह चाहते थे कि खेती में नए-नए एक्सपेरिमेंट किए जाएं और तकनीक का इस्तेमाल किया जाए. उन्हें इस मामले में सबसे पहले अपने परिवार का विरोध झेलना पड़ा. घर वालों ने तो यहां तक कहा कि चलती गाड़ी छोड़कर नई गाड़ी क्यों पकड़ रहे हो. खैर, संतोष को अपने ऊपर पूरा भरोसा था और एक दिन उन्होंने खुद को साबित कर के दिखाया. उनके खेती के तरीकों ने परिवार का दिल जीत लिया. आज वह यूट्यूब से तो कमाई कर ही रहे हैं, खेती में भी झंडे गाड़ रहे हैं.
आकाश ने जब अपनी इंजीनियरिंग पूरी की और यूट्यूब को करियर बनाने की सोची तो उन्हें भी विरोध झेलना पड़ा. घर के लोगों को चिंता थी कि आखिर यूट्यूब से क्या होगा, कैसे आगे बढ़ पाएंगे. उसमें भी खेती के वीडियो बनाए जाने के कॉन्सेप्ट पर सवाल ये उठा कि आखिर इसे कुछ साल तक ही तो किया जा सकता है, उसके बाद क्या होगा. खैर, हर कोई बातें करता रहा, लेकिन आकाश ने सालों से इंटरनेट की ग्रोथ को देखा और समझा था. ऐसे में वह जानते थे कि आज नहीं तो कल उन्हें कामयाबी मिलेगी और लोग उनके काम को समझेंगे. आज भले ही इंडियन फार्मर यूट्यूब चैनल पर चेहरा संतोष का दिखता है, लेकिन हर वीडियो को बनाने और लोगों तक पहुंचाने वाला तकनीकी पार्ट आकाश ही करते हैं. उनके बिना इंडियन फार्मर यूट्यूब चैनल आज इस मुकाम तक नहीं पहुंच सकता था. आकाश और संतोष की टीम उन्हें हर काम में मदद करती हैं, जिनमें आशुतोष, संजू और आशीष हैं. टीम के ये तीनों सदस्य भी आकाश और संतोष के गांव के ही हैं.
क्या है बिजनस मॉडल, कितनी होती है कमाई?
यूट्यूब चैनल शुरू करने की बात कर घरवालों को जिस बात की सबसे बड़ी चिंता थी, वह अब नहीं रही. उनकी चिंता थी कि आखिर बच्चे वीडियो बना-बना कर कितना पैसा कमा पाएंगे. आज इंडियन फार्मर यूट्यूब चैनल से 2 लाख रुपये प्रति महीने तक की कमाई हो रही है. इतना ही नहीं, हर महीने औसन 60 हजार सब्सक्राइबर जुड़ रहे हैं, यानी आने वाले दिनों में ये कमाई और तेजी से बढ़ेगी. इंडियन फार्मर यूट्यूब चैनल की कमाई दो तरीकों से होती है, पहला है गूगल एडसेंस के विज्ञापन और दूसरा है इंफ्लुएंसर मार्केटिंग. संतोष कुछ एग्रिटेक कंपनियों के प्रोडक्ट्स की या उनकी सर्विसेस की मार्केटिंग करते हैं, लेकिन इस बात का भी ध्यान रखते हैं कि उससे किसानों की मदद हो.
आसान नहीं था सफर, कई चुनौतियां झेलीं
संतोष और आकाश के लिए यहां तक पहुंचने का सफर आसान नहीं था. उन्हें परिवार का विरोध तो झेलना ही पड़ा था, साथ ही उन्हें काम करने में भी बहुत सारी चुनौतियां आईं. खेती का वीडियो बनाना आसान नहीं होता. खेत में धूप, धूल, पानी इन सबके बीच वीडियो बनाना मुश्किल होता है. शुरुआत में उनके पास जो कैमरा था वह धूप में शूट नहीं कर पाता था, ऐसे में उन्हें सुबह-शाम वीडियो शूट करनी पड़ती थी. खेत में इरिगेशन की वीडियो बनाने जाते थे और अचानक लाइट चली जाती थी, ये भी दिक्कत थी. इंटरनेट पर वीडियो डालने के बाद उसे अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाना भी एक चैंलेज था. वहीं बहुत सारा पैसा नहीं होने की वजह से उन्हें कई इक्विपमेंट खरीदने में दिक्कतें आईं, लेकिन जैसे-जैसे चैनल बड़ा होता गया, उनकी कमाई बढ़ती गई और चुनौतियां कम होती गईं.
बस वीडियो तक नहीं रुकेंगे, जानिए फ्यूचर प्लान्स
संतोष और आकाश ने भले ही शुरुआत एक यूट्यूब चैनल से की है, लेकिन वह सिर्फ वीडियो तक नहीं रुकना चाहते हैं. उनका मकसद दरअसल एक ऐसा ईकोसिस्टम बनाना है, जो एग्रिकल्चर सेक्टर के लोगों की बेहतर मदद की जा सके. आकाश कहते हैं कि वह चाहते हैं और भी लोग ऐसे वीडियो बनाएं, यूट्यूब चैनल बनाएं, खेती के इंजीनियर बनें. उनका मानना है कि सिर्फ इंडियन फार्मर की मदद से पूरे देश को खेती की जानकारी नहीं पहुंचाई जा सकती है. ऐसे में और भी लोगों को इस फील्ड में आना चाहिए. संतोष तो बहुत सारे जुगाड़ भी बनाते हैं, जिससे किसानों का खेती में वक्त बचे और उनकी मदद हो सके. संतोष के जुगाड़ इतने लोकप्रिय हो गए हैं कि अबj उनकी टीम का एक शख्स दिनभर सिर्फ जुगाड़ बनाने का काम करता है. अभी संतोष और आकाश का कोई एग्रिकल्चर कंपनी शुरू करने का प्लान नहीं है, लेकिन भविष्य में अगर किसानों की मदद के लिए ऐसा करने की जरूरत पड़ी तो वह कंपनी भी खोल सकते हैं.