मिलें IIT के 'मैथ जीनियस' से जिसने छात्रों को पढ़ाने के लिए छोड़ दी मल्टीनेशनल कंपनी की नौकरी
सुपर 30 के फाउंडर आनंद कुमार (Anand Kumar - Founder of Super30) के बारे में तो आप देख, पढ़, सुन चुके होंगे. लेकिन आज हम आपको उन्हीं की राह पर चलने वाले एक और शख्स से मिलवा रहे हैं. यह एक ऐसे शख्स की कहानी है जिसने प्रतिष्ठित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) में दाखिला लिया. फिर छात्रों को गणित पढ़ाने के लिए मल्टीनेशनल कंपनी की नौकरी छोड़ दी. हाल ही में इनकी कहानी सोशल मीडिया और इंटरनेट पर जमकर वायरल हो रही है.
एक ट्विटर यूजर ने अपने स्कूल के दोस्त श्रवण की कहानी साझा की, जो अब गणित पढ़ाते हैं और एक YouTube चैनल चलाते हैं. उन्हें "मैथ जीनियस" (math genius) कहते हुए, राहुल राज ने अपने पुराने दोस्त के करियर का वर्णन किया और बताया कि वह कैसे टीचिंग में आए.
“उन्होंने JEE (Joint Entrance Examination) क्वालीफाई किया और आईआईटी गुवाहाटी (IIT Guwahati) में शामिल हो गए. उन्होंने मल्टीनेशनल कंपनी की नौकरी की दौड़ छोड़ दी और गणित पढ़ने और पढ़ाने के तरीके खोजते रहे, ” राज ने ट्वीट किया, श्रवण के YouTube वीडियो के अपने ट्यूटोरियल का स्क्रीनशॉट साझा करते हुए.
राहुल राज ने आगे लिखा, “वह संतों की तरह रहते हैं, यात्रियों की तरह, खानाबदोशों की तरह, पागलों की तरह. ये सब है अच्छी गणित पढ़ाने के लिए, जिसे कोचिंग क्लासेस ने पछाड़ दिया है.”
अपने दोस्त की आगे प्रशंसा करते हुए, ट्विटर यूजर ने बताया कि श्रवण भारत के किसी भी टॉप IIT-JEE कोचिंग इंस्टीट्यूट में बतौर फैकल्टी मेंबर जॉइन करके करोड़ों कमा सकते थे.
"... लेकिन वह मौलिक स्तर पर इन संस्थानों से असहमत हैं. उनका गुस्सा यह है कि ये जल्दी-जल्दी कक्षाएं छात्रों में गणित सीखने के जुनून को खत्म कर देती हैं, ” राहुल राज ने कहा.
उनके पहले ट्वीट को एक मिलियन से अधिक बार देखा गया, 2,500 से अधिक री-ट्वीट और 18,000 से अधिक 'लाइक' मिले.
IIT-ian से शिक्षक बने श्रवण "maths with shrawan" YouTube चैनल चलाते हैं. उन्होंने पिछले पांच महीनों में 20 से अधिक ट्यूटोरियल वीडियो अपलोड किए हैं और उनके 7,700 से अधिक सब्सक्राइबर हैं.
YouTube चैनल के डेस्क्रिप्शन में यह भी दावा किया गया है कि श्रवण बिहार के पूर्व राजस्व सेवा अधिकारी हैं.
अब जहां एक ओर एजुकेशन एक बिजनेस बन गई है. यह कॉर्पोरेट में तब्दील हो गई है, वहीं, दूसरी ओर श्रवण जैसे शिक्षकों की कहानी वाकई में अद्भुत काम..साहस, गौरव और दृढ़ संकल्प की दास्तां बयां करती है. श्रवण सही मायनों में गुरू हैं.