सरकार ने बताया - TV News चैनलों पर लागू नहीं होंगे फैक्ट चेक के नियम, ऑनलाइन प्लेटफार्म तक सीमित होगा दायरा
सरकार ने अपनी मीडिया शाखा पीआईबी द्वारा ‘फर्जी' या ‘भ्रामक' के रूप में चिह्नित सामग्री को हटाने के लिए नए सूचना प्रौद्योगिकी (IT) नियमों में प्रस्तावित संशोधन पर जनता से टिप्पणियां आमंत्रित की हैं. मंत्रालय प्रस्ताव को लागू करने से पहले अगले महीने हितधारकों के साथ विचार-विमर्श करेगा.
पत्र सूचना कार्यालय (PIB) द्वारा "फर्जी" माने जाने वाले समाचारों को हटाने के लिए निर्देश देने वाले आईटी नियमों के संशोधित मसौदे के दायरे में टेलीविजन समाचार चैनल तब तक नहीं आएंगे, जब तक उन समाचार को ऑनलाइन मंच पर साझा नहीं किया जाता. इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने यह जानकारी दी.
राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि आईटी नियमों का दायरा केवल ऑनलाइन मंचों तक सीमित है. केंद्रीय मंत्री ने कहा, "यह टीवी पर तब तक लागू नहीं होगा जब तक सामग्री किसी ऑनलाइन मंच पर साझा नहीं की जाती. आईटी नियम केवल ऑनलाइन मंचों तक ही सीमित हैं."
सरकार ने अपनी मीडिया शाखा पीआईबी द्वारा ‘फर्जी' या ‘भ्रामक' के रूप में चिह्नित सामग्री को हटाने के लिए नए सूचना प्रौद्योगिकी (IT) नियमों में प्रस्तावित संशोधन पर जनता से टिप्पणियां आमंत्रित की हैं. मंत्रालय प्रस्ताव को लागू करने से पहले अगले महीने हितधारकों के साथ विचार-विमर्श करेगा.
मंत्री ने कहा कि मंत्रालय एडिटर्स गिल्ड और अन्य हितधारकों को परामर्श के लिए आमंत्रित करेगा. इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने मंगलवार को सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यस्थ दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 के मसौदे में संशोधन जारी किया, जिसे पहले सार्वजनिक परामर्श के लिए जारी किया गया था.
बीते साल, दिसंबर महीने में सरकार ने भ्रामक खबरें (fake news) फैलाने वाले तीन यू-ट्यूब चैनलों (YouTube channels) का पता लगाया था. पत्र सूचना कार्यालय की फैक्ट-चेक यूनिट (PIB Fact Check Unit - FCU) ने एक बयान में कहा कि ये यू-ट्यूब चैनल देश के प्रधानमंत्री, उच्चतम न्यायालय, प्रधान न्यायाधीश, निर्वाचन आयोग और अन्य सरकारी योजनाओं के बारे में झूठे और सनसनीखेज दावे कर रहे हैं. पत्र सूचना कार्यालय की टीम ने कहा कि इन यू-ट्यूब चैनलों के लगभग 33 लाख सब्सक्राइबर थे और इनके वीडियो को 30 करोड़ से अधिक बार देखा गया, लेकिन इनमें से लगभग सभी झूठे पाये गये. टीम ने बताया कि ये यू-ट्यूब चैनल दर्शकों को समाचारों की प्रमाणिकता का भरोसा दिलाने के लिए टी वी चैनलों के लोगो और उनके समाचार एंकर की छवि के साथ ही फर्जी लाइक का इस्तेमाल कर रहे थे. ये चैनल अपने वीडियो में विज्ञापन भी दिखा रहे थे. सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने पिछले एक साल में एक सौ से अधिक यू-ट्यूब चैनलों पर प्रतिबंध लगाया है.
इसी कड़ी में, इस महीने के दूसरे हफ्ते में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की पीआईबी फैक्ट चेक यूनिट (FCU) ने छह यूट्यूब चैनलों का भंडाफोड़ किया, जो भारत में समन्वित तरीके से काम कर रहे थे और गलत जानकारी फैला रहे थे. फैक्ट चेक यूनिट ने इन चैनलों द्वारा फैलाई जा रही फर्जी खबरों का मुकाबला करने के लिए 100 से ज्यादा फैक्ट चेक वाले छह अलग-अलग ट्विटर थ्रेड जारी किए. सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के तहत यूनिट की ओर से यह दूसरी ऐसी कार्रवाई है जहां पूरे चैनलों का भंडाफोड़ किया गया है.
Edited by रविकांत पारीक