मीराबाई चानू ओलंपिक क्वालीफिकेशन रैंकिंग में आठवें स्थान पर
टोक्यो ओलंपिक के लिये स्थान पक्का करने की कोशिश में जुटी पूर्व विश्व चैम्पियन मीराबाई चानू ने गुरूवार को अंतरराष्ट्रीय भारोत्तोलन महासंघ (आईडब्ल्यूएफ) द्वारा जारी ओलंपिक क्वालीफायर रैंकिंग सूची में आठवां स्थान बरकरार रखा।
ओलंपिक क्वालीफिकेशन के लिये दौड़ में 25 साल की भारोत्तोलक ने अब तक 2966.6406 रैंकिंग अंक जुटा लिये हैं।
टोक्यो के लिये क्वालीफाई करने के लिये 49 किग्रा वर्ग में भाग लेने वाली भारोत्तोलक को छह महीनों (नवंबर 2018 से अप्रैल 2020 तक) के तीन पीरियड में प्रत्येक में एक टूर्नामेंट में भाग लेना होगा, जिसमें कम से एक स्वर्ण और एक रजत स्तर की प्रतियोगिता शामिल हो।
राष्ट्रीय कोच विजय शर्मा ने पीटीआई से कहा,
‘‘रैंकिंग अंक एक भारोत्तोलक के टूर्नामेंट की संख्या के आधार पर मिलते हैं और मीराबाई कुछ स्पर्धाओं से हट चुकी हैं जिसमें वह पीठ की चोट के कारण 2018 में विश्व चैम्पियनशिप में नहीं खेल पायी थीं।’’
उन्होंने कहा,
‘‘लेकिन अभी आठवें स्थान पर रहना कोई समस्या नहीं है क्योंकि अंतिम रैंकिंग अप्रैल में बनायी जायेगी और सर्वश्रेष्ठ नतीजे शामिल किये जायेंगे।’’
ताजा क्वालीफाइंग रैंकिंग में चीन की तीन भारोत्तोलक शीर्ष पांच में शामिल हैं जिसमें मौजूदा विश्व चैम्पियन और विश्व रिकार्डधारी होऊ जिहुई शीर्ष पर है। लेकिन ओलंपिक में एक देश एक वजन वर्ग में केवल एक एथलीट ही भेज सकता है।
पुरूषों के 67 किग्रा वर्ग में युवा ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता जेरेमी लालरिनुगा 2,310.9653 अंक से 32वें स्थान पर बने हुए हैं।
आपको बता दें कि मीराबाई चानू साल 2014 से नियमित रूप से 48 किग्रा श्रेणी की अन्तरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग ले रहीं हैं। चानू ने विश्व चैम्पियनशिप तथा राष्ट्रमण्डल खेलों में पदक जीते हैं। उन्हें खेल के क्षेत्र में योगदान के लिये भारत सरकार से पद्म श्री पुरस्कार मिल चुका है।
चानू ने 2014 राष्ट्रमण्डल खेलें में 48 किग्रा श्रेणी में रजत पदक जीता तथा गोल्ड कोस्ट में हुए 2018 संस्करण में विश्व कीर्तिमान के साथ स्वर्ण पदक जीता। उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि 2017 में अनाहाइम, संयुक्त राज्य अमेरिका में आयोजित हुई विश्व भारोत्तोलन चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीतना था।
चानू ने 196 किग्रा, जिसमे 86 किग्रा स्नैच में तथा 110 किग्रा क्लीन एण्ड जर्क में था, का वजन उठाकर भारत को 2018 राष्ट्रमण्डल खेलों का पहला स्वर्ण पदक दिलाया। इसके साथ ही उन्होंने 48 किग्रा श्रेणी का राष्ट्रमण्डल खेलों का रिकॉर्ड भी तोड़ दिया।
(Edited by रविकांत पारीक )