मोबाइल टावर लगाने के नियमों को सरकार ने बनाया आसान, कर सकेंगे लाखों की कमाई
सरकार ने विशेष रूप से 5जी सेवाओं (5G Services) के क्रियान्वयन को आसान बनाने के लिए नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव किया है. अब दूरसंचार कंपनियों को निजी संपत्तियों पर मोबाइल टावर अथवा खंभे लगाने के लिये किसी प्राधिकरण से मंजूरी लेने की जरूरत नहीं होगी.
मोबाइल सेवाओं के आने के बाद आज देश में नेटवर्क कनेक्टिविटी बेहतर हो चुकी है और ग्रामीण इलाकों में भी शहर की तरह ही नेटवर्क कनेक्टिविटी अच्छी हो गई है. हालांकि, आज भी देश के कई इलाकों में नेटवर्क की समस्या बरकरार है. ऐसे में अगर आप भी अपने इलाके में नेटवर्क की समस्या का सामना कर रहे हैं तो आप अपने घर पर मोबाइल टावर लगवा सकते हैं.
मोबाइल टावर लगवाने के लिए आपको टेलीकॉम कंपनियों के बजाय थर्ड पार्टी मोबाइल टावर लगाने वाली कंपनी से सम्पर्क करना होता है. इन बड़ी कंपनियों का टावर लगवाने वाली कंपनियों से पार्टनरशिप रहता है. भारती इंफ्राटेल, इंडस टावर्स, एटीसी टावर, जिओ टावर लगवाने वाली कम्पनियां हैं.
टावर लगाने के बदले कंपनी आपको लैंड के हिसाब से किराया देती है. यह किराया हज़ारों रूपये से लेकर लाखों तक भी हो सकता है. अगर आप गांव में टावर लगवाना चाहते हैं तो आपके पास न्यूनतम 2500 स्क्वायर फ़ीट की ज़मीन होनी चाहिए जबकि शहर के लिए 2000 स्क्वायर फिट की ज़मीन होनी चाहिए.
इसके लिए आपकी ज़मीन के आस-पास 100 मीटर तक के एरिया में कोई हॉस्पिटल नहीं होना चाहिए. अगर आप टावर बिल्डिंग की छत पर लगाना चाहते हैं तो कम से कम 500 स्क्वायर फ़ीट की जगह होनी चाहिए.
वहीं, आप जिस भी कंपनी के टावर को अपने ज़मीन पर लगवाएँगे, उस कंपनी के द्वारा उनकी सभी सेवाओं का आप मुफ्त में लाभ उठा सकते हैं. मुफ्त सेवाओं में फ्री कॉलिंग और फ्री इंटरनेट जैसी सुविधाएं शामिल होंगी.
सरकार ने नियमों को बनाया आसान
सरकार ने विशेष रूप से 5जी सेवाओं (5G Services) के क्रियान्वयन को आसान बनाने के लिए नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव किया है. अब दूरसंचार कंपनियों को निजी संपत्तियों पर मोबाइल टावर अथवा खंभे लगाने के लिये किसी प्राधिकरण से मंजूरी लेने की जरूरत नहीं होगी. सरकार ने इस मामले में हाल ही में ‘मार्ग के अधिकार’ नियम को अधिसूचित किया है.
हालांकि, दूरसंचार कंपनियों को निजी भवन या संपत्ति पर मोबाइल टावर या खंभे लगाने से पहले उपयुक्त प्राधिकरण को लिखित में जानकारी देने की जरूरत होगी. ऐसा भारतीय टेलीग्राफ मार्ग अधिकार (संशोधन) नियम, 2022 के अनुसार करना होगा.
दूरसंचार कंपनियों को संबंधित इमारत या संपत्ति का विवरण देने के साथ प्राधिकरण से अधिकृत इंजीनियर के प्रमाणपत्र की एक प्रति देने की जरूरत होगी. उसमें इस बात का सत्यापन होगा कि भवन या संपत्ति मोबाइल टावर या खंभा लगाने के मकसद से संरचनात्मक रूप से सुरक्षित है.
अधिसूचना में कहा गया है कि छोटे सेल लगाने के लिये खंभों, यातायात संकेतक जैसे ‘स्ट्रीट फर्नीचर’ का उपयोग करने वाली दूरसंचार कंपनियों को शहरी क्षेत्रों में 300 रुपये सालाना देना होगा. वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों में 150 रुपये प्रति ‘स्ट्रीट फर्नीचर’ का भुगतान करना होगा. इसमें कहा गया कि ‘स्ट्रीट फर्नीचर’ का उपयोग कर केबल लगाने के लिये दूरसंचार कंपनियों को सालाना 100 रुपये प्रति ‘स्ट्रीट फर्नीचर’ का भुगतान करना होगा.
Edited by Vishal Jaiswal