मोदी सरकार ने किसानों के लिए किया बड़ा फैसला, कृषि लोन पर 1.5% ब्याज सहायता को दी मंजूरी
August 17, 2022, Updated on : Thu Aug 18 2022 10:46:15 GMT+0000

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पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने किसानों को फायदा पहुंचाने वाला एक बड़ा फैसला किया है. सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा है कि बुधवार की बैठक में सभी वित्तीय संस्थाओं के लिए छोटी अवधि के 3 लाख रुपये तक के कृषि लोन के लिए 1.5 फीसदी ब्याज सहायता योजना के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. मोदी सरकार के इस कदम का मकसद एग्रिकल्चर के क्षेत्र में किसानों के लिए पर्याप्त मात्रा में लोन मुहैया कराया जाना सुनिश्चित करना है.
इसके तहत कर्ज देने वाले संस्थानों को 2022-23 से 2024-25 तक किसानों के लिए गए 3 लाख रुपये तक के स्मॉल लोन के एवज में 1.5 फीसदी की ब्याज सहायता दी जाएगी. यह सहायता, सरकारी और प्राइवेट बैंकों, स्मॉल फाइनेंसिंग बैंक, रीजनल रूरल बैंक, को-ऑपरेटिव बैंक आदि को दी जाएगी.
सरकार पर पड़ेगा 34,856 करोड़ रुपये का बोझ
एक आधिकारिक बयान के अनुसार सरकार की तरफ से दी जा रही इस ब्याज सहायता के लिए 34,856 करोड़ रुपये के अतिरिक्त बजट प्रावधान की जरूरत पड़ेगी. ब्याज सहायता देने से वित्तीय संस्थानों की आर्थिक हालत भी सही रहेगी. जो किसान समय पर अपने कर्ज का भुगतान करते रहेंगे, उन्हें 4 फीसदी ब्याज पर छोटी अवधि के लोन मिलते रहेंगे.
किसान क्रेडिट कार्ड से किसानों को मिली मदद
किसान क्रेडिट कार्ड स्कीम की शुरुआत सरकार ने किसानों को सस्ता लोन मुहैया कराने के मकसद से की थी. इसके जरिए किसानों को आसानी से छोटी अवधि का लोन मिल जाता है. इसकी शुरुआत करने का मकसद यह भी था कि किसान कर्ज लेकर एग्रिकल्चर से जुड़े प्रोडक्ट और सेवाएं लें. हालांकि, सरकार ने यह भी सोचा था कि किसानों को अधिक ब्याज ना चुकाना पड़े.
सरकार यह भी चाहती थी कि सस्ता कर्ज मिलने की वजह से किसानों की प्रोडक्टिविटी बढ़े. तभी तो छोटी अवधि का एग्रिकल्चर लोन 3 लाख रुपये तक दिया जाने लगा. यह लोन खेती, पशु-पालन, डेयरी उद्योग, पॉल्ट्री फॉर्म, मछली पालन जैसे कामों के लिए मिल सकता है. इसके तहत किसानों को 7 फीसदी की दर पर लोन मिलता है. अगर वह समय पर कर्ज का भुगतान कर देते हैं तो उन्हें 3 फीसदी की अतिरिक्त छूट मिल जाती है यानी लोन सिर्फ 4 फीसदी की दर से पड़ता है.
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