मोदी और शी के प्रयासों से भारत-चीन सैन्य संबंध में हो रहा है ‘सुधार’: चीनी सेना
चीन की सेना (पीपल्स लिबरेशन आर्मी) ने बृहस्पतिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के प्रयासों से भारतीय सेना के साथ उसके संबंधों में ‘सुधार’ हो रहा है।
भारत और चीन 3,488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) साझा करते हैं। चीन के रक्षा प्रवक्ता कर्नल वू कियान ने कहा कि हाल ही में भारत में आतंकवाद रोधी संयुक्त अभ्यास ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई और क्षेत्रीय स्थिरता की रक्षा करने के दोनों तरफ के ‘इरादों’ को दिखाया है।
एक संवाददाता सम्मेलन में जब उनसे पूछा गया कि पीएलए इस साल भारत के साथ संबंधों को कैसे देखता है तो उन्होंने कहा,
‘‘चीन-भारत संबंधों में सैन्य संबंध सभी संबंधों में से सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण हैं। दोनों ही देशों के शीर्ष नेताओं को इसका श्रेय जाता है कि सैन्य संबंधों में सुधार हो रहा है और दोनों देश रणनीतिक वार्ता कर रहे हैं और व्यावहारिक संबंध बरकरार रख रहे हैं। इसके अलावा अपनी सीमाओं पर भी रणनीतिक आदान-प्रदान हो रहा है।“
उन्होंने कहा कि पीएलए 2020 में भारत की सेना के साथ अपने संबंधों की प्रगाढ़ता के लिए आशान्वित है। इस वर्ष भारत और चीन के बीच राजनियक संबंधों की 70वीं वर्षगांठ भी होगी। 21 दिसंबर को दोनों ही पक्षों ने संयुक्त आतंकवाद रोधी अभ्यास किया। यह अभ्यास सफलतापूर्वक शिलांग में पूरा हुआ।
गौरतलब है कि भारत और चीन के सम्बन्धों बीच काफी लंबे समय से बना तनाव बना रहा है। डोकलाम सीमा विवाद में भारत और चीन की सेनाओं के बीच 73 दिनों तक गतिरोध बना रहा था, हालांकि इस दौरान किसी भी तरफ से बल प्रयोग का मामला सामने नहीं आया था।
भारत और चीन एक दूसरे के व्यापारिक साझेदार हैं। चीन के लिए भारत एक बड़ा बाज़ार है और वर्तमान में कई चीनी कंपनियाँ भारत में अपने पैर पसार रही हैं, ऐसे में चीन भी भारत के साथ अपने सम्बन्धों को खराब कड़वाहट नहीं लाना चाहता है।
भारत के लिए भी चीन के साथ बेहतर संबंध रखना जरूरी है, क्योंकि चीन की कंपनियाँ भारत में अब बड़ा निवेश कर रही हैं, ऐसे में इस निवेश के चलते भारत में रोजगार के अवसर भी बन रहे हैं।