ज्यादातर रॉयल फैमिलीज़ नए उद्योग-धंधों में निवेश कर रही हैं अपनी जमा-पूंजी
"नए जमाने के साथ देश-दुनिया के राजघरानों ने भी अपनी चाल-ढाल बदल ली है। दौलत की दौड़ में शामिल हमारे देश की ज्यादातर रॉयल फैमिली अपनी बची-खुची संपत्तियां हैरिटेज होटलों के रूप में इस्तेमाल कर रही हैं। इसके साथ ही भारत से बाहर के ज्यादातर राजघराने तरह-तरह के फाइनेंशियल उद्यमों में अपनी पूंजी लगा रहे हैं।"
एक वक़्त ऐसा भी रहा है, जब हमारे देश में 550 राजवाड़े राज करते रहे हैं। हैदराबाद निजाम के 308 करोड़ रुपए के मालिकाना हक की लड़ाई तो पाकिस्तान से आज भी भारत लड़ रहा है लेकिन अंग्रेजों से देश स्वतंत्र होने के बाद राजशाही का दौर भी काफी पीछे छूट चुका है लेकिन अब देश-दुनिया के बचे-खुचे राजघराने बदलते वक़्त की बाजारवादी संस्कृति में अपने को बड़े पेशेवर तरीके से ढाल रहे हैं। इन रॉयल फैमिलीज़ की नई जनरेशन अपनी पुश्तैनी प्रॉपर्टी खास तौर से हैरिटेज होटलों के रूप में इस्तेमाल कर रही है।
राजस्थान में जोधपुर की रॉयल फैमिली अपने उमेद भवन पैलेस का कुछ हिस्सा ताज ग्रुप के साथ मिलकर पार्टनरशिप में हैरिटेज होटल के रूप में चला रही है। बीकानेर की रॉयल फैमिली की वारिस राज्यश्री कुमारी इस समय राजस्थान में कई चैरिटेबल ट्रस्ट की चेयरपर्सन होने के साथ ही हैरिटेज होटल के तौर पर चलाए जा रहे ऑपुलेंट पैलेस और लालगढ़ महल की ऑनर और अर्जुन अवॉर्डी प्रोफेशनल शूटर भी हैं। महंगी कारों के शौकीन, मेवाड़ राजघराने के प्रमुख संरक्षक अरविंद सिंह का राजस्थान के कई शहरों में एचआरएच ग्रुप ऑफ होटल्स नाम की चेन है। उनका उदयपुर की लेक पिछोला में जाग मंदिर के नाम से एक और खूबसूरत होटल चल रहा है। जयपुर की अलसीसर रॉयल फैमिली के मुखिया अभिमन्यु सिंह के पास जयपुर और रणथंभौर में कई महलों के साथ जयपुर में एक हेरिटेज होटल भी है।
राजकोट (गुजरात) की रॉयल फैमिली के युवराज मांधाता सिंह जडेजा ने सौ करोड़ रुपए बायो फ्यूल डेवलपमेंट और हाइड्रोपावर प्लांट में इन्वेस्ट किए हैं। उन्होंने अमेरिका की पिज्जा बनाने वाली कंपनी के साथ गुजरात में आउटलेट लगाने का भी समझौता किया है। बड़ौदा की गायकवाड़ रॉयल फैमिली के समरजीत सिंह गायकवाड़ अपनी बीस हजार करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी में से दो हजार करोड़ रुपए की सम्पत्ति रेजिडेंशियल, कॉमर्शियल और इंडस्ट्रियल रियल एस्टेट में लगा चुके हैं। इसी के छह सौ एकड़ में फैला है 187 कमरों वाला लक्ष्मी विलास पैलेस। उन्होंने हाल में ही अपने महल में 10 होल का गोल्फ कोर्स भी बनाया है।
कर्नाटक में मैसूर राजघराने के युवराज यदुवीर राज कृष्णदत्ता वाडियार के पास 10 हजार करोड़ से भी ज्यादा की संपत्ति है। गौरतलब है कि नए जमाने के साथ चल रही कई एक्ट्रेसेज भी रॉयल फैमिली से ताल्लुक रखती हैं। रॉयल फैमिली की होने से बावजूद उन्होंने अपने दम पर बॉलीवुड इंडस्ट्री में पहचान बनाई है। मसलन, सैफ अली, सोहा अली खान, अदिति राव हैदरी, आमिर खान पत्नी किरन राव, जहीर खान की पत्नी सागारिका, मराठी रॉयल फैमिली की भाग्यश्री, मणिपुरी शाही परिवार की सोनल चौहान, त्रिपुरा की रॉयल फैमिली से संबंध रखने वाली रिया और राइमा सेन, गाजियाबाद की रॉयल फैमिली से ताल्लुक रखने वाली अलीशा खान आदि।
प्रिवी पर्स के बावजूद देश-दुनिया के इन राजघरानों के पास दौलत का अंबार तो पहले से ही था, अपनी बची खुची विरासत संभालने के साथ ही बाजार के रास्ते इन्होंने कारोबार के नए उपायों को भी अपने साथ जोड़ लिया है। आइए, भारत के बाहर के कुछ देशों की टॉप आठ रॉयल फैमिली के बिजनेस पर एक नजर डालते हैं। इस समय थाईलैंड के राजा महा वजीरालोंगकोर्न की नेटवर्थ 30 अरब डॉलर है। इनका प्रमुख कारोबार रियल्टी और डायमंड है। इसके अलावा उनका बड़ा एक्सपोजर सीमेंट और थाईलैंड के बड़े कॉमर्शियल बैंक सियाम कॉमर्शियल बैंक में हिस्सेदारी भी है।
ब्रुनेई के सुल्तान हस्सनल बोलकाई की नेटवर्थ 20 अरब डॉलर है। ऑयल और गैस इंडस्ट्री में इनका पैसा लगा हुआ है। सउदी अरब के किंग सलमान बिन अब्दुलअजीज अल साउद की नेटवर्थ 17 अरब डॉलर है, जिनकी मीडिया ग्रुप में ऑनरशीप के अलावा देश के कुल ऑयल एक्सपोर्ट में 18 फीसदी हिस्सेदारी और फाइनेंशियल मार्केट में इन्वेस्टमेंट है।
यूनाईटेड अरब अमीरात के प्रेसिडेंट और अबू धाबी के राजा खलीफा बिन जायेद अल नाहयन अबू धाबी की इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी के चेयरमैन हैं। इनकी आय का बड़ा हिस्सा क्रूड ऑयल से आता है। मोरक्को के राजा किंग मोहम्मद की प्राइवेट होल्डिंग कंपनी है जो दूसरी अफ्रीकी देशों, बैंकिंग, टेलिकम्यूनिकेशन और एनर्जी में इन्वेस्ट करती है। इसी तरह यूएई के शेख एमीर शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मैकटाउम, ब्रिटेन क्वीन एलिजाबेथ, मोनेको के प्रिंस अल्बर्ट, ओमान के सुल्तान कबूस बिन सईद, स्पेन के किंग जुआन कार्लोस आई आदि की पूंजी फाउंडेशन, ज्वैलरी कलेक्शन, बड़े फंड हाउसों, ऑयल एंड गैस कंपनियों, फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट, फॉरेस्ट सेंचुरी आदि में भी लगी हुई है।
नए जमाने के रंग-ढंग में सोशल मीडिया का कदमताल भी महत्वपूर्ण हो चला है। ऐसे में लंदन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय को 26 लाख 58 हजार रुपए की सैलरी पर डिजिटल कम्युनिकेशंस ऑफिसर की जरूरत है। हमारे देश के तमाम राज परिवारों के लोग संसद की सियासत में शामिल हो चुके हैं।