[YS Exclusive] अपनी नई बुक को लेकर खुलकर बोले क्योरफिट के संस्थापक मुकेश बंसल, देखिए ये मजेदार इंटरव्यू
YourStory की संस्थापक और सीईओ श्रद्धा शर्मा के साथ एक विशेष साक्षात्कार में, Curefit के मुकेश बंसल ने अपनी नई किताब 'नो लिमिट्स, द आर्ट एंड साइंस ऑफ हाई परफॉर्मेंस' और कैसे एक स्वस्थ मन और शरीर के बारे में उनके विश्वास ने उनके जीवन दर्शन को आकार दिया है, के बारे में बात की।
"एक राष्ट्र के मूल्यों को अपने हाथों में उठाने के लिए केवल छह ग्राम सोना लगता है।"
ऐसा मानना है भारत की ओलंपिक गोल्ड क्वेस्ट का, जिसे 2001 में बिलियर्ड्स और स्नूकर विश्व चैंपियन गीत सेठी और बैडमिंटन विश्व चैंपियन प्रकाश पादुकोण द्वारा स्थापित किया गया था।
इस समय टेक उद्यमी मुकेश बंसल की नई बुक 'नो लिमिट्स, आर्ट एंड साइंस ऑफ हाई परफॉर्मेंस' काफी चर्चाएं बटोर रही है। इससे भी खास बात ये है कि उन्होंने बुक से आने वाली सभी आय को भारत के ओलंपिक गोल्ड क्वेस्ट को दान करने का फैसला किया है। वह पुस्तक में लिखते हैं, ‘‘यह (आय) ) उन एथलीटों का समर्थन करने की ओर अग्रसर होगी जो 2020 और 2024 के ओलंपिक में अपना स्थान बनाने की इच्छा रखते हैं।”
सुनिकॉर्न Curefit के सह-संस्थापक और सीईओ, मुकेश बंसल ह्यूमन परफॉर्मेंस ऑप्टिमाइजेशन के आजीवन छात्र रहे हैं। मुकेश खुद एक फिटनेस एंथुजिएस्ट हैं। उन्हें क्योरफिट के जरिए स्वास्थ्य और फिटनेस को एक नया आयाम देने का श्रेय दिया जाता है जो भारतीयों को शरीर, मन और आत्मा में स्वस्थ रहने के लिए एक समग्र मंच प्रदान करता है।
मैं मुकेश से काफी दिनों के बाद बात कर रही थी। कहा जाता है कि वे स्टार्टअप इकोसिस्टम में ऐसे व्यक्ति हैं जो मीडिया से काफी शर्माते हैं और इसलिए किसी इंटरव्यू के लिए उन्हें पकड़ना आसान नहीं था। लेकिन जैसा कि आप हमारी बातचीत से देखेंगे, यह प्रयास करना अच्छा रहा। हमने उनकी किताब, जीवन और काम को लेकर उनके दर्शन पर बात की। हमने उनसे क्योरफिट को एक सकारात्मक तरीके से लाखों भारतीयों को प्रभावित करने के उनके लक्ष्य और उनके फैशन ईकॉमर्स स्टार्टअप Myntra के बारे में भी बात की जिसका अधिग्रहण फ्लिपकार्ट ने किया है। हमने इस पर भी उनके विचार जाने कि एक उद्यमी किसी ब्रांड का निर्माण कैसे कर सकता है, एक मजेदार रैपिड फायर भी किया जहां उन्होंने उन सवालों के जवाब कि पैसे उनके लिए क्या है आदि।
[पूरा इंटरव्यू यहां देखें]
मुकेश का कहना है कि अपनी बुक, नो लिमिट्स के माध्यम से, वह अपनी समझ को साझा करना चाहते थे कि परफॉर्मेंस ऑप्टिमाइजेशन का मतलब केवल बिजनेस और स्पोर्ट्स में ही नहीं, बल्कि जीवन में भी है।
वह मजाकिया अंदाज में कहते हैं,
"कोई मुझसे पूछ रहा था कि क्या मैं अपनी बुक को एक लाइन में समराइज कर सकता हूं, मैंने उससे कहा, यह 50 किताबों की समरी है।" जैसा कि वह अपनी फिटनेस के लिए करते हैं, मुकेश ने हर रोज आधा घंटा लिखने का भी लक्ष्य रखा। वे कहते हैं, “हालांकि ऐसा नहीं हुआ। लेकिन मैं तीन से पांच दिन लिखने में कामयाब रहा।"
वे कहते हैं,
"यदि आप इसे थोड़ा-थोड़ा रोज करते हैं तो यह एक आदत बन जाती है।"
उनकी इस बात ने हमारे कई सवालों के जवाब दे दिए कि वे डेली वर्कआउट को लेकर इतने पैशनेट कैसे रहें हैं।
मुकेश कहते हैं,
"फिटनेस एक बहुत बड़ा परफॉर्मेंस हैक है।"
अपने बिजनेस Curefit के लिए अपने लक्ष्य के बारे में बात करते हुए, मुकेश कहते हैं कि वे अधिक से अधिक भारतीयों तक पहुंचना चाहते हैं। “हम उस प्रभाव में महत्वाकांक्षी हैं जिसे हम बनाना चाहते हैं। अन्य 10/15 वर्षों में, हम 100 मिलियन भारतीयों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाना चाहते हैं।”
मुकेश लाभप्रदता के बारे में विस्तार से बात करते हैं और आशा करते हैं कि पारिस्थितिकी तंत्र के लाभप्रदता पर ध्यान केंद्रित करने के कारण, हम बेहतर व्यवसायों को उभरता हुआ देखेंगे (आप 20.47 पर देख सकते हैं)।
उन्होंने एक उद्यमी के रूप में अपनी यात्रा के बारे में भी बात की और बताया कि वे आज जहां हैं वहां कैसे पहुंचे।
वे कहते हैं,
"एक समय में एक ही कदम चलना और एक समय में एक चीज पर ध्यान केंद्रित करना और दीर्घकालिक सोचना जरूरी है। आपको आत्म जागरूकता की आवश्यकता है और आत्मनिरीक्षण करने की भी आवश्यकता है।"
(इसे आप 23.01 पर देख सकते हैं)
इसके बाद एक मनोरंजक रैपिड फायर के साथ इंटरव्यू खत्म होता है। रैपिड फायर को बिल्कुल भी मिस न करें! इसे (29.37) पर देखें।