राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 स्टार्टअप इकोसिस्टम का पूरक है: डॉ. जितेंद्र सिंह
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत का युवा आज आकांक्षाओं का कैदी नहीं है क्योंकि इस पीढ़ी के पास प्रचुर मात्रा में आकांक्षाएं और रास्ते उपलब्ध हैं, स्टार्टअप के रूप में कई अवसर उनके दरवाजे पर दस्तक दे रहे हैं जो अब आर्थिक विकास के संचालक हैं.
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने शनिवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर को "सरकारी नौकरी" की मानसिकता को परिवर्तित करने के लिए स्टार्टअप प्रोत्साहन की आवश्यकता है.
डॉ. जितेंद्र सिंह ने जम्मू में वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR)-भारतीय एकीकृत चिकित्सा संस्थान (IIIM) द्वारा आयोजित 'यूथ कॉन्क्लेव' का उद्घाटन करते हुए कहा कि पूरे भारत में स्टार्टअप क्रांति के बीच, जम्मू-कश्मीर युवाओं की सरकारी नौकरी की मानसिकता एक बाधा साबित हो सकती है.
यूथ कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि यह भारत में सबसे अच्छा समय है क्योंकि चंद्रयान-3 और आदित्य एल-1 मिशन के सफल प्रक्षेपण ने भारतीय विद्यार्थियों के बीच वैश्विक आकांक्षाओं को जागृत किया है. डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के उद्घाटन के साथ, श्रीहरिकोटा के दरवाजे अब जनता के लिए उपग्रह/रॉकेट प्रक्षेपण का अवलोकन करने के लिए खुले हैं, जो पहले एक सपना था, लगभग दस हजार लोगों ने आदित्य-एल-1 का प्रक्षेपण देखा और चंद्रयान-3 के प्रक्षेपण के दौरान 1000 मीडियाकर्मी उपस्थित थे.
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत का युवा आज आकांक्षाओं का कैदी नहीं है क्योंकि इस पीढ़ी के पास प्रचुर मात्रा में आकांक्षाएं और रास्ते उपलब्ध हैं, स्टार्टअप के रूप में कई अवसर उनके दरवाजे पर दस्तक दे रहे हैं जो अब आर्थिक विकास के संचालक हैं.
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा उठाए गए क्रांतिकारी कदमों में से एक के रूप में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP)-2020 की सराहना करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP)-2020 स्टार्टअप इकोसिस्टम (प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा दिया गया स्टार्टअप इंडिया, स्टैंडअप इंडिया का आह्वान) का पूरक है, जो यह वादा करता है कि भारत में विद्यार्थियों और युवाओं के लिए नए करियर और उद्यमिता के अवसर उपलब्ध हैं.
डॉ. जितेंद्र सिंह ने आगे कहा कि एक से अधिक प्रवेश/निकास के विकल्प का प्रावधान शामिल किया जाना चाहिए क्योंकि इस शैक्षणिक आसानी का विद्यार्थियों पर उनकी आंतरिक शिक्षा और अंतर्निहित कौशल के आधार पर अलग-अलग समय पर विभिन्न करियर के अवसरों का लाभ उठाने से संबंधित सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.
यह कहते हुए कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP)-202 का एक उद्देश्य डिग्री को शिक्षा से अलग करना है, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि डिग्री को शिक्षा से जोड़ने से हमारी शिक्षा प्रणाली और समाज पर भी भारी प्रभाव पड़ा है. इसका एक परिणाम शिक्षित बेरोजगारों की बढ़ती संख्या है.
मोदी सरकार के 9 वर्षों के बारे में चर्चा करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि औपचारिक नौकरियों के अलावा, देश के युवाओं के लिए सरकारी क्षेत्र के बाहर भी लाखों अवसर और रास्ते तैयार किए गए हैं, चाहे वह स्टार्टअप नीति हो, मुद्रा योजना या पीएम स्वनिधि आदि हो.
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि यह अब स्पष्ट है कि जून 2020 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा अंतरिक्ष क्षेत्र को खोलने का निर्णय करने के साथ, अंतरिक्ष स्टार्टअप की संख्या केवल 04 से बढ़कर 150 हो गई और उनमें से अधिकांश का नेतृत्व विज्ञान के विद्यार्थियों, शोधकर्ताओं और उद्यमियों द्वारा किया जा रहा है.
डॉ. जितेंद्र सिंह ने आगे कहा कि वर्ष 2014 से पहले लगभग 350 स्टार्टअप थे, लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा अपने स्वतंत्रता दिवस के संबोधन में लाल किला के प्राचीर से आह्वान करने और वर्ष 2016 में विशेष स्टार्टअप योजना शुरू करने के बाद, अब 110 से अधिक यूनिकॉर्न के साथ 1.25 लाख से अधिक स्टार्टअप के साथ एक लंबी छलांग लगाई गई है. उन्होंने कहा कि इसी तरह, बायोटेक क्षेत्र में, वर्ष 2014 में 50 स्टार्टअप से, अब हमारे पास 6,000 बायोटेक स्टार्टअप मौजूद हैं.
डॉ. जितेंद्र सिंह ने भारत के सबसे पुराने वैज्ञानिक अनुसंधान संस्थानों में से एक होने के लिए CSIR-IIIM जम्मू की सराहना करते हुए कहा कि CSIR-IIIM भारत का सबसे पुराना वैज्ञानिक अनुसंधान संस्थान है, जिसका वर्ष 1960 के दशक में शानदार खोज का इतिहास और भारत में बैंगनी क्रांति का केंद्र है.
स्वागत भाषण में, CSIR-IIIM जम्मू के निदेशक डॉ. ज़बीर अहमद ने कहा कि जम्मू और कश्मीर में CSIR-IIIM जम्मू स्टार्टअप और उद्यमिता इकोसिस्टम को प्रोत्साहन प्रदान करने का प्रयास कर रहा है और आज का यह यूथ कॉन्क्लेव इसी प्रयास का हिस्सा है ताकि आज के युवाओं को सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए उद्यमिता के ढेरों अवसरों से अवगत कराया जा सके.