National Startup Day: इनोवेटिव आइडिया की वजह से कंज्यूमर्स को काफी पसंद आ रहे हैं ये D2C स्टार्टअप्स
16 जनवरी को देश भर में National Startup Day मनाया जा रहा है. यह दिन पहली बार 2016 में मनाया गया था. इसका मकसद भारतीय अर्थव्यवस्था में स्टार्टअप्स के योगदान को पहचानना और समर्थन करना है.
आज सोमवार यानी 16 जनवरी को देश भर में National Startup Day मनाया जा रहा है. यह दिन पहली बार 2016 में मनाया गया था. इसका मकसद भारतीय अर्थव्यवस्था में स्टार्टअप्स के योगदान को पहचानना और समर्थन करना है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अनुसार, स्टार्टअप नए भारत की "रीढ़" और इंजन हैं जो देश की आर्थिक वृद्धि को गति देगा. इस दिन का उद्देश्य स्टार्टअप्स के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में जागरूकता बढ़ाना और स्टार्टअप्स को अपने उत्पादों और सेवाओं को प्रदर्शित करने के लिए एक मंच प्रदान करना है.
इस मौके पर हमने कुछ ऐसे 5 D2C स्टार्टअप्स की एक लिस्ट बनाई है, जो इस समय एक उल्लेखनीय ग्रोथ हासिल कर रहे हैं. आइए जानते हैं उनके सफर के बारे में…………
Pilgrim
यह भारत के सबसे तेजी से बढ़ते पर्सनल केयर ब्रांड में से एक है. इसकी शुरुआत 2019 में अनुराग केडिया और गगनडेप मक्कड़ ने की थी. इसका उद्देश्य दुनिया भर के ब्यूटी सीक्रेट्स को भारतीय उपभोक्ताओं तक पहुंचाना था. उन्होंने पाया कि मिलेनियल कंज्यूमर्स घर बैठे दूसरे देशों में पॉपुलर ब्यूटी सीक्रेट का एक्सपीरियंस लेना चाहते हैं और इस तरह Pilgrim की शुरुआत हुई.
IIT और IIM के पूर्व छात्रों ने आज भारत में बड़े पैमाने पर पर्सनल केयर ब्रैंड के क्षेत्र में सफलतापूर्वक एक अलग नाम खड़ा किया है. अब तक, वे कोरिया, फ्रांस, स्पेन, ऑस्ट्रेलिया और अमेजन रेनफॉरेस्ट जैसे 5 देशों से ब्यूटी सीक्रेट्स लाए हैं, जो 4 अलग-अलग श्रेणियों में 75+ एसकेयू पेश करते हैं.
Kapiva
यह 2015 में शुरू हुआ एक स्वदेशी D2C आयुर्वेदिक ब्रांड है. कपिवा के को-फाउंडर अमेव शर्मा आयुर्वेद को लोगों के दैनिक जीवन का हिस्सा बनाने के मिशन पर हैं.
फाउंडर्स इस बात से वाकिफ थे कि मिलेनियल लाइफस्टाइल के मुद्दों जैसे तनाव, मोटापा, नींद की बीमारी और अधिक से अधिक गंभीर स्वास्थ्य स्थितियों का कारण बन सकता है.
इसलिए, इसका उद्देश्य सामान्य जागरूकता को बढ़ाना और उपयोग में आसान, उच्च प्रभावोत्पादक उत्पादों के साथ भारतीय उपभोक्ताओं को सशक्त बनाना है. कपिवा के प्रोडक्ट ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर लोकप्रिय हैं और देश भर में 10,500+ स्टोर में भी मौजूद हैं.
ब्रैंड एआई-आधारित आयुर्वेदिक आहार योजना के सुझावों को शामिल करने के लिए पूरी तरह तैयार है, जिसे हर ग्राहक के लिए अनुकूलित किया जाएगा. कपिवा आगे जाकर त्वचा, बाल और अन्य श्रेणियों के लिए फोर-बैलेंस प्रोग्राम शुरू करने की तैयारी में है.
Supertails.com
2021 में इसे पेट पैरेंट्स की परेशानियां हल्की करने के मकसद से शुरू किया गया था. फैक्ट ये है कि भारत में विशेष रूप से युवा लोगों के बीच पेट पैरेंट्स की संख्या तेजी से बढ़ रही है. इसमें विशेषकर कोविड के दौरान इजाफा देखा गया. जैसे ही दुनिया महामारी से उभरी, भारत में पेट केयर सेगमेंट में एक जबरदस्त इकनॉमिक ईकोसिस्टम बढ़ता हुआ देखा गया.
यह प्लैटफॉर्म पहली बार पेट पैरेंट बने लोगों की एक समुदाय बनाने पर काम कर रहा है, जिन्हें पालतू जानवरों की देखभाल से जुड़ी हर चीज के लिए सहायता और इमरजेंसी हेल्प की आवश्यकता होती है.
कंपनी एक ऐसा प्लैटफॉर्म तैयार कर रही है जहां पालतू जानवरों के पोषण से लेकर चौबीसों घंटे पालतू जानवरों की देखभाल और परामर्श तक सभी चीजें एक ही जगह मिलेंगी. आपको बता दें कि ऑर्गनाइज्ड पेट केयर मार्केट आज $1 बिलियन का होने का अनुमान है और यह 30 प्रतिशत की CAGR से बढ़ रहा है.
Slurrp Farm
इसकी शुरुआत वैश्विक खाने की आदतों को बदलने के लिए एक घरेलू D2C पैकेज्ड फूड और न्यूट्रिशन ब्रैंड के तौर पर हुई थी. 2016 में मेघना और शौर्वी द्वारा शुरू इस स्टार्टअप ने इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन ऑफ दुबई, फायरसाइड वेंचर्स, और सजीव बीखचंदानी जैसे निवेशकों से 10 मिलियन डॉलर से अधिक की फंडिंग जुटाई है.
2022 में, बॉलीवुड अभिनेत्री और सेलेब निवेशक, अनुष्का शर्मा भी एक निवेशक, एंबेडसर और स्पोक्सपर्सन के रूप में ब्रैंड के साथ जुड़ीं. फाउंडर शौरवी और मेघना ने महसूस किया कि या इंडिया में खाने में या तो स्वाद से समझौता करना पड़ता है या सेहत से.
दोनों एक समाधान खोजने के लिए उत्सुक थे. मां बनने पर जरूरत और भी ज्यादा बढ़ गई. शोध करने के बाद, दोनों ने अपनी दादी-नानी की रसोई में एक समाधान ढूंढा, और स्लर्प फार्म- एक हेल्दी फूड ब्रैंड लॉन्च किया. यह देश में बाजरा संस्कृति को पुनर्जीवित करने के मिशन पर है.
स्लर्प फार्म की मूल कंपनी होलसम फूड्स अपनी वेबसाइट और ऑनलाइन दुकानों के माध्यम से सामान बेचती है. यह वर्तमान में भारत, संयुक्त अरब अमीरात, अमेरिका और ब्रिटेन में मौजूद है.
Safegold
यह भारत में डिजिटल गोल्ड ईकोसिस्टम को रफ्तार देने वाला एक प्रमुख घरेलू प्लेटफॉर्म है. फाउंडर गौरव माथुर की मां ने एक दिन उन्हें गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम के तहत सोना जमा करने के लिए कहा. उन्होंने गूगल पर सर्च किया तो सर्च रिजल्ट ने उऩ्हें GMS के तहत सोना कैसे जमा किया जाए, इस पर पास की SBI शाखा में निर्देशित किया.
उस दिन 3-4 कर्मचारियों से बात करने के बाद उन्हें दूसरी शाखा में जाने को कहा गया. सही शाखा खोजने में उन्हें 3 दिन लगे. अंत में, सभी चक्कर लगाने के बाद उसे पता चला कि 30-40 ग्राम सोने के लिए जो वह जमा करना चाहता था, बदले में उसे केवल 500 रुपये की राशि का आधा प्रतिशत मिलेगा.
गौरव कहते हैं, ‘मुझे जो ब्याज मिलता उससे अधिक तो मैंने पेट्रोल पर खर्च कर दिया. इस भागदौड़ के बाद मुझे इतना समझ आया कि ये काम इतना समय लगने वाला और मेहनत भरा नहीं होना चाहिए था.
इस तरह, उन्होंने 2017 मेंSafeGold की शुरुआत की. यह प्लैटफॉर्म हकों को वॉल्टेड सोना खरीदने, बेचने और प्राप्त करने की अनुमति देता है. यहां कस्टमर कम टिकट साइज में और मिनटों में गोल्ड खरीद सकते हैं.