Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Yourstory

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

YSTV

ADVERTISEMENT
Advertise with us

भारत के पहले समाचार पत्र 'बंगाल गज़ट' का इतिहास

भारत के पहले समाचार पत्र 'बंगाल गज़ट' का इतिहास

Sunday January 08, 2023 , 2 min Read

दुनिया के पहले अखबार की शुरुआत यूरोप से हुई. हालांकि दुनिया में पत्रकारिता का इतिहास कई स्तरों पर विभाजित है. कोई इसे रोम से मानता है, तो वहीं कोई इसे 15वीं शताब्दीक में जर्मनी के गुटनबर्ग की प्रिंटिंग मशीन की शुरुआत से मानता है.

वहीँ, भारत का पहला अंग्रेजी भाषा का समाचार पत्र साल 1780 में बंगाल से प्रकाशित हुआ था जो उस वक़्त भारत की राजधानी भी हुआ करती थी.

देश के पहले अखबार को शुरू करने का श्रेय जाता है आयरिशमैन जेम्स ऑगस्टस हिक्की (James Augustus Hicky) को. नाम था ‘द बंगाल गजट’ (The Bengal Gazette). अंग्रेजी में निकाले गए इस अखबार को ‘द कलकत्ता जनरल ऐडवरटाइजर’ और ‘हिक्कीज गजट’ के नाम से भी जाना जाता है. यह एक साप्ताहिक अंग्रेजी समाचार पत्र था. इस अखबार के लेखक, संपादक और प्रकाशक सब हिक्की ही थे.


बंगाल गज़ट ने अपनी प्रभावी पत्रकारिता के दम पर कई लोगों के भ्रष्टाचार, घूसकांड और मानवाधिकार उल्लंघनों को उजागर किया था. अपने इन्हीं दावों में से एक दावे में बंगाल गज़ट ने उस वक़्त भारत के गवर्नर जनरल वॉरेन हेस्टिंग्स (Governor-General Warren Hastings) पर कुशासन का आरोप लगाया था. इसका नतीज़ा यह हुआ कि ईस्ट इंडिया कंपनी ने बंगाल गज़ट के मुकाबले में एक दूसरे प्रतिस्पर्धी अख़बार पर पैसा लगाना शुरू कर दिया. और हेस्टिंग्स ने हिक्की पर मुकदमा भी दायर कर दिया. हिक्की को दोषी पाये गए और उन्हें जेल जाना पड़ा.


जेल जाने के बाद भी हिक्की के हौसले पस्त नहीं हुए. वो जेल के भीतर से ही 9 महीनों तक अख़बार निकालते रहे.


लेकिन बंगाल गजट ज्यादा समय तक टिक नहीं पाया. क्योंकि अपने ऊपर लगे कई आरोपों से हिक्की परेशान हो गए थे. गर्वनर जनरल वॉरेन हेस्टिंग्स ने न सिर्फ हिक्की के सारे टाइप्स जब्त कर लिए, बल्कि उनके प्रेस को भी बंद करवा दिया.


जिसके बाद इस अखबार का प्रकाशन 23 मार्च 1782 में बंद कर दिया गया और इस तरह भारत का पहला समाचार पत्र बंद हो गया. हिक्की का बंगाल गजट दो सालों तक प्रकाशित हुआ.


हालांकि यह भी कहा जाता है कि बंगाल गजट का प्रकाशन सिर्फ इसलिए नहीं बंद हुआ, क्योंकि हिक्की पर कई आरोप मढ़ दिए गए, इसकी एक वजह यह भी है कि बंगाल गजट के संरक्षक फिलिप फ्रांसिस भी बुरे समय में हिक्की का साथ छोड़ इंग्लैंड वापस लौट गए. ब्रिटिश हुकूमत का गुस्सा और फिलिप फ्रांसिस का साथ छूटना भी बंगाल गजट के बंद होने का कारण बना.