National Startup Day: जानिए उद्यमों को लेकर क्या सोचते हैं उद्योग जगत के दिग्गज...
इस खास मौके पर उद्यमियों की आवाज में साहस, सुदृढ़ता और संकल्प की गूंज सुनाई देती है. हम यह समारोह मनाते हुए अपने भीतर छिपे उद्यमी को यह याद दिलाएं - आपकी यात्रा की कोई सीमा नहीं है, केवल असीमित संभावनाएं हैं. राष्ट्रीय स्टार्टअप दिवस की शुभकामनाएँ!
भारत को स्टार्टअप का गढ़ माना जा रहा है जहां इनोवेशन से सपने पूरे हो रहे हैं. देश में प्रगित का नया दौर चल रहा है. इसके मद्देनजर हम हर साल 16 जनवरी को राष्ट्रीय स्टार्टअप दिवस मनाते हैं. यह कैलेंडर की तारीख मात्र नहीं है बल्कि उद्यमी बनने के उत्साह और भारतीय स्टार्टअप की उपलब्धियों के सम्मान का समारोह है. यह स्टार्टअप को लेकर उत्साही लोगों के लिए खास दिन है जब वे इनोवेशन, युवाओं के सशक्तिकरण और देश की अर्थव्यवस्था में उनके योगदान की अहमियत पर चर्चा करते हैं. आज हम उन संस्थापकों के अटल संकल्प को नमन करते हैं जिन्होंने न केवल तमाम चुनौतियों का सामना किया है बल्कि हमें बड़े सपने देखने और सच करने की प्रेरणा दे रहे हैं.
इस खास दिन स्टार्ट-अप के संस्थापकों के कठिन सफर को समझने के सिलसिले में हम सबसे पहले
के सह-संस्थापक और समूह के सीईओ आशीष सिंघल के दृढ़ विश्वास की बात सुनते हैं. उनकी कहानी क्रिप्टो के कारोबार में बड़े बदलाव की संभावना साकार करती है जो भारत के सबसे बड़े क्रिप्टो ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के रूप में हमारे सामने है. आज क्वाइनस्विच के 19 मिलियन से अधिक यूजर हैं."मैं उत्तर प्रदेश के एक छोटे से शहर में पला-बढ़ा जहां मैंने पैसे कमाने के अवसरों की कमी देखी और फिर इस चुनौती से निपटने की ठान ली. क्रिप्टो की दुनिया में मेरी यात्रा 2014 में शुरू हुई जब मैंने बिटकॉइन का व्हाइटपेपर पढ़ा और इसकी असीम संभावना देख खुशी से झूम उठा. मैं ने क्रिप्टो को गहराई से समझने के लिए इसकी ट्रेडिंग शुरू की. क्वाइनस्विच के सह-संस्थापकों - गोविंद सोनी और विमल सागर तिवारी के साथ मैंने देखा कि अलग-अलग एक्सचेंजों में क्रिप्टो की कीमतें अलग-अलग थीं और सबसे सही मूल्य पर ऑर्डर पूरा करना मुश्किल होता था. यह बात सही है कि क्रिप्टो की तकनीक जटिल है, लेकिन यह जरूरी तो नहीं कि क्रिप्टो ट्रेडिंग करना भी जटिल हो. इसलिए हम ने यूजर के लिए क्रिप्टो ट्रेडिंग को आसान बनाने का काम शुरू किया. इंटरफ़ेस को इंट्यिुटिव बनाने का ध्यान रखते हुए इस कमी को दूर करना शुरू कर दिया. इस तरह 2017 में कॉइनस्विच का जन्म हुआ.
आज क्वाइनस्विच के 19 मिलियन से अधिक यूजर हैं और यह भारत का सबसे बड़ा क्रिप्टो ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म है. मेरा दृढ़ विश्वास है कि ग्राहक जिन बिन्दुओं पर आपत्ति करते हैं उन्हें गहराई से समझना और फिर समाधान देना ही सफलता का मंत्र है. यूजर की चिंताएं दूर करते हुए हम न केवल एक मबजूत कम्पनी का निर्माण कर रहे हैं बल्कि फाइनैंशियल इकोसिस्टम का दायरा भी बढ़ा रहे हैं.
उद्यमी बनने के रास्ते में तमाम कठिनाइयां आती हैं, लेकिन इससे इतनी संतुष्टि मिलती है कि आप कल्पना नहीं कर सकते हैं. भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम में एक दृढ़ संकल्प दिखता है और यह न केवल देश स्तर पर, बल्कि पूरी दुनिया के लिए इनोेवेटिव प्रोडक्ट और सॉल्यूशन बनाने में काफी सक्षम है. मुझे इसका हिस्सा बनने का गर्व है. मेरा मानना है कि हर वह उद्यमी जिसके बड़े सपने हैं, जन-जीवन में बदलाव ला सकता है और कुछ खास योगदान दे सकता है. इसलिए उद्यमी बनने का सपना और दूरदृष्टि रखने वाले सभी लोगों से मैं यही अपील करता हंू कि पहला कदम उठाएं, चुनौतियों को स्वीकार करें, अपनी विफलताओं से सीखें और आगे बढ़ते रहें. सफलता महज एक मंजिल नहीं, बल्कि अनंत यात्रा है."
इस कहानी को जारी रखते हुए
के सीईओ और सह-संस्थापक नीरव चोकसी ने अपना अनमोल दृष्टिकोण सामने रखा. उनकी सूझबूझ हमें स्टार्ट-अप इकोसिस्टम को गहराई से समझने में मदद करेगी जो अधिक सस्टेनेबल, सब के समावेश और कौशल प्रधान अर्थव्यवस्था के नए दौर में कदम रख रहा है.देश में उद्यमशीलता के दौर में तेजी के परिणामस्वरूप भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़े स्टार्टअप इकोसिस्टम बनने में सफल रहा है.
स्टार्टअप में इस तेजी से 2030 तक भारत के जीडीपी में 5-10 फीसदी बढ़ोतरी की उम्मीद है. इस बीच भारत के स्टार्टअप सुदृढ़ हो रहे हैं और सिर्फ ग्रोथ पर ध्यान देने के बजाय मुनाफा सुरक्षित रखने की दिशा में बढ़ रहे हैं.
भारत में स्टार्टअप के ग्रोथ की कहानियों में आप फंडिंग की चुनौतियों से निपटने से लेकर भयानक प्रतिस्पर्धा से आगे निकलने का दृढ़ संकल्प देखेंगे और यह भी पाएंगे कि बदलते परिवेश में किस तरह उन्होंने खुद को अनुकूल बनाया है. आज पूरी दुनिया में इनोवेटिव टेक्नोलॉजी सॉल्यूशंस की मांग बढ़ रही है. इसमें स्टार्टअप के तेजी से उभरने की संभावना दिखती है. जाहिर है, भारत एक नई अर्थव्यवस्था बनने वाला है जो सस्टेनेबल होगा, सब के विकास की ओर अग्रसर और कौशल प्रधान होगा. प्रतिभा के धनी उद्यमी भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम को मजबूत आधार दे रहे हैं. एक के बाद एक चुनौतियों के बावजूद, भारतीय उद्यमियों का अटूट और अडिग दृढ़ संकल्प स्टार्टअप इकोसिस्टम को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा.
भारत के स्टार्टअप परिदृश्य का जीवंत विवरण देते हुए
के संस्थापक और सीईओ आदित्य गुप्ता ने अपना अहम दृष्टिकोण रखा है. सार्वजनिक परिवहन का नया दौर शुरू करने वाली जैसी कम्पनियां और साइकिल से घर-घर पीज्जा पहुंचाने वालों से लेकर क्युलिनरी स्टार पैदा करने वाली की तरह आदित्य गुप्ता की कहानी भी बड़े बदलाव को दर्शाती है.ब्लूप्रिंट को धूल लगने और फुसफुसाहट में घबराहट की बात भूल जाइए - भारतीय स्टार्टअप के संसार में दौड़ने को तैयार इंजनों और साहस भरे सपनों की एक सिम्फनी सुनाई देती है. ओला जैसी कंपनियों ने सार्वजनिक परिवहन की सभी बाधाएं तोड़ दी और शहर की गलियों की धड़कन बन गईं. आज कल्पना कीजिए कि रिक्शे रॉकेट बन रहे हैं और उनके चालक उद्यमी और फिर वे लाखों लोगों के लिए नई राह बना रहे हैं. फिर जान-माना ज़ोमैटो है जिसके साइकिल सवार पीजा हीरो बन कर किसी जादूगर की तरह खाना पेश कर रहे हैं. उनका सफर देर रात काम करने, बार-बार कोड में सुधार करने और रत्ती भर संदेह को सफलता र्की इंधन बनाने की कहानी है. और नायका ने तो पूरी दुनिया का सौंदर्य परिदृश्य बदल दिया. एक भारतीय महिला मानो एक रानी बन गई हो जिसे बस ताज पहनाए जाने का इंतजार है. और क्रेडिलियो? इसमें एक चैंपियन छिपा है जो जन-जन का आर्थिक विकास करने के लिए तैयार है. यह विशाल वंचित समुदाय के भारतीयों के लिए क्रेडिट के रूप में वह भविष्य लेकर आया है जिसका यह हकदार रहा है.
क्रेडिलियो ने डिजिटल इनोवेशन के कौशल से न केवल बाजारों में, बल्कि लोगों के दिलों में भी जगह बनाई है. उनके लिए फोन पर लोन और रिवार्ड्स जैसी सेवाएं देकर जिन्दगी आसान बना दी है. तो ये हैं भारतीय स्टार्टअप्स के चमकते सितारे. सब के सब अटल और अडिग दृढ़ विश्वास रखते हैं. चुनौतियाँ पहाड़ जैसी हो सकती हैं, लड़ाइयाँ कठिन हो सकती हैं, लेकिन इन उद्यमियों के लिए हर एक बाधा एक लॉन्चपैड है. सब के सपने हैं. आप भी इनसे सीख लें. उनकी कहानियों को अपना मैप मानें क्योंकि भारत के शानदार स्टार्टअप इकोसिस्टम में जहां धैर्य की पूजा होती है और जुनून को मकसद मिलता है, आपके सपने भी उड़ान भर सकते हैं. याद रखें, आकाश सीमा नहीं है - यह तो आपका रनवे है.
इस खास मौके पर उद्यमियों की आवाज में साहस, सुदृढ़ता और संकल्प की गूंज सुनाई देती है. हम यह समारोह मनाते हुए अपने भीतर छिपे उद्यमी को यह याद दिलाएं - आपकी यात्रा की कोई सीमा नहीं है, केवल असीमित संभावनाएं हैं. राष्ट्रीय स्टार्टअप दिवस की शुभकामनाएँ!