NDTV की 26 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने के लिए Adani Group लगाएगा पूरा जोर, SEBI को लिखा पत्र
भारत के सबसे धनी व्यक्ति गौतम अडानी के समूह ने अगस्त में एक कंपनी विश्वप्रधान कमर्शियल प्राइवेट लिमिटेड (वीसीपीएल) का अधिग्रहण किया. इस कंपनी ने एक दशक से भी अधिक समय पहले एनडीटीवी के संस्थापकों को वारंट के बदले में 400 करोड़ रुपये से अधिक का ऋण दिया था.
एशिया के सबसे अमीर कारोबारी गौतम अडानी के अडानी समूह ने बुधवार को कहा कि वह एनडीटीवी के लिए खुली पेशकश करने को लेकर प्रतिबद्ध है. समूह इससे पहले एनडीटीवी में अतिरिक्त 26 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने के लिए खुली पेशकश करने से चूक गया था.
अडानी समूह ने कहा कि उसने अपनी खुली पेशकश के मसौदे पर बाजार नियामक सेबी से टिप्पणी मांगी है.
भारत के सबसे धनी व्यक्ति गौतम अडानी के समूह ने अगस्त में एक कंपनी विश्वप्रधान कमर्शियल प्राइवेट लिमिटेड (वीसीपीएल) का अधिग्रहण किया. इस कंपनी ने एक दशक से भी अधिक समय पहले एनडीटीवी के संस्थापकों को वारंट के बदले में 400 करोड़ रुपये से अधिक का ऋण दिया था. कर्ज न चुका पाने की स्थिति में एनडीटीवी के संस्थापकों ने कंपनी को मीडिया समूह में 29.18 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करने की इजाजत दी थी.
अडानी समूह द्वारा अधिग्रहण के बाद वीसीपीएल ने घोषणा की कि वह 17 अक्टूबर को एनडीटीवी के अल्पसंख्यक शेयरधारकों से अतिरिक्त 26 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने के लिए एक खुली पेशकश शुरू करेगी.
अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड ने शेयर बाजारों के बताया कि वीसीपीएल ने सेबी से ''सेबी (एसएएसटी) विनियमों के अनुसार खुली पेशकश के संबंध में दाखिल मसौदे पर अपनी टिप्पणी देने का आग्रह किया है.''
वीसीपीएल ने एएमजी मीडिया नेटवर्क्स और अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड के साथ 294 रुपये प्रति शेयर की पेशकश कीमत पर अतिरिक्त 26 प्रतिशत या 1.67 करोड़ इक्विटी शेयर हासिल करने का प्रस्ताव रखा था. अगर यह ऑफर पूरी तरह सब्सक्राइब हो जाता है तो इसकी कुल कीमत 492.81 करोड़ रुपये हो जाएगी.
एनडीटीवी का शेयर बुधवार को बीएसई में 332.90 रुपये पर बंद हुआ, जो 294 रुपये प्रति शेयर की खुली पेशकश के मुकाबले 13 फीसदी अधिक है.
शेयर बाजार को दी जानकारी के मुताबिक, ''आरआरपीआर (एनडीटीवी के प्रवर्तक) द्वारा अपनाए गए रुख के कारण यह सौदा खत्म नहीं हुआ है. वीसीपीएल अपने रुख को लेकर प्रतिबद्ध है और सेबी (शेयरों के पर्याप्त अधिग्रहण) विनियमन, 2011 के प्रावधानों के अनुसार खुली पेशकश के साथ आगे बढ़ने का इरादा रखती है. इसके तहत यह जरूरी है कि खुली पेशकश को पूरा किया जाए, भले ही अंतर्निहित लेनदेन खत्म हो गया हो.''
पेशकश का प्रबंधन करने वाली फर्म जेएम फाइनेंशियल ने इससे पहले बताया था कि खुली पेशकश अस्थाई रूप से एक नवंबर को बंद होगी.
क्या होता है ओपन ऑफर?
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड यानी सेबी (SEBI) के अनुसार वह कंपनी ओपन ऑफर ला सकती है जो किसी दूसरी कंपनी के शेयरों का अधिग्रहण कर रही हो. जब अधिग्रहण करने वाली कंपनी टारगेट कंपनी के शेयरहोल्डर्स को एक तय भाव पर शेयर बेचने का ऑफर देती है, तो उसे ओपन ऑफर कहा जाता है. देखा जाए तो एक ओपन ऑफर के जरिए कंपनी दूसरी कंपनी के शेयरहोल्डर्स को अपने शेयर बेचकर कंपनी से बाहर निकलने का मौका देती है.
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Edited by Vishal Jaiswal