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दुनिया में पहली बार Work from Home को कानूनी अधिकार बनाने जा रहा यह देश

दुनिया में पहली बार Work from Home को कानूनी अधिकार बनाने जा रहा यह देश

Monday June 27, 2022 , 3 min Read

वर्क फ्रॉम होम (work from home) यानि घर से काम करना, कई लोगों के लिए लक्जरी बन गया है. अपनी मर्जी के समय काम करने का मौका, समय की बचत और परिवार के साथ रहने जैसी सुविधाएं इसे लक्जरी बनाती भी हैं. दुनियाभर की कॉर्पोरेट कंपनियों में कोविड-19 (Covid-19) महामारी से पहले वर्क फ्रॉम होम का कल्चर चलन में तो था, लेकिन महामारी ने इसे रूटीन में ला दिया. लॉकडाउन के दौरान भी कॉर्पोरेट्स का कामकाज जारी रहा. क्योंकि एम्पलॉई टेक्नोलॉजी का सहारा लेकर घर से काम कर रहे थे. लगभग दो साल तक इसी तरह कामकाज चलता रहा.

उसके बाद, हालात जैसे-जैसे और जहा-जहां सामान्य होने लगे, कंपनियों ने ऑफिस खोलने शुरू कर दिये. एम्पलॉई ऑफिस जाने लगे. कहीं-कहीं पर ये अल्टरनेट डेज और टीम्स के बेसिस पर शुरू हुआ. लेकिन अब ये हाइब्रिड हो रहा है. मतलब कि एम्पलॉई फिर से महामारी से पहले की तरह ,ऑफिस जाने लगे हैं.

अब हाइब्रिड होने से एक मुद्दा ये सामने आ रहा है कि एम्पलॉई जॉब्स स्विच कर रहे हैं. क्योंकि वो घर से या कहीं से भी (रिमोटली) काम करना चाहते हैं. उसी सेक्टर में काम करने वाली दूसरी कई कंपनियां उन्हें वर्क फ्रॉम होम का ऑप्शन दे रही है. अप्रैल, 2021 की मैकिन्से एंड कंपनी (Mckinsey and Company) की रिपोर्ट के मुताबिक, लगभग 30 फीसदी एम्पलॉई का कहना है कि वो जॉब से स्विच कर लेंगे, जब उन्हें ऑफिस आने के लिए कहा जाएगा. वहीं 50 फीसदी से अधिक एम्पलॉई हफ्ते में 3 या ज्यादा दिन घर से काम करना चाहते हैं.

अब हाल ही में इस कॉन्सेप्ट को नए मायने देने की कवायद शुरू की है नीदरलैंड (Netherlands) ने. नीदरलैंड के दो सांसदों (स्टीवन वैन और सेना माटौग) (Steven van और Senna Maatoug) ने वर्क-फ्रॉम-होम को कानूनी अधिकार बनाने के लिए एक वैधानिक प्रस्ताव रखा है. दोनों सांसद आगामी 3 जुलाई को ग्रीष्म अवकाश के लिए सदन में जाने से पहले प्रस्ताव पेश करेंगे. यदि यह कानून संसद में पारित होता है, तो नीदरलैंड ऐसा कानून बनाने वाला दुनिया का पहला देश बन जाएगा. वैन ने कहा है कि हमें कर्मचारियों और नियोक्ताओं का समर्थन मिल रहा है.

नीदरलैंड के इस कदम के बाद कई देशों में रिमोर्ट वर्क कल्चर को अनुमति देने पर तेजी से काम होगा, ऐसी उम्मीद है.

इससे पहले पुर्तगाल की संसद ने वर्क फ्रॉम होम को लेकर एक कानून पारित किया था. इसमें एम्पलॉई की शिफ्ट खत्म होने के बाद कोई कंपनी उसे कॉल या मैसेज नहीं कर सकती है. अगर ऐसा होता है तो उस कंपनी पर जुर्माने का प्रावधान है.

दुनियाभर में कई ऐसी भी कंपनियां हैं जिन्होंने परमानेंट वर्क फ्रॉम होम लागू कर दिया है. मतलब कि उनके एम्पलॉई आजीवन घर से काम करेंगे.

गौरतलब हो कि जून महीने की शुरुआत में, टेस्ला (Tesla) के सीईओ एलन मस्क (Elon Musk) ने कंपनी के एम्पलॉय्ज को ऑफिस आने या जॉब छोड़ने के लिए अल्टीमेटम जारी किया था. ऐसे में यह देखना होगा कि बाकी देशों में और कॉर्पोरेंट कंपनियां नीदरलैंड के इस कदम को कैसे देखती हैं? क्या वो भी इसकी तर्ज पर वर्क फ्रॉम होम को बढ़ावा देंगे? क्या वो कोई कानून लाएंगे.