Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Youtstory

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

YSTV

ADVERTISEMENT
Advertise with us

भारत का पहला एकमात्र-किड्स न्यूज एग्रीगेटर है मुंबई स्थित का यह स्टार्टअप, बच्चों को देता है न्यूज एंकर बनने का मौका

भारत का पहला एकमात्र-किड्स न्यूज एग्रीगेटर है मुंबई स्थित का यह स्टार्टअप, बच्चों को देता है न्यूज एंकर बनने का मौका

Wednesday March 25, 2020 , 8 min Read

"जब भी जीवन में मुश्किलें आएं तो उनका भी लाभ उठाएं" यह एक सदियों पुरानी कहावत है जो लोगों को अप्रिय घटनाओं को अपने अनुकूल बनाने के लिए प्रोत्साहित करती है। मुंबई स्थित एडटेक-कम-मीडियाटेक स्टार्टअप किडज़बाइट (KidzByte) के सह-संस्थापक 38 वर्षीय चेतन डिसूजा के साथ भी कुछ ऐसा ही था, वे कहते हैं, "मेरे सबसे बड़े डर ने हमारे इस स्टार्टअप को जन्म दिया।"


क

(L-R) चेतन डिसूजा और स्वागत सालुंके



नौकरी खो चुके रोजी-रोटी कमाने वालों के साथ बहुत अच्छा व्यवहार नहीं होता है, खासकर अगर उनके बच्चे होते हैं तब। और यही डरावनी बात चेतन और उनके दोस्त स्वागत सालुंके (28) के साथ हुई, जब वे जिस कंपनी में काम कर रहे थे, वह अचानक अपना काम बंद कर रही थी।


बेकार बैठे हुए, दोनों ने एक नई नौकरी पाने और ईएमआई-भुगतान करने वाले व्यवस्थित जीवन पर वापस जाने के बजाय, जीरो से अपनी शुरुआत करने का फैसला किया। उन्होंने महसूस किया कि दिन-ब-दिन बच्चों में जिज्ञासा बढ़ रही है और स्क्रीनटाइम ऐसा होता जा रहा है जिसे इग्नोर नहीं किया जा सकता। यही आइडिया 2018 में किडज़बाइट की शुरुआत थी।


किडज़बाइट यंग रीडर्स (क्लास IV-XII) के लिए एक ऐप है, जो एक इनोवेटिव और किड-फ्रेंडली अप्रोच के साथ न्यूज, इन्फॉर्मेशन और करंट अफेयर्स व वर्ल्ड ईवेंट्स पर नॉलेज प्रदान करता है।


चेतन कहते हैं,

“न्यूज बिजनेस के सामने सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक यह है कि युवा दर्शकों से कैसे अपील की जाए। बच्चों को यह जानना अच्छा लगेगा कि दुनिया भर में क्या हो रहा है, लेकिन एडल्ट न्यूज चैनल और वेबसाइट कभी-कभी बच्चों के लिए डरावने, भारी या उबाऊ हो सकते हैं। आज बच्चे जिस तरह की न्यूज देखते हैं वो पर्याप्त क्यूरेटेड और उनकी उम्र के हिसाब से उपयुक्त नहीं हैं।”


ऐप में रोजमर्रा की खबरें शामिल हैं जिन्हें दैनिक रूप से अपडेट किया जाता है और स्टार्टअप की इन-हाउस टीम द्वारा क्यूरेट और लिखा जाता है, जो बच्चों के लिए सबसे उपयुक्त समाचार आइटमों का चयन करने के लिए विभिन्न प्रकाशनों के माध्यम से स्कैन करते हैं।


वे कहते हैं,

“हर आइटम एक बच्चे के अनुकूल भाषा में क्यूरेट और सरलीकृत है। हमारी कैटेगरीज कैरियर और शिक्षा, भारत और विश्व समाचार, विज्ञान से लेकर खेल तक हैं।”


चूंकि बच्चों को स्ट्रीमिंग वीडियो पसंद है, इसलिए ऐप में बच्चों के लिए एक विशेष डिजिटल न्यूज चैनल भी है, जहां न्यूज रूम सेट-अप में एनिमेटेड कैरेक्टर, बच्चों को समाचार पढ़ते हैं। ज्ञान के भूखे बच्चों के लिए, ऐप में स्पेलिंग बी कॉन्टेस्ट, लॉजिक एग्जाम और जीके-ओलंपियाड वाले बच्चों की मदद करने के लिए वोकैब लैब और ब्रेन ट्रेन जैसी कैटेगरीज हैं।


शुरुआत

एक मार्केटिंग एंड कम्युनिकेश प्रोफेशनल, चेतन के पास 16 से अधिक वर्षों का कॉर्पोरेट अनुभव है। वे NeoGrowth, Bank of America Merrill Lynch, CRISIL और Atos जैसी कंपनियों में वरिष्ठ स्तर के पदों पर काबिज रहे हैं। चेतन जब स्वागत से मिले थे, तो वे उस समय उसी कंपनी में डिजाइन एंड विजुअल कम्युनिकेशन टीम को लीड कर रहे थे, जहां दोनों साथ काम कर रहे थे।


चेतन ने बताया,

"हमने कंपनी का संचालन रुकने से पहले 2.5 साल तक वहां काम किया था और इसके रुकने से हम दोनों बेकार बैठे थे।"



तब दोनों व्यक्तिगत रूप से स्थिर नौकरी और सुरक्षित, नियोजित जीवन के साथ अपने पिछले जीवन में वापस नहीं जाने का फैसला करते हैं, और अपने परिवारों को स्टार्टअप की दुनिया में कदम रखने के लिए राजी करते हैं। हालाँकि, तीन साल के बच्चों के पिता इस बात को अच्छी तरह से जानते थे कि उनके बच्चे स्मार्टफोन कहे जाने वाले छोटे पॉकेट गैजेट्स की ओर कैसे आकर्षित होते हैं। और वहीं से, किडज़बाय का आइडिया सह-संस्थापकों के दिमाग में रिसने लगा।


चेतन कहते हैं,

“आज, बच्चे स्क्रीन पर अधिक समय बिता रहे हैं, जिसका उनके सामाजिक, भावनात्मक, संज्ञानात्मक और शारीरिक विकास पर गहरा प्रभाव पड़ता है। सीखना और मीडिया और तकनीक का समझदारी से इस्तेमाल करना जीवन के लिए एक आवश्यक कौशल है और 21वीं सदी में ये सब सीख रहा है।"


दोनों ने अपने आइडिया को आगे बढ़ाने का फैसला किया और प्रिंसिपल, शिक्षक, माता-पिता और बच्चों से बात करके अपना शोध शुरू किया। वे बताते हैं, "हमने महसूस किया कि भारी अव्यवस्थित शैक्षणिक दुनिया में अभी भी कुछ गैप था।" वे दावा करते हैं कि स्टार्टअप भारत के बच्चों के लिए पहला क्यूरेटेड न्यूज एंड नॉलेज ऐप है। सह-संस्थापकों को शुरू करने, रिसर्च करने और सर्वे शुरू करने के लिए छह महीने लग गए, और ऐप को अंततः जुलाई 2018 में Google Play Store पर लॉन्च किया गया।


बच्चों को नियमित रूप से समाचार पढ़ने और उन्हें व्यस्त रखने में मदद करने के लिए, स्टार्टअप एक सरलीकृत अनुभव प्रदान करता है। वे कहते हैं,

“हर न्यूज पीस से जुड़ी एक क्विज होती है, जो यूजर्स को अपने किडजबीट पिगी बैंक में प्वाइंट कलेक्ट करने में मदद करती है। वे हमारे प्लेटफॉर्म के माध्यम से रोमांचक पुरस्कार जीतने के लिए अपने इन प्वांट्स का इस्तेमाल कर सकते हैं।"


अपनी स्थापना के बाद से, दोनों ने आठ लोगों तक टीम का विस्तार किया है, जिसमें बच्चों के लिए विशेष न्यूज क्यूरेट करने के लिए छह सदस्यीय कंसल्टेशन टीम है।


वे बतताते हैं,

“हमने शुरुआत में मुंबई और दिल्ली के विभिन्न स्कूलों के साथ जुड़कर, छात्रों को हमारे ऐप के बारे में बताया और उन्हें ये भी बतताया कि एक बच्चे में हम कितने मूल्यों को जोड़ते हैं। हम पूरे भारत में पैरेंट्स के लिए को डिजिटल रूप से अपने ऐप को प्रमोट करते हैं।”


आज, किडज़बाइट के अपने प्लेटफॉर्म पर एक लाख रजिस्टर्ड यूजर्स हैं।


मीडिया प्रोफेसन को एक्सप्लोर करना

किडज़बाइट न केवल समाचार जानने और करंट अफेयर्स के बारे में बच्चों की जिज्ञासा को पूरा करता है, बल्कि उन्हें एक पत्रकार के पेशे का पता लगाने में भी मदद करता है। वे बताते हैं,

“रिकग्निशन और रिवार्ड सिस्टम बच्चों के साथ सबसे अच्छी तरह से काम करता है। KidzByte ने एक विशेष जूनियर जर्नलिस्ट सेगमेंट लॉन्च किया है, जहाँ KIDS के लिए न्यूज, BY KIDS बनाया गया है! हमारे नए एलीट प्रोग्राम के साथ, बच्चों को यह अनुभव होता है कि एक पेशेवर पत्रकार बनना कैसा है।"


यह प्रोग्राम हैंड्स-ओन एक्सपीरियंस, मेंटॉरिंग सेसन्स, राइटिंग वर्कशॉप्स, स्टार्टअप के सोशल मीडिया चैनलों पर आने का मौका, पार्टिसिपेशन सर्टिफिकेट और स्पेशल किडज़ाइट हैम्पर्स प्रदान करता है।





टॉप परफॉर्म करने वाले बच्चों को लोकल ईवेंट्स पर रिपोर्ट करने, लोगों का इंटरव्यू करने, लेटेस्ट फिल्मों पर समीक्षा प्रस्तुत करने और बहुत कुछ करने का मौका मिलता है।


बाजार और प्रतियोगिता

1.3 बिलियन की आबादी के साथ, भारत में 10 से 18 वर्ष के बीच के 260 मिलियन बच्चे हैं। और, स्टार्टअप का मानना है कि देश में इसका पर्याप्त बड़ा बाजार है जिसे भुनाना है। वे कहते हैं,

“इनमें से, शहरी भारत में ग्रेड 4 से ग्रेड 12 तक के करीब 32 मिलियन स्कूली बच्चे स्मार्टफोन इंटरनेट एक्सेस के साथ हैं। यह इंडस्ट्री 4.5 बिलियन डॉलर में आंकी गई है।"


इसके लिए चेतन सेंसस इंडिया 2011, सेकेंडरी रिपोर्ट और RedSeer एनालिसिस जैसी रिपोर्टों का हवाला देते हैं।


आमतौर पर, किडज़बाइट के तीन अलग-अलग ऑडियंस हैं - बच्चे जो यजर्स हैं, माता-पिता जिनके फोन का उपयोग बच्चे करते हैं, और एजुकेटर्स जो प्रभावशाली के रूप में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।


वे कहते हैं,

"हम वर्तमान में स्कूल संपर्क कार्यक्रमों, समाज संपर्क कार्यक्रमों और ऑनलाइन चैनलों के माध्यम से सभी तीन ऑडियंस कैटेगरीज तक पहुंचने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।"


किडज़बाइट के प्रतियोगी ज्यादातर बच्चों के लिए प्रिंट मीडिया स्पेस में और कुछ वेबसाइट स्पेस में हैं। चेतन ने बताया,

"हम 9 और 17 (ग्रेड 4 से 12) के आयु वर्ग के बच्चों के लिए विशेष रूप से पहले विशेष समाचार ऐप के रूप में तैनात हैं।"


बिजनेस मॉडल और ग्रोथ

अब तक, ऐप के एक लाख से अधिक रजिस्टर्ड यूजर्स हैं, और यह किड्स-फोकस्ड ब्रांडों से पेड कंटेंट को पब्लिश कर राजस्व कमाता है। स्टार्टअप ने दिसंबर 2019 में एक फ्रीमियम वर्जन भी लॉन्च किया और अपने मौजूदा आधार के कम से कम पांच प्रतिशत को वार्षिक ग्राहकों में बदलने की उम्मीद कर रहा है।





चेतन के अनुमान के मुताबिक, आज एक ऐवरेज ट्वीन अपने फोन / टैबलेट पर दो घंटे के करीब खर्च करता है। वहीं, एक औसत यूजर किडज़बाइट ऐप पर रोजाना लगभग 15 मिनट खर्च करता है। चेतन कहते हैं,

"हम एक्स्ट्रा-करिकुलम सिलेबस और प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं में अपने ज्ञान-आधारित श्रेणियों को भी बढ़ रहे हैं।"


इस स्तर पर स्टार्टअप, यूजर ट्रैक्शन प्राप्त करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है और अपने ऐप के लिए बल्क स्कूल सब्सक्रप्शन प्राप्त करने की दिशा में काम कर रहा है। इससे स्टार्टअप को आवर्ती राजस्व प्रणाली के साथ एक बड़ा भुगतान करने वाला उपयोगकर्ता आधार तैयार करने में मदद मिलेगी। यह इस वर्ष की पहली छमाही में राजस्व उत्पन्न करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।


फंडिंग और फ्यूचर प्लान्स

मार्च 2019 में, किडज़बाइट को द गोयल ग्रुप के प्रबंध निदेशक प्रणय गोयल और वेब डेवलपमेंट, डाइव-बार, ईटरी और साथ ही एक प्रिसिम्स ऑपरेशनल इंटेलिजेंस जैसी इसकी ग्रुप कंपनियों से 2 करोड़ रुपये का सीड फंड प्राप्त हुआ था। अपनी पहुंच बढ़ाने और अपनी पेशकश को मजबूत करने के लिए इस साल के अंत में फंडिंग का एक और दौर बढ़ाने पर भी विचार कर रही है।


इसके अलावा, स्टार्टअप ने पूरे भारत में बच्चों तक पहुंचने के लिए हिंदी और अन्य स्थानीय भाषाओं में ऐप लॉन्च करने की योजना बनाई है। स्टार्टअप का उद्देश्य बच्चों, अभिभावकों और शिक्षकों को नवोन्मेषी साधनों के माध्यम से निष्पक्ष और भरोसेमंद जानकारी और मीडिया और प्रौद्योगिकी की शक्ति का दोहन करने के लिए एक स्वतंत्र आवाज प्रदान करके सशक्त बनाना है।


चेतन कहे हैं कि

"हम बच्चों को एक हेल्दी स्क्रीन टाइम ऑप्शन प्रदान करने और कल के जिम्मेदार नागरिक बनने के लिए दैनिक पढ़ने में मदद करने के मिशन पर हैं।"