इलेक्ट्रिक व्हीकल वालों के लिए बड़े काम की है नीति आयोग की E-AMRIT ऐप, कैसे?
नीति आयोग (Niti Aayog) ने हाल ही में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी (electric mobility) के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए E-AMRIT नाम से एक मोबाइल एप्लिकेशन लॉन्च करने की घोषणा की. इसके अलावा, आयोग ने भारत में एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल बैटरी रियूज़ एण्ड रिसायकलिंग मार्केट (Advanced Chemistry Cell Battery Reuse and Recycling Market in India) पर एक रिपोर्ट भी लॉन्च की.
क्या है E-AMRIT?
E-AMRIT — की फुल फोर्म Accelerated e-Mobility Revolution for India's Transportation है. इसे Google Play Store से डाउनलोड किया जा सकता है. ऐप यूजर्स को एंगेजमेंट टूल्स जैसी महत्वपूर्ण जानकारी देता है जो उन्हें इलेक्ट्रिक वाहनों (electric vehicles - EVs) के लाभों तक पहुंचने और बचत निर्धारित करने में सक्षम बनाता है.
ऐप भारतीय ईवी मार्केट में होने वाले लेटेस्ट डेवलपमेंट्स के बारे में पूरी जानकारी देता है.
E-AMRIT मोबाइल ऐप, EVs के लिए बनाए गए e-Amrit वेब पोर्टल का अपडेटेड वर्ज़न है. e-Amrit वेब पोर्टल को पिछले साल यूनाइटेड किंगडम के ग्लासगो में COP26 शिखर सम्मेलन (COP26 Summit) में लॉन्च किया गया था. वेबसाइट ने EVs को अपनाने, उनकी खरीद, निवेश के अवसरों, नीतियों और सब्सिडी के अलावा अन्य चीजों के बारे में भी जानकारी दी.
COP26 के प्रेसीडेंट आलोक शर्मा ने पोर्टल के लॉन्चिंग प्रोग्राम के दौरान कहा था, "भारत दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा और सबसे तेजी से बढ़ने वाला व्हीकल मार्केट है. यह इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को आगे बढ़ाने की व्यापक क्षमता प्रदान करता है. जीरो एमिशन व्हीकल्स (Zero Emission Vehicles - ZEVs) में बदलाव अच्छी तरह से चल रहा है और तेजी से बढ़ रहा है. इससे 100,000 नई ई-मोबिलिटी नौकरियां पैदा हो रही हैं. टेक्नोलॉजी लागत घटेगी. हम जिस हवा में सांस लेते हैं वह स्वच्छ रहेगी और आयातित ईंधन पर हमारी निर्भरता को कम होगी."
COP26 जलवायु शिखर सम्मेलन में शुरू किए गए यूके के ग्लासगो ब्रेकथ्रू के लिए समर्थन और साइन अप करने वाले 42 नेताओं में भारत शामिल है. भारत यूके और यूएस के साथ सड़क परिवहन पर ग्लासगो ब्रेकथ्रू का सह-संयोजक भी है.
ब्रेकथ्रू ऑन रोड ट्रांसपोर्ट का उद्देश्य 2030 तक सभी क्षेत्रों में जीरो एमिशन व्हीकल्स - जैसे दो और तिपहिया, कार, वैन और भारी शुल्क वाले वाहन - अधिक किफायती, सुलभ और टिकाऊ बनाना है.