नितिन गडकरी ने लॉजिस्टिक लागत को 14-16% से घटाकर 10% करने पर दिया जोर
AIMA के 49वें राष्ट्रीय प्रबंधन सम्मेलन - 'एडवांटेज इंडिया: थ्राइविंग इन द न्यू वर्ल्ड ऑर्डर' को संबोधित करते हुए नितिन गडकरी ने कहा कि केंद्र और राज्यों को एक टीम के रूप में मिलकर काम करते हुए सार्वजनिक परिवहन को प्रोत्साहित करने की जरूरत है.
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने हितधारकों के बीच सहयोग, समन्वय और बातचीत से लॉजिस्टिक लागत को 14 - 16% से घटाकर 10% करने पर जोर दिया है. 'क्लाइमेट गोल्स: टेक्नोलॉजिकल रोडमैप टू नेट जीरो' (Climate Goals: Technological Roadmap to Net Zero) कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि लॉजिस्टिक लागत (logistics cost) को कम करने से एक बड़ी बचत होगी और उससे निर्यात में 50% की वृद्धि हासिल की जा सकती है जो हमारी अर्थव्यवस्था के लिए बहुत महत्वपूर्ण है.
गडकरी ने प्रदूषण के बारे में बात करते हुए कहा कि हम 16 लाख करोड़ जीवाश्म ईंधन का आयात कर रहे हैं जो बहुत अधिक प्रदूषण पैदा कर रहा है. उन्होंने कहा कि यात्रा के समय को कम करने के लिए 27 ग्रीन एक्सप्रेस हाईवे बनाने का निर्णय लिया गया है और दिसंबर के अंत तक नए हाईवे होंगे, जिनमें दिल्ली से चंडीगढ़ की यात्रा का समय 2 1/2 घंटे, दिल्ली से अमृतसर 4 घंटे, दिल्ली से कटरा 6 घंटे, दिल्ली से श्रीनगर 8 घंटे और दिल्ली से मुंबई 12 घंटे, दिल्ली से जयपुर दो घंटे और चेन्नई से बैंगलोर जाने पर भी दो घंटे का समय लगेगा. उन्होंने कहा कि भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था वाला देश बनाने के प्रधानमंत्री के विजन को हासिल करने के लिए प्रौद्योगिकी, नवाचार और अनुसंधान बहुत महत्वपूर्ण हैं.
AIMA के 49वें राष्ट्रीय प्रबंधन सम्मेलन - 'एडवांटेज इंडिया: थ्राइविंग इन द न्यू वर्ल्ड ऑर्डर' को संबोधित करते हुए नितिन गडकरी ने कहा कि केंद्र और राज्यों को एक टीम के रूप में मिलकर काम करते हुए सार्वजनिक परिवहन को प्रोत्साहित करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि भारत युवा और प्रतिभाशाली इंजीनियरिंग जनशक्ति, कुशल कार्यबल और कम श्रम लागत के साथ एक बड़ा घरेलू बाजार है. उन्होंने ऊर्जा और बिजली क्षेत्र में कृषि के विविधीकरण और जैव इथेनॉल, एलएनजी और जैव सीएनजी जैसे वैकल्पिक ईंधन के उपयोग पर जोर दिया. गडकरी ने कहा कि नैतिकता, अर्थव्यवस्था और पारिस्थितिकी एवं पर्यावरण समाज के तीन सबसे महत्वपूर्ण स्तंभ हैं.
आपको बता दें कि हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति (National Logistics Policy - NLP) का शुभारंभ किया है. प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसे में राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति हर क्षेत्र के लिए नई ऊर्जा लेकर आई है. उन्होंने कहा कि नीति तो एक शुरुआत होती है, नीति और प्रदर्शन से प्रगति तय होती है. उन्होंने समझाया कि पॉलिसी के साथ प्रदर्शन के पैरामीटर, रोड़मैप और टाइमलाइन जब जुड़ जाते हैं तो वह प्रगति के रूप सामने आती है.
राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति की आवश्यकता महसूस की गई क्योंकि भारत में अन्य विकसित अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में लॉजिस्टिक्स खर्च बहुत अधिक है. घरेलू और निर्यात, दोनों बाजारों में भारतीय सामानों की प्रतिस्पर्धात्मकता में सुधार के लिए लॉजिस्टिक्स लागत को कम करना अनिवार्य है.