भारत के हर गांव वासी, किसान और पालतू पशु का इंश्योरेंस करवाता है GramCover
देश के हर एक गांव में इंश्योरेंस सर्विसेज मुहैया कराने के लक्ष्य से आगे बढ़ रहा है इंश्योरटेक स्टार्टअप GramCover. यह भारत का पहला आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI)-बेस्ड पैनलेस कैटल टैगिंग सॉल्यूशन — GAI (Gramcover AI) डेवलप कर रहा है.
भारत में डिजिटलीकरण बढ़ने से इंश्योरेंस सेक्टर दिन-ब-दिन गजब की तरक्की कर रहा है. ग्रोथ और इनोवेशन की गाड़ी फुल स्पीड पर दौड़ रही है. बीते साल जून में, देसी कंसल्टेंसी फर्म रेडसीर (Redseer) द्वारा जारी एक नई रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2022 में ओवरऑल इंश्योरेंस मार्केट 131 अरब डॉलर का था. इसके वित्त वर्ष 2026 तक 222 अरब डॉलर तक पहुंचने के आसार हैं. यह 13 फीसदी की CAGR (compound annual growth rate) से बढ़ रहा है. इसमें से इंश्योरटेक मार्केट 2 अरब डॉलर (2021 तक) का है और वित्त वर्ष 2026 तक इसके 13 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है.
आज यहां हम जिस स्टार्टअप से आपको रूबरू करवाने जा रहे हैं, वो भी इंश्योरटेक सेक्टर में आगे बढ़ रहा है. यह स्टार्टअप है
हाल ही में YourStory ने GramCover के को-फाउंडर और सीईओ ध्यानेश भट्ट से बात की.
GramCover ग्रामीण भारत की आबादी के लिए इंश्योरेंस सर्विसेज मुहैया करने का काम करता है. यह इंश्योरेंस प्रोवाइडर कंपनियों और ग्रामीणों के बीच एक तरह का मध्यस्थ है. ताकि ग्रामीण भारत में बिना किसी जोखिम के लोगों को इंश्योरेंस सर्विसेज मिल सके. स्टार्टअप ग्रामीण आबादी के बीच इंश्योरेंस के महत्व के प्रति जागरूकता फैलाने, उन्हें किफायती कीमत वाले इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स खरीदने में मदद करता है.
शुरुआत
को-फाउंडर और सीईओ ध्यानेश भट्ट, जोकि IIM अहमदाबाद के पूर्व छात्र हैं, को कॉर्पोरेट वर्ल्ड में डेढ़ दशक से अधिक का अनुभव है. उन्होंने अलग-अलग सेक्टर में स्केलेबल और सस्टेनेबल इंश्योरेंस सॉल्यूशन तैयार करने के लिए सरकार, कॉर्पोरेट, फाइनेंशियल इंस्टीट्यूट्स और टेक कंपनियों, स्टेकहोल्डर्स के साथ काम किया है. GramCover से पहले, वह भारत के तीसरे सबसे बड़े सामान्य बीमाकर्ता ICICI Lombard से जुड़े थे.
2016 में यूपी के नोएडा में उन्होंने जतिन सिंह (फाउंडर और डायरेक्टर) और रिषभ गर्ग (को-फाउंडर और सीटीओ) के साथ मिलकर GramCover की नींव रखी.
कैसे काम करता है GramCover
ध्यानेश बताते हैं, "स्टार्टअप इंश्योरेंस करने वाली कंपनियों के एजेंट्स को ग्रामीण भारत में कदम रखने में मदद करता है. GramCover Partner मोबाइल ऐप का उपयोग करके और इसकी सपोर्ट, सर्विसिंग टीम से जुड़कर लोग अपने लिए बेहतर इंश्योरेंस प्रोडक्ट चुन सकते हैं. इसके पास वेब डैशबोर्ड के साथ पूरी तरह से डिजिटाइज्ड ऐप फ्लो है."
GramCover के पास प्रशिक्षित और IRDAI (Insurance Regulatory and Development Authority of India) द्वारा प्रमाणित 7000+ लोकल POSP (Point of Sales Partners) का बड़ा नेटवर्क है.
कंपनी 20 से अधिक प्रमुख भारतीय बीमाकर्ताओं में से चुनने के लिए विभिन्न प्रकार की पॉलिसीज के बारे में जानकारी देती है.
ध्यानेश बताते हैं, "GramCover का ऑनबोर्डिंग प्रोसेस पेपरलेस है. आपको बस एक मोबाइल, जन धन खाता और आधार कार्ड चाहिए. कंपनी POSP या इंश्योरेंस एजेंट्स के लिए प्रोडक्ट्स और विकल्पों की रेंज को आसान बनाता है. यह पेमेंट सर्विसेज मुहैया करता है, ताकि ग्राहक कैश में भी पेमेंट कर सकें, जिसे ग्रामकवर का वॉलेट डिजिटल पेमेंट में बदल देता है. ऐप का वॉलेट बीमाकर्ता को पेमेंट करता है जिसका प्रोडक्ट रीयल-टाइम में बेचा गया है और एजेंट उनका कमीशन देता है."
बिजनेस मॉडल
GramCover को IRDAI से इंश्योरेंस ब्रोकर का लाइसेंस मिला हुआ है. कंपनी का मोटो है "डी-रिस्किंग रूरल इंडिया" है. स्टार्टअप ग्रामीण आबादी को निर्बाध रूप से इंश्योरेंस सर्विसेज मुहैया कराने के लिए एक टेक्नोलॉजी-बेस्ड इंश्योरेंस डिस्ट्रीब्यूशन और सर्विसिंग मॉडल बनाने पर केंद्रित है.
दिसंबर 2017 में अपना लाइसेंस प्राप्त करने के बाद, ग्रामकवर की टीम ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana - PMFBY) के तहत गैर-कर्जदार किसानों को कवरेज देने के लिए कई बीमा कंपनियों के साथ काम किया है.
रबी 17-18 से शुरू होकर पिछले 3 सीजन में, ग्रामकवर ने योजना के तहत 1.4 लाख से अधिक लाभार्थियों को जोड़ा है.
स्टार्टअप का दावा है कि इसकी स्थापना के बाद से 3.5 करोड़ से अधिक किसानों ने GramCover के जरिए इंश्योरेंस खरीदा है, और कंपनी ने वित्त वर्ष 2019-20 में 10 करोड़ डॉलर के इंश्योरेंस प्रीमियम की दलाली की है.
ध्यानेश बताते हैं, "ग्रामकवर ने 1.7 करोड़ से अधिक ग्रामीण ग्राहकों के साथ काम किया है. कंपनी ने ₹110 करोड़ प्रीमियम वैल्यू के फसल, मोटर, पशुधन और स्वास्थ्य जैसे इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स बेचे हैं. कंपनी का लक्ष्य ₹1,000 करोड़ के प्रीमियम लक्ष्य के साथ अगले दो से तीन वर्षों में 10 करोड़ से अधिक किसानों का बीमा करना है."
ध्यानेश आगे बताते हैं, "GramCover वर्तमान में बिहार, पश्चिम बंगाल, असम, उत्तराखंड, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र में मौजूद है. यह देश भर में अपनी उपस्थिति को और बढ़ाने की योजना बना रहा है."
फंडिंग और चुनौतियां
GramCover ने अब तक कुल 9 करोड़ डॉलर की फंडिंग जुटाई है. साल 2016 में इसे 1 करोड़ की फंडिंग मिली थी. करीब तीन साल बाद, 2019 में स्टार्टअप को 50 लाख की फंडिंग मिली. इसने साल 2020 में डेढ़ लाख की फंडिंग जुटाई. अक्टूबर 2021 में GramCover ने 6 करोड़ रुपये जुटाए. इसका आखिरी फंडिंग राउंड इसी साल जनवरी महीने में था, जब इसने 1.2 करोड़ रुपये की फंडिंग जुटाई थी.
स्टार्टअप की चुनौतियों के बारे में पूछने पर ध्यानेश बताते हैं, "लास्ट माइल कनेक्टिविटी, ग्रामीण आबादी के बीच विश्वास पैदा करना, ग्रामीण आबादी के बीच कम साक्षरता दर, टेक्नोलॉजी के बारे में कम जानकारी आदि मुख्य चुनौतियां रहीं, जिनका हमने सामना किया. इनके अलावा जटिल और सामान्य नीतियां जिन्हें समझना मुश्किल है."
GramCover बेची गई इंश्योरेंस पॉलिसीज से रेवेन्यू कमाता है. हालांकि, को-फाउंडर ने आंकड़ों का खुलासा नहीं किया.
भविष्य की योजनाएं
ध्यानेश बताते हैं, हमारा लक्ष्य अगले दो वर्षों में 5 करोड़ ग्रामीण उपभोक्ताओं को इंश्योरेंस सर्विसेज मुहैया करना है.
हम किसानों के लिए बीमाकर्ताओं, एजेंटों, दलालों, POSP और पशु चिकित्सकों से कैटल (पशु) इंश्योरेंस वैल्यू चेन को सशक्त बनाने के लिए भारत का पहला आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI)-बेस्ड पैनलेस कैटल टैगिंग सॉल्यूशन — GAI (Gramcover AI) डेवलप कर रहे हैं.