30 नवंबर: देश-दुनिया के इतिहास में आज के दिन की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ
ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार 30 नवंबर वर्ष का 334 वाँ (लीप वर्ष में यह 335 वाँ) दिन है। साल में अभी और 31 दिन शेष हैं।
30 नवंबर की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ
1731 - बीजिंग में भूकंप से लगभग एक लाख लोग मरे।
1759 - दिल्ली के सम्राट आलमगिर द्वितीय की उनके मंत्री ने हत्या की।
1939 - तत्कालीन सोवियत रूस ने सीमा विवाद को लेकर फिनलैंड पर आक्रमण किया।
1961 - तत्कालीन सोवियत संघ ने संयुक्त राष्ट्र की सदस्यता के लिये कुवैत के आवेदन का विरोध किया।
1965 - गुड़ियों का संग्रहालय दिल्ली की स्थापना मशहूर कार्टूनिस्ट 'के. शंकर पिल्लई' ने की थी।
1997 - भारत-बांग्लादेश विवादित सीमा क्षेत्र में यथास्थिति बनाये रखने पर सहमत।
1999 - सं.रा. अमेरिका के उत्तर पश्चिम 'सिएटल' में विश्व व्यापार संगठन का तीसरा अधिवेशन प्रारम्भ। विश्व के बड़े मीटर वेव रेडियो टेलीस्कोप का पुणे के समीप नारायण गांव में उदघाटन।
2000 - अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव मामले में अल गोर ने पुनर्मतगणना की अपील की। प्रियंका चोपड़ा मिस वर्ल्ड बनीं।
2001 - विश्व प्रसिद्ध पॉप गायक जार्ज हैरीसन का निधन।
2002 - आईसीसी ने जिम्बाव्वे में न खेलने वाले देशों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की चेतावनी दी।
2004 - बांग्लादेश की संसद में महिलाओं के लिए 45 प्रतिशत सीटों वाला विधेयक पारित।
2008 - मुम्बई में हुए आतंकी हमले के बाद सरकार ने संघीय जाँच एजेंसी के गठन की घोषणा की। सरकार ने एसएटी रिजवी वेतन समिति का कार्यकाल बढ़ाने का निर्णय लिया।
30 नवंबर को जन्मे व्यक्ति
1835 - प्रसिद्घ लेखक मार्क ट्वैन।
1858 - प्रसिद्ध वैज्ञानिक जगदीश चन्द्र बोस
1989 - भक्ति शर्मा - भारतीय तैराक हैं।
1944 - मैत्रेयी पुष्पा - हिंदी की प्रसिद्ध साहित्यकार हैं।
1931 - रोमिला थापर, भारतीय इतिहासकार
1936 - सुधा मल्होत्रा - हिन्दी फ़िल्मों की प्रसिद्ध पार्श्व गायिका।
1888 - गेंदालाल दीक्षित - भारत के प्रसिद्ध क्रांतिकारी थे।
30 नवंबर को हुए निधन
2014 - जारबोम गारलिन - भारतीय राजनीतिज्ञ और अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे थे।
2010 - राजीव दीक्षित - भारतीय वैज्ञानिक और स्वदेशी आंदोलन प्रणेता।
2012 - इन्द्र कुमार गुजराल - भारत के बारहवें प्रधानमंत्री
1915 - गुरुजाडा अप्पाराव- प्रसिद्ध तेलुगु साहित्यकार
1909 - रमेश चन्द्र दत्त - अंग्रेज़ी और बंगला भाषा के प्रसिद्ध लेखक, ये धन के बहिर्गमन की विचारधारा के प्रवर्तक तथा महान् शिक्षाशास्त्री थे।