Brands
YSTV
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Yourstory

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

Videos

कभी नक्सलवादी रही ये महिलाएं अब हैं छत्तीसगढ़ पुलिस बल हिस्सा

कभी नक्सलवादी रही ये महिलाएं अब हैं छत्तीसगढ़ पुलिस बल हिस्सा

Wednesday May 22, 2019 , 3 min Read

महिला कमांडो (तस्वीर साभाार- हिंदुस्तान टाइम्स)

देश में नक्सलवाद के मामले में अगर कोई राज्य आगे है तो वो छत्तीसगढ़ है। आए दिन नक्सलवादियों द्वारा किए जा रहे हमले से न जाने कितने सुरक्षाकर्मियों की जान चली जाती है। दुखद है कि इस समस्या का अभी तक कोई ठोस हल नहीं निकाला जा सका है। समय-समय पर अभियान चलाकर नक्सलियों को मुख्यधारा में लाने के प्रयास किए जाते हैं। ऐसा ही प्रयास इन दिनों किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ पुलिस आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को पुलिस का हिस्सा बना रही है।


छत्तीसगढ़ पुलिस ने छह प्लाटून में नक्सलियों को सुरक्षा बलों में शामिल किया है। इनमें से पांच पुरुष प्लाटून हैं, जबकि छठी प्लाटून में 30 महिलाएं हैं, जिनमें वे नक्सली हैं जो आत्मसमर्पण कर चुके हैं। जिला रिजर्व गार्ड के हिस्से वाले इन प्लाटून को 'दंतेश्वरी लड़ाके' के नाम से जाना जाता है, और इनका नेतृत्व पुलिस उप अधीक्षक दिनेश्वरी नंद करते हैं। यह बल फिलहाल राज्य के मालांगीर के जंगल क्षेत्र में तैनात है।


दंतेवाड़ा के पुलिस अधीक्षक अभिषेक पल्लव ने हिंदुस्तान टाइम्स को बताया, “हम इस यूनिट के माध्यम से महिला नक्सलियों को आत्मसमर्पण करने और मुख्यधारा की ताकत में शामिल होने के लिए प्रेरित कर रहे हैं और दूसरी बात यह है कि आत्मसमर्पण करने वाली महिला कैडरों को पुलिस में नौकरी पाने में मदद करने और इस प्रकार समाज में उनके उचित पुनर्वास और पुनर्बलन की सुविधा के लिए प्रयास किया जा रहा है।" 


देवी दंतेश्वरी के नाम पर, आरक्षित गार्ड की महिलाओं की प्लाटून ने पिछले साल दिसंबर में कांकेर जंगल वारफेयर कॉलेज में प्रशिक्षण शुरू किया और मार्च में खत्म हुआ। रिजर्व गार्ड टीम में स्थानीय आदिवासियों के कुछ लोग शामिल हैं, जिन्होंने माओवादियों और पूर्व विशेष पुलिस अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण किया था।


अभिषेक ने हिंदुस्तान टाइम्स से कहा, “हमने उन्हें रणनीति और युद्ध के बारे में विशेष प्रशिक्षण दिया है और अब तक वे त्वरित कार्रवाई टीमों में बहुत प्रभावी हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि ये कमांडो आसानी से ग्रामीण वेशभूषा में रहते हैं।”इस टास्क फोर्स को बाइक की सवारी, और उन्नत हथियारों को संभालने जैसी ट्रेनिंग दी जा चुकी है। फोर्स में शामिल दिनेश्वरी कहती हैं, 'किसी भी मामले में महिला कमांडो पुरुषों से कम नहीं हैं। महिलाओं का फोर्स में शामिल होना बस्तर पुलिस के लिए सम्मान की बात है।'


छत्तीसगढ़ पुलिस खुफिया इकाई के अधिकारियों के अनुसार, रिजर्व बल का उपयोग नक्सलियों की जानकारी जुटाने में भी किया जा सकता है। एक खुफिया अधिकारी ने हिंदुस्तान टाइम्स को बताया, "इस क्षेत्र में अधिकांश खुफिया स्रोत महिलाएं हैं और इसलिए यह पलटन बहुत प्रभावी हो सकती है।"


यह भी पढ़ें: आईसीसी द्वारा मैच के लिए नियुक्त होने वाली पहली महिला रेफरी बनीं जीएस लक्ष्मी