500 वर्ग फुट में शुरू हुआ दिल्ली स्थित साड़ी का रिटेल स्टोर ओढ़नी, अब कर रहा है 80 करोड़ रुपये का कारोबार
एक मजबूत जुड़ा हुआ पारिवारिक रिश्ता जब एक साझेदारी में बदल जाता है, तो एक साम्राज्य का निर्माण होता है और इन दो देवरानियों की जोड़ी, अंजू जैन और शशि जैन ने इस बात को साबित किया है।
1999 में, पहले से मौजूद पारिवारिक व्यवसाय से कुछ अलग करने की इच्छा रखते हुए और भारतीय फैशन बाजार में अंतर को देखते हुए, अंजू और शशि ने ओढ़नी नामक एक महिला एथनिक वियर ब्रांड लॉन्च किया।
एक बातचीत में ओढ़नी के निदेशक यतिन जैन (37) ने बताया,
“मेरी माँ और मेरी ताईजी (चाची) ने 500-वर्ग फुट में साड़ी के रिटेल स्टोर के साथ शुरुआत की थी। वे घर से बाहर जाना चाहती थीं और अपने समय और प्रतिभा का उपयोग करना चाहती थीं और मेरे पिता ने उनका समर्थन किया। उन्होंने अपनी बचत में से 15 लाख रुपये डाले और ओढ़नी को शुरू किया।”
बातचीत के कुछ अंश
ओढ़नी क्या है? और व्यापार को कैसे शुरू किया था?
यतिन जैन: ओढ़नी सूट, साड़ी, गाउन, इंडो-वेस्टर्न कुर्तियां और एसेसरीज सहित महिलाओं के एथनिक वस्त्र बनाती और बेचती है। ओढ़नी का प्रमुख स्टोर, 20,000-वर्ग फुट में फैला है जो दिल्ली के पीतमपुरा में स्थित है, और यह उत्तर भारत में महिलाओं के परिधानों के सबसे बड़े खुदरा स्टोरों में से एक है।
हमारे सभी प्रोडक्ट्स को लेटेस्ट फैशन ट्रेंड्स को ध्यान में रखते हुए सौंदर्य से डिजाइन और तैयार किया गया है। हमारे प्रोडक्ट की सभी उम्र की महिलाओं द्वारा उनकी कलात्मक उत्कृष्टता के लिए सराहना की जाती है, जो स्थानीय अलंकरणों और कंटेंपररी प्रिंटों के रचनात्मक उपयोग के साथ मिश्रित होते हैं। इसके अलावा, अपनी लॉजिस्टिक क्षमताओं की मदद से, हम घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में बड़ी संख्या में ग्राहक को प्रोडक्ट उपलब्ध कराने में सक्षम हैं।
ओढ़नी तब शुरू की गई थी जब मेरी मां और ताईजी ने फैसला किया था कि उन्हें अपने समय और प्रतिभा का उपयोग किसी ऐसी चीज में करना चाहिए जो एक रचनात्मक आउटलेट के रूप में काम कर सके।
कई चीजों पर विचार-विमर्श के बाद जब उन्होंने सोचा कि वे एक साथ शुरू कर सकती हैं, तो दोनों ने एक एथनिक वियर स्टोर की जीरो से शुरुआत की। आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों से प्रतिक्रिया लेने और उन्हें अपने कलेक्शन प्रोवाइड करने के बाद, उन्होंने अपने घर के पास एक 500-वर्ग फुट की दुकान खरीदी और ऐसी जर्नी पर निकल पड़ीं जो उत्साह और चुनौतियों से भरी थी।
प्रारंभिक चरण में, दोनों ने एथनिक वियर में प्रयोग के महत्व को महसूस किया और लोगों की डिमांड के साथ आने का निर्णय लिया। बाजार की जरूरतों की समझ के चलते वे तेजी से आगे बढ़ने लगीं। बाद में, पुनीत जैन (मेरे चचेरे भाई) और मैंने बिजनेस में प्रवेश किया हालांकि हम तब भी कॉलेज में थे, जिसके बाद मेरी माँ और ताईजी ने खुशी-खुशी हम पर ज़िम्मेदारियाँ सौंपने लगीं।
हमने लोगों का विश्वास हासिल किया। उसके बाद ओढ़नी ने पीतमपुरा, विकास मार्ग और कोहाट एन्क्लेव में तीन एक्सक्लूसिव स्टोर का विस्तार किया। सभी स्टोर संयुक्त रूप से 50,000 वर्गफुट के कुल एरिया को कवर करते हैं जिनमें 400 लोगों की एक टीम भी शामिल है।
आज, ओढ़नी का सालाना कारोबार 80 करोड़ रुपये है।
आप ओढ़नी के वाइड रेंज गारमेंट्स कहां मैन्युफैक्चर करत हैं और मटेरियल कहां से सोर्स करते हैं?
यतिन: हम अपनी कुछ रेंजों का निर्माण फरुखाबाद, मुंबई, सूरत, कोलकाता, और बहुत से बुनकरों को डिजाइन देकर कराते हैं। हमारी पूरी रेंज आउटसोर्स है। उदाहरण के लिए, हम मुंबई से रेडीमेड और कॉटन साड़ियां मंगाते हैं, बरेली से चिकनकारी और रेशम की साड़ियां मंगाते हैं, भुज से बंधनी और पचोला साड़ी, कोयम्बटूर से सिल्क साड़ी और सुंदरनगर से इक्कत साड़ियां मंगाते हैं। हम एक महीने में 15 दिन ट्रैवल करते हैं और इन क्षेत्रों में स्थित बुनकरों और थोक विक्रेताओं से मटेरियल और प्रोडक्ट लेते हैं।
आप एक ऐसे पारिस्थितिकी तंत्र में कैसे सर्वाइव कर रहे हैं जहां लोग ऑनलाइन खरीदारी की ओर बढ़ रहे हैं?
यतिन: भारत में, हर कोई अलग दिखना चाहता है और इसलिए, इस 1,00,000 करोड़ रुपये के बाजार में बहुत गुंजाइश है। एथनिक वियर एक ऐसी श्रेणी है, जहाँ लोग वैरायटी चाहते हैं, जो ऑनलाइन स्पेस प्रदान नहीं कर सकता है। एथनिक वियर में बहुत अधिक विशिष्टता है और लोग खरीदारी करने से पहले कपड़ों को छूना और महसूस करना चाहते हैं। इन सभी चीजों के बारे में एक ऑनलाइन माध्यम में केवल विवरण और जानकारी ही प्रदान की जा सकती है लोग उसे छू कर महसूस नहीं कर सकते हैं और इसलिए, हमें ऑनलाइन स्पेस से डर नहीं है। हालाँकि, इंडस्ट्री के ट्रेंड्स के साथ जुड़े रहते हुए, हम अमेजन, Flipkart, Myntra, Paytm, Limeroad और कई प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध हैं। लेकिन इन पोर्टल्स पर हमारे कलेक्शन की रेंज अलग-अलग है।
व्यवसाय को बनाए रखने और आगे बढ़ाने में आपके सामने चुनौतियां क्या हैं?
यतिन: किसी व्यवसाय को बढ़ाने में सबसे बड़ी चुनौती स्टोरों का विस्तार और बाजार में सफलता को बनाए रखना है। दूसरा ये कि लेटेस्ट ट्रेंड्स के साथ खुद को अपडेट रखना। इसमें लोगों की मानसिकता का अध्ययन करने और फिर ऐसे उत्पादों के साथ आने की आवश्यकता होती है जो समझदार ग्राहकों की परीक्षा में पास हों। जो कोई भी लेटेस्ट ट्रेंड्स को समझता है, उसकी डिमांड हमेशा रहती है।
यह सवाल मुझे हमारी यात्रा की एक घटना की याद दिलाता है, जहाँ हम अपना सारा उत्साह खो चुके थे और सब बंद करने वाले थे। यह एक ऐसा समय था जब दिल्ली सरकार ने हमारे सहित बाजार की सभी दुकानों को बंद (ceiled) कर दिया था। हम बहुत निराश होकर रह गए।
अन्य उद्यमी अपने स्टॉक को किसी तरह सस्ती कीमतों पर बेच रहे थे। उनके पेमेंट ब्लॉक होने से थोक व्यापारी और आपूर्तिकर्ता दुविधा में थे। लेकिन हमने ऐसा नहीं किया। इसके बजाय, हमने अपने स्टोर के बाहर ई-रिक्शा पर एक दुकान लगाई और उत्पादों को बेचना शुरू कर दिया। यहां तक कि हमने अपने घर में जगह का इस्तेमाल किया, जहां ग्राहक आते थे और कपड़े खरीदते थे। हमने कोई कोई पेमेंट नहीं रोका बल्कि एडवांस में नया स्टॉक खरीदा। किसी भी व्यवसाय में चुनौतियां अनेक हैं और किसी को भी पीछे नहीं हटना चाहिए। इसके बजाय, उनका सामना करें और आगे बढ़ें।
आप अपने व्यवसाय में तकनीक का उपयोग कैसे कर रहे हैं?
यतिन: हम अपने मटेरियल को रीस्टोर करने और पुनर्स्थापित करने के लिए इन्वेंट्री मैनेजमेंट, ऑर्डर प्लेसमेंट और पुनःपूर्ति में टेक्नोलॉजी का उपयोग कर रहे हैं। यह हमें स्टॉक की उपलब्धता, उपभोक्ता के 360 डिग्री के दृश्य और सेवा विकास में ग्राहक की आवाज को प्रदर्शित करने में मदद करता है। बी 2 बी ऑपरेशन को डिजिटल करने से फैशन ब्रांडों को विभिन्न कलेक्शन बनाने में अधिक कुशल बनने का अवसर मिलता है।
आपकी भविष्य की क्या योजनाएं हैं?
यतिन: उत्तर भारत के लिए 30 दुकानों के विस्तार के साथ, वर्ष 2025 तक ओढ़नी 1,000 करोड़ रुपये के राजस्व का लक्ष्य हासिल करने का लक्ष्य लेकर चल रही है। इसके अलावा, हम ग्राहक की अन्य जरूरतों जैसे आभूषण, मेकअप आर्टिस्ट, एक्सेसरीज आदि को भी उपलब्ध करना चाहते हैं।