ओडिशा फोनी तूफान: मदद जुटाने के लिए मॉल पहुंचे तो धक्के देकर निकाला बाहर
इन दिनों ओडिशा फोनी चक्रवात से बुरी तरह प्रभावित है। सरकारों के अलावा गैर सरकारी संगठन और तमाम भले लोग चक्रवात से प्रभावित लोगों की मदद के लिए आगे आ रहे हैं। पुणे में रहने वाले सोफेन कुमार जेना भी अपने स्तर से मदद जुटाने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन सुशील कुमार जब पुणे के एक मॉल में जब फण्ड इकट्ठा करने के लिए पहुंचे तो उन्हे बुरे अनुभव से गुजरना पड़ा। मॉल के अधिकारियों ने उन्हें धक्का मारकर बाहर निकाल दिया।
मूल रूप से ओडिशा के रहने वाले सुशील कुमार जेना ने अमेरिका से पढ़ाई की है। अभी वह पुणे में एक मल्टीनेशनल कंपनी में कार्यरत हैं। ओडिशा में आए तूफान ने सुशील को द्रवित कर दिया। वे मदद के लिए सड़कों पर बैनर लेकर लोगों से मदद इकट्ठा करने पहुंच गए। इसी क्रम में वह शहर के नगर रोड पर स्थित फिनेक्स मार्केट सिटी मॉल में पहुंचे, लेकिन वहां अधिकारियों ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया। 31 वर्षीय सुशील कुमार ने बताया कि उन्हें न केवल मॉल से बाहर किया गया बल्कि उन्हें मॉल के बाहर फुटपाथ पर खड़े होने से भी मना किया गया।
सुशील भुवनेश्वर के रहने वाले हैं और इन दिनों पुणे के वाडगाओनशेरी में रहते हैं। उन्होंने कोलकाता से पीएचडी की है और अमेरिका से पोस्ट डॉक्टरल की पढ़ाई। वे बताते हैं कि अमेरिका में जब टेक्सस में आपदा आई थी तो वहां के स्थानीय मॉल को फंड इकट्ठा करने के लिए इस्तेमाल किया गया। पुणे मिरर से बात करते हुए सुशील बताते हैं, 'शाम 5.30 बजे के करीब मैं अपने रूममेट के साथ फिनेक्स मार्केट सिटी मॉल की तरफ गया। मेरे हाथ में एक पोस्टर था जैसे ही मैं मॉल के भीतर घुसा तो सुरक्षाकर्मियों ने मुझे वहां अंदर जाने से रोक दिया गया। इसके बाद अंदर से एक अधिकारी आए और उन्होंने कहा कि यह एक बिजनेस सेंटर है कोई चैरिटी करने वाली जगह नहीं।'
सुशील ने उन्हें बताया कि उनके पास इतना वक्त नहीं हैं कि वे सिक्योरिटी परमिशन के लिए दौड़ भाग करें। इसके बाद वे मॉल के बार फुटपाथ पर आ गए, लेकिन मॉल के बाउंसर्स ने उन्हें वहां से भी भगा दिया। हालांकि सुशील को सिर्फ इसी मॉल में बुरे अनुभव से गुजरना पड़ा। इसके पहले एक रेस्टोरेंट में गए थे जहां उन्हें अच्छी प्रतिक्रिया मिली और लोगों ने लगभग 6,500 रुपये दिए। उन्होंने बताया कि यहां तक कि वड़ा पाव बेचने वाले दुकानदारों ने ओडिशा तूफान से प्रभावित लोगों की मदद करने के लिए पैसे दिए।
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