Brands
YSTV
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Yourstory
search

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

Videos

ADVERTISEMENT
Advertise with us

जानें, ओडिशा के इन 2 दोस्तों ने मिलकर कैसे खड़ा किया 8 महीने में 80 लाख रुपए का बिज़नेस

जानें, ओडिशा के इन 2 दोस्तों ने मिलकर कैसे खड़ा किया 8 महीने में 80 लाख रुपए का बिज़नेस

Monday September 30, 2019 , 4 min Read

क्या होता है जब एक फ़िल्ममेकर और एक ब्रैंड स्ट्रैटजिस्ट साथ मिलकर अपना काम शुरू करते हैं? बचपन के दोस्त स्मरणिका जेना और सुश्रुत मोहन्ती ने एक साथ एंटरप्राइज़ेज़ और स्टार्टअप्स को सर्विसेज़ देने के उद्देश्य के साथ एक क्रिएटिव ऐडवरटाइज़िंग एजेंसी, माइंडबाउन्ड क्रिएटिव्स की शुरुआत की।


स्मरणिका मार्केटिंग के बैकग्राउंड से ताल्लुक रखती हैं और वह कॉग्निज़ैंट टेक्नॉलजी सॉल्यूशन्स के साथ बतौर ऐनालिसिस प्रोग्रामर काम कर चुकी हैं। उन्हें ब्रैंडिंग का अच्छा अनुभव है। सुश्रुत एक फ़िल्ममेकर हैं और फ़िल्ममेकिंग से 15 साल की उम्र से जुड़े हुए हैं और इसलिए उनके पास कंपनी में क्रिएटिव पक्ष को संभालने की जिम्मेदारी है। 


दोनों ने मिलकर 2018 में भुवनेश्वर, ओडिशा से माइंडबाउंड क्रिएटिव्स की शुरुआत की। यह एक ब्रैंडिंग और ऐडवरटाइज़िंग सॉल्यूशन्स कंपनी है। अब कंपनी ने अपना बेस बेंगलुरु में शिफ़्ट कर लिया है।


k

टीम Mindbound Creatives


माइंडबाउंड क्रिएटिव्स की को-फ़ाउंडर और सीईओ स्मरणिका कहती हैं,

"हमने एक स्टोरीटेलिंग प्लैटफ़ॉर्म के तौर पर कंपनी लॉन्च की थी, जहां पर हम ऑन्त्रप्रन्योर्स, सामाजिक कार्यकर्ताओं आदि की कहानियां और बातचीत दर्शकों के सामने रखते थे। स्मरणिका ने जानकारी दी माइंडबाउंड की शुरुआत 1.5 लाख रुपए की बूटस्ट्रैप्ड फ़ंडिंग के साथ की गई थी।"


स्टोरीटेलिंग के क्षेत्र में काम करते हुए कंपनी के फ़ाउंडर्स को यह एहसास हुआ कि क्रिएटिव स्टोरीटेलिंग और विज़ुअल मीडियम की ब्रैंडिंग ठीक तरह से नहीं हो पा रही है और इसलिए दोनों ने एंटरप्राइज़ेज़, स्टार्टअप्स और अन्य डिजिटल एजेंसियों के लिए विडियो प्रोडक्शन का काम शुरू किया। फ़ाउंडर्स का दावा है कि माइंडबाउंड पहली सब्सक्रिप्शन आधारित कॉन्टेन्ट एजेंसी है, जो विडियो प्रोडक्शन का काम भी कर रही है। 

8 महीने में 80 लाख रुपए तक पहुंचा रेवेन्यू

माइंडबाउंड की क्रिटएिव टीम संयुक्त रूप से मनोविज्ञान, यूज़र्स के व्यवहार, डिजिटल स्ट्रैटजी, सिनेमैटोग्राफ़ी, एडिटिंग, मोशन ग्राफ़िक्स और प्रोजेक्ट मैनेजमेंट की पृष्टभूमियों से ताल्लुक रखती है और टीम स्टोरीटेलिंग टूल का इस्तेमाल करते हुए ब्रैंड और उसके उपभोक्ताओं के बीच एक सार्थक रिश्ता क़ायम करने की कोशिश करती  है।  


हाल ही में कंपनी ने क्रिएटिव क्षेत्र में व्यक्तिगत इकाई के रूप में काम कर रहे अननिगत प्रोफ़ेशनल्स की आवाज़ बुलंद करने के लिए "से नो टू फ़्री वर्क्स' नाम से एक कैंपेन भी लॉन्च किया।




k

सुश्रुत मोहन्ती, को-फाउंडर, Mindbound Creatives


स्मरणिका बताती हैं,

"हमारी कंपनी एक बीटूबी वेंचर है। पेटीएम (Paytm), बीएमडब्ल्यू (BMW), इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन, हायपरकनेक्ट, क्लेन्स्टा, बिगीज़ बर्गर, बुकिंगजिनी जैसे एंटरप्राइज़ेज़ और स्टार्टअप्स कंपनी के साथ बतौर क्लाइंट जुड़े हुए हैं।"


सिर्फ़ 8 महीने के समय में, माइंडबाउंड का ग्रॉस रेवेन्यू 80 लाख रुपए से ज़्यादा है और कंपनी का प्रॉफ़िट मार्जिन 40 प्रतिशत तक है। कंपनी प्रोजेक्ट और सब्सक्रिप्शन आधारित, दोनों ही तरह के मॉडल्स के साथ काम करती है। स्मरणिका कहती हैं,

"हम क्वॉलिटी को ध्यान में रखते हुए सब्सक्रिप्शन मॉडल के अंतर्गत एक समय में सिर्फ़ 10 क्लाइंट्स के साथ काम करते हैं।"

सफलता की कहानी बयान करते पुरस्कार

माइंडबाउंड को ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक द्वारा यंग इनोवेटर ऑफ़ ओडिशा पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। कंपनी को यह सम्मान स्टार्टअप इंडिया ओडिशा यात्रा 2018 के दौरान मिला। कंपनी के फ़ाउंडर बताते हैं कि इस साल ही ओडिशा का एकमात्र ऐसा स्टार्टअप बना, जिसने आईआईटी दिल्ली से डब्ल्यूईई फ़ेलोशिप हासिल की हो। स्मरणिका ने बताया कि उनकी कंपनी को सिंगापुर के एक ट्रेड शो इनोवफ़ेस्ट अनबाउन्ड में प्रदर्शनी लगाने का भी मौक़ा मिला।


कंपनी के पास 8 लोगों की मुख्य टीम है और साथ ही, 25 से ज़्यादा फ़्रीलांसर्स भी उनके साथ जुड़े हुए हैं। हाल में कंपनी दिल्ली, बेंगलुरु, चेन्नई और भुवनेश्वर में अपने ऑपरेशन्स चला रही है। 


आईबीईएफ़ की रिपोर्ट के मुताबिक़, भारत के डिजिटल ऐडवरटाइज़िंग मार्केट के 2020 तक 25, 500 करोड़ रुपए के आंकड़े से भी आगे पहुंचने की संभावना है। हाल में कंपनी की फ़ंडिंग जुटाने की कोई योजना नहीं है। स्मरणिका कहती हैं,

"हम भारत और विदेश दोनों ही जगह की कंपनियों को बतौर क्लाइंट अपने साथ जोड़ने की जुगत में लगे हुए हैं।"