अबकी नहीं रुलाएगा प्याज़, सरकार ने लगाया है ये खास अनुमान
प्याज़ के बढ़े हुए दामों पर रोने के बाद अब सरकार बेहतर अनुमान लेकर आई है। सरकार का मानना है कि इस बार प्याज़ लोगों को रुला नहीं सकेगा। इसी के साथ अन्य सब्जियों का भी उत्पादन इस बार बढ़ने की उम्मीद है।
प्याज़ के बढ़े हुए दामों से लोगों के बेहाल होने के बाद सरकार इस बार प्याज़ के उत्पादन को बढ़ाने पर ध्यान केन्द्रित किया है। सरकार की मानें तो साल 2019-20 (फसल की अवधि) में प्याज़ के उत्पादन को 7 प्रतिशत बढ़ाना चाह रही है।
प्याज़ के उत्पादन की बात करें तो फसल वर्ष 2018-2019 की तुलना में इस बार अधिक उत्पादन का अनुमान है। पिछले वर्ष जहां 22.81 मिलियन टन प्याज़ का उत्पादन हुआ था, वहीं अबकी साल 24.45 मिलियन टन प्याज़ के उत्पादन का अनुमान है।
कृषि मंत्रालय की मानें तो पहले मॉनसून में देरी फिर अचानक भीषण बारिश ने प्याज़ की फसल को 22 प्रतिशत तक का नुकसान पहुंचाया था, जिसके चलते प्याज़ की सप्लाई पर बुरा असर पड़ा और परिणामस्वरूप प्याज़ के दाम अचानक आसमान छूने लगे। गौरतलब है कि प्याज़ कि खेती खरीफ (गर्मी के मौसम में) व रबी (सर्दी के मौसम में) दोनों ही सीजन में की जाती है।
प्याज़ के इन बढ़ते दामों के चलते सरकार को बाहरी देशों से प्याज़ आयात करना पड़ा। सरकार के इस कदम के बाद ही बाज़ार में प्याज़ की कीमतों में कमी दिखाई दी, जिसके बाद 160 रुपये प्रति किलो के दाम तक पहुँच गया प्याज़ 60 रुपये प्रति किलो तक आ गया।
कृषि मंत्रालय के अनुमान की मानें तो इस बार सिर्फ प्याज़ का ही उत्पादन नहीं बढ़ेगा, आलू, टमाटर समेत अन्य सब्जियों का भी उत्पादन पिछले वर्षों की तुलना में अधिक होगा। फलों में सेब का उत्पादन जरूर बढ़ेगा, लेकिन अन्य फलों जैसे आम, केला और अंगूर के उत्पादन में कमी आने का अनुमान है।
फलों के कुल उत्पादन को लेकर मंत्रालय के अनुमान की मानें तो इस साल यह उत्पादन 95.74 मिलियन टन रहेगा, जबकि पिछली साल यही आंकड़ा 97.9 मिलियन टन था।