कभी थे कैब ड्राइवर अब हैं सफल यूट्यूबर, अपनी कमाई से कर रहे हैं जरूरतमन्द लोगों की मदद
आज गोल्डी सड़कों के किनारे लगे फूड स्टॉल से जुड़ा कंटेन्ट अपने यूट्यूब चैनल के जरिये दुनिया भर के लोगों तक पहुंचा रहे हैं। इस तरह गोल्डी उन फूड स्टॉल संचालकों के संघर्ष की कहानी भी लोगों के सामने ला रहे हैं।
"सफलता के रास्ते पर तेजी से आगे बढ़ रहे गोल्डी सिंह के लिए असल में उनका यह सफर इतना आसान नहीं था। गोल्डी के अनुसार जब परिवार की जरूरत को देखते हुए उन्होने कैब चालानी शुरू की थी तब उन्हें अपनी पत्नी के गहने तक बेंचने पड़े थे, हालांकि अब यूट्यूब ने उन्हें आर्थिक तौर पर वापस से मजबूत होने में बड़ी मदद की है।"
यूट्यूब की दुनिया में तेजी से आगे बढ़ रहे गोल्डी सिंह आज से 2 साल पहले तक बतौर कैब ड्राइवर काम किया करते थे। मीडिया से बात करते हुए गोल्डी सिंह बताते हैं कि वो 18-18 घंटे लाजपत नगर मेट्रो स्टेशन पर बिताया करते थे। अपनी इस शुरुआत से पहले एक ड्राइवर की इस कठिन जिंदगी का उन्हें बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था, लेकिन तब वह किसी तरह अपना घर चलाना चाहते थे।
शुरुआत में गोल्डी को इस बात का भी बिल्कुल आइडिया नहीं था कि यूट्यूब चैनल किस तरह काम करता है और इससे कमाई किस तरह की जा सकती है। हालांकि यूट्यूब की यात्रा शुरू करने के कुछ समय बाद ही गोल्डी के जीवन में सबसे बड़ा पल तब आया जब उनका एक वीडियो वायरल हो गया।
यूट्यूब से मिली आर्थिक मदद
आज भारत समेत दुनिया के तमाम कोनों से लोग गोल्डी के इन यूट्यूब वीडियोज़ को देख रहे हैं। गोल्डी के यूट्यूब पर आज 3 लाख से अधिक सब्सक्राइबर्स हो चुके हैं, जबकि उनके चैनल पर अब तक करीब 4 करोड़ व्यूज़ भी आ चुके हैं। गोल्डी को उनके चैनल पर हर महीने औसतन 26 लाख व्यूज़ मिल रहे हैं।
सफलता के रास्ते पर तेजी से आगे बढ़ रहे गोल्डी सिंह के लिए असल में उनका यह सफर इतना आसान नहीं था। गोल्डी के अनुसार जब परिवार की जरूरत को देखते हुए उन्होने कैब चालानी शुरू की थी तब उन्हें अपनी पत्नी के गहने तक बेंचने पड़े थे, हालांकि अब यूट्यूब ने उन्हें आर्थिक तौर पर वापस से मजबूत होने में बड़ी मदद की है।
अपने चैनल की शुरुआत के साथ गोल्डी कैब चालकों पर वीडियो बनाने के साथ ही कुछ टेक्निकल वीडियो भी बनाया करते थे, हालांकि बाद में उन्होने अपने चैनल पर खाने से जुड़े वीडियो भी बनाने शुरू कर दिये थे।
अपनी कमाई से करते हैं मदद
आज गोल्डी सड़कों के किनारे लगे फूड स्टॉल से जुड़ा कंटेन्ट अपने यूट्यूब चैनल के जरिये दुनिया भर के लोगों तक पहुंचा रहे हैं। इस तरह गोल्डी उन फूड स्टॉल संचालकों के संघर्ष की कहानी भी लोगों के सामने ला रहे हैं।
गोल्डी के अनुसार इस दौरान उन्होने यह सोचा कि क्यों न किसी गरीब की मदद की जाए और इसी के साथ उन्होने ऐसे जरूरतमंद लोगों के लिए स्टील की कार्ट बनवनी शुरू कर दी। गोल्डी ने अपनी इस पहल की शुरुआत दिल्ली की मशहूर ‘तंदूर वाली आंटी’ से की थी, जो महज एक रुपये में लोगों को रोटी खिलाती हैं।
गोल्डी की इस पहल की शुरुआत के साथ उन्हें लोगों का समर्थन मिलना भी शुरू हो गया। इस बीच गोल्डी ने ‘मिसेज़ इडली’ नाम से मशहूर स्टॉल को भी मदद पहुंचाने का काम किया था। इतना ही नहीं, गोल्डी सिंह का यह नेक काम लगातार जारी है और इसके लिए वो अपनी कमाई का 10 प्रतिशत सिर्फ जरूरतमंदों की मदद के लिए खर्च करते हैं।
गोल्डी को उनका ईमानदार और मिलनसार व्यक्तित्व उन्हें बेहतरीन प्रेजेंटर बनाता है, गोल्डी अपनी भावनाओं को छिपाने का प्रयास नहीं करते हैं बल्कि वो जैसे हैं वैसे ही नज़र आते हैं और उनके व्यूवर्स को उनका यही अंदाज बेहद पसंद है।
Edited by Ranjana Tripathi